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पद्मश्री के लिए संत गंगा दास का नाम आगे जाना चाहिए- डॉ.मधेपुरी

सिंहेश्वर के अशोक वाटिका के सभागार में 5 मई को महात्मा बुद्ध, कार्ल मार्क्स एवं विश्व नशा उन्मूलन व कल्याण मिशन के संस्थापक संत गंगा दास की 75वीं जयंती समारोह का उद्घाटन समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने किया। बुद्ध जयंती पर डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा बुद्ध अपने अंदर कभी भी नकारात्मक सोच को आने की अनुमति नहीं दी। कार्ल मार्क्स की जयंती पर डॉ.मधेपुरी ने कहा कि उनका संदेश यही था कि दुनिया में एक ही धर्म हो, इंसानियत का धर्म। परंतु यह हो नहीं सका। संत गंगा दास भी विश्व नशा उन्मूलन की सोच लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक नशा उन्मूलन का पताका फहराते रहे, भले ही पूर्ण उन्मूलन नहीं हो पाया। फिर भी संत गंगा दास हतोत्साहित नहीं होते, बल्कि पूरी ऊर्जा के साथ नशा उन्मूलन के लिए सक्रिय हो जाते हैं। नशा उन्मूलन के लिए संत गंगा दास के अद्भुत जुनून को देखकर डॉ.मधेपुरी ने कहा कि पद्मश्री के लिए इनका नाम आगे जाना चाहिए।

Samajsevi-Shikshavid Dr.Bhupendra Madhepuri is being honoured by Sant Ganga Das at Ashok Vatika Singjeshwar.

इस अवसर पर बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रो.सचिंद्र महतो, संत सुखदेव दास, डॉ.रामचंद्र मंडल, रामचंद्र दास, शंभू शरण भारतीय, भरत चंद्र भगत  आदि ने कहा कि नशा आदमी के शरीर के साथ-साथ आत्मा को भी जर्जर कर देती है। समारोह की अध्यक्षता व्यापार संघ के महासचिव अशोक भगत ने की। अतिथियों का स्वागत ग्रीन फील्ड की छात्राओं ने की। मंच संचालन दुर्गानंद विश्वास व जय नारायण पंडित ने किया। नशा पान करने वालों के बीच दूध का वितरण भी किया गया।

 

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