Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri felicitating Rajmistri Harinandan Yadav, Rijwan Alam, Electricians Shivkumar, Arvind Kumar, Sanjay Mukhiya, Gajjo Mukhiya, Laxman Das, Vikas Kumar, Ram Kumar, Mahendra Sah and others on the occasion of Majdoor Diwas at Bhupendra Pratima Sthal Madhepura.

भूपेन्द्र प्रतिमा स्थल पर 1 मई को बेहतरीन काम करने वाले मजदूरों को डॉ.मधेपुरी ने किया सम्मानित

समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने 1 मई यानी ‘मजदूर दिवस’ के दिन समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल की प्रतिमा के सामने भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में विशेष योग्यता वाले मजदूरों को अंगवस्त्रम, पाग, माला व मिठाई देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मजदूर दिवस का दिन न केवल श्रमिकों को सम्मान देने का दिन होता है बल्कि आज का दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज उठाने का भी दिन होता है ताकि उन्हें भी समान अधिकार मिल सके। समानता की बातें करते हुए डॉ.मधेपुरी ने सरकार से मांग की कि छोटे-मोटे काम करने वाले श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद कम से कम 5000 रुपए प्रतिमाह पेंशन अवश्य मिले। क्योंकि, देश का कोई भी काम श्रमिकों द्वारा किए बिना पूर्ण नहीं होता। इसलिए तो श्रम को सम्मान देना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। तभी तो श्रमिकों की मेहनत, लगन एवं कार्य क्षमता को आज देश ही नहीं दुनिया सलाम करती है। अतः श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी सरकार को लेनी चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में श्रमिकों अथवा उनके परिजनों को मिलने वाली सहायता की राशि भी बढ़ाई जानी चाहिए। क्योंकि, शिक्षक की तरह श्रमिक भी विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण एवं विकास के लिए निरंतर क्रियाशील रहता है। श्रमिक दिवस पूर्णरूपेण श्रमिक वर्ग को ही समर्पित हो तभी देश मजबूत बनेगा।

डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने 15-15 घंटे काम लिए जाने के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया था। तीन साल बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई जिसमें तय हुआ कि हर मजदूर से दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। साथ ही 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। तब से देश और दुनिया में 1 मई को प्रतिवर्ष मजदूर दिवस मनाया जाता है।

मौके पर सम्मानित होने वालों में नामचीन राजमिस्त्री हरिनंदन यादव एवं मो.रिजवान आलम, कुशल बिजली मिस्त्री शिव कुमार एवं अरविंद कुमार, खेतिहर मजदूर संजय मुखिया, गज्जो मुखिया एवं लक्ष्मण दास और स्किल्ड लेबर विकास कुमार, राम कुमार एवं महेंद्र साह आदि मौजूद थे।

 

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