मधेपुरा के लिए यह एक सुखद संयोग है कि जहाँ एक ओर 29 मई को ‘भूपेन्द्र चौक’ पर समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल की पुण्यतिथि पर प्रातः 7:30 बजे से उनकी प्रतिमा पर शहर के गणमान्यों द्वारा माल्यार्पण किया जा रहा है तो दूसरी ओर 3:30 बजे से संत अवध बिहारी कीर्ति नारायण देवकृष्ण महाविद्यालय परिसर में उनकी पुण्यतिथि पर ‘श्रद्धांजलि सभा’ की जा रही है |
और इन दोनों के बीच अवस्थित उन्हीं के नाम वाले भू.ना.मंडल विश्वविद्यालय में 23 वाँ कुलपति के रूप में डॉ.ए.के.राय द्वारा पदभार ग्रहण किया जा रहा है- 2:00 बजे अपराह्न में | नवनियुक्त कुलपति डॉ.अवध किशोर राय द्वारा- ‘आराम हराम है’ को गले लगाते हुए जिस तरह राष्ट्रपति डॉ.कलाम पदभार ग्रहण करते ही सांसदों के बीच बस यही उद्घोष किया था- “कल करो सो आज कर”……. उसी तरह सभी स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्षों को विश्वविद्यालय पुस्तकालय में बिठाकर नये कुलपति ने बस इतना ही कहा-
‘बेपटरी हुए पठन-पाठन को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ अनियमित हुए शैक्षणिक-सत्रों के नियमितीकरण के लिए हम सब मिलकर पुरजोर कोशिश करेंगे………. तभी NACC के लिए हमारे कदम आगे बढ़ सकेंगे |’
मधेपुरा अबतक द्वारा जब समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी से इस बाबत टिप्पणी करने को कहा गया तो डॉ.मधेपुरी ने बस यही कहा कि सदा पटरी पर दौड़नेवाले टी.एम भागलपुर विश्वविद्यालय का छात्र मैं भी रहा हूं | उसी विश्वविद्यालय में पढ़े, बढ़े और शिक्षक रहकर प्रतिकुलपति बने डॉ.राय के अनुभव का फायदा इस विश्वविद्यालय को तो मिलेगा ही मिलेगा , साथ ही वहीँ से आ रहे प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली के सुर-में-सुर मिले होने के फलस्वरूप हर काम को तेजी से अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा |