बीते शनिवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की इबारत लिखने वाले विराट कोहली हर जगह छाए हुए हैं। टी20 वर्ल्ड कप के इस हाइ वोल्टेज मुकाबले में यादगार 55 रन बनाकर उन्होंने टीम इंडिया को 6 विकेट से जीत दिलाई। मीडिया के हर फॉर्मेट में बस जीत के इस ‘नायक’ की बात हो रही है। सोशल मीडिया पर तो उनकी तारीफों वाले ट्वीट्स की जैसे बाढ़ ही आ गई। उनकी इस पारी के बाद पाकिस्तान के महानतम क्रिकेटर इमरान खान ने कहा कि विराट जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं अगर आगे भी करते रहें तो वो दिन दूर नहीं जब वो विश्व क्रिकेट का हर बड़ा रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
भारत की जीत और विराट की बल्लेबाजी ने हर भारतीय की होली और रंगीन कर दी। पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है। ईडन गार्डन्स पर हासिल की गई ये जीत क्रिकेटप्रेमियों के दिल पर हमेशा के लिए अंकित हो गई। होनी भी चाहिए। पर इस जीत के अलावे भी उस दिन ऐसा कुछ हुआ जिसे आप बहुत प्यार, बहुत आदर के साथ ताज़िन्दगी अपनी यादों में सहेजकर रखना चाहेंगे। जी हाँ, उस दिन ईडन गार्डन्स भारत की ऐतिहासिक जीत के अलावे उस लम्हे का भी साक्षी बना जिसे भारतीय क्रिकेट के सबसे खूबसूरत लम्हों में शुमार किया जा सकता है। इतना खूबसूरत कि आँखों के रास्ते बस दिल में उतरे और घर बना ले हमेशा के लिए।
जब पूरे देश की नजरें पाकिस्तान से जीत छीनकर टीम इंडिया की झोली में डाल रहे विराट कोहली पर टिकी थीं तब इस लाजवाब बल्लेबाज ने अपनी हाफ सेंचुरी बनाई और अपना सिर उस खिलाड़ी के आगे झुका दिया जिसे इस खेल का ‘भगवान’ कहा जाता है। जिस सचिन को विराट बचपन से अपना आदर्श मानते रहे हैं उन्हें उसी सचिन के सामने ‘इतिहास’ रचने का मौका मिला इससे बड़ी बात उनके लिए हो भी क्या सकती थी। अपने ‘अघोषित गुरु’ को ‘सम्मान की दक्षिणा’ देने का सचमुच बड़ा अवसर था उनके पास जिसे उन्होंने हाथ से जाने ना दिया। विराट ने पहले हाफ सेंचुरी पूरी की और फिर बेहद विनम्रता और अगाध सम्मान के साथ टीम इंडिया को कई बेहतरीन और यादगार जीत दिलाने वाले अपने ‘हीरो’ के आगे सिर झुका दिया। नि:संदेह ये खूबसूरत लम्हा भारतीय क्रिकेट के महान होने और बने रहने के प्रति आश्वस्त करता है।
विराट ने जो किया उससे यह भी साबित हुआ कि वो महान बल्लेबाज के साथ-साथ कितने बेहतरीन इंसान भी हैं। भारतीय क्रिकेट के ‘शिखर पुरुष’ के आगे ‘वर्तमान शिखर’ अपना सिर झुका रहा था। क्रिकेट की दो पीढ़ियों के लिए आदर्श का इससे बड़ा क्षण हो ही नहीं सकता। विराट ने तो उदाहरण पेश किया ही, टीम के बाकी सदस्य भी पीछे नहीं रहे। जीत के बाद पूरी की पूरी टीम ने स्टैंड में मौजूद सचिन के प्रति जिस तरह सम्मान व्यक्त किया उससे सचिन भाव-विभोर हो गए। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा – “महान जीत, टीम इंडिया। पारी और इस अभिव्यक्ति के लिए शुक्रिया।“ विराट और पूरी टीम के सम्मान से अभिभूत सचिन को कहना पड़ा कि उन्हें ऐसा लगा कि वो कभी रिटायर ही नहीं हुए।
सचिन भारतीय क्रिकेट की वर्तमान पीढ़ी के आदर्श हैं और इस ‘लिटिल मास्टर’ का कद इतना बड़ा है कि वे आने वाली तमाम पीढ़ियों के आदर्श रहेंगे। ‘सचिन तेन्दुलकर’ होने का मतलब क्रिकेट और इस देश के लिए क्या है अब इसे जानना और मानना बड़ी बात नहीं। लेकिन ये विराट ही थे जिन्होंने 2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद कहा था कि “तेन्दुलकर ने 21 सालों तक देश की उम्मीदों का भार अपने कंधों पर उठाया है, अब ये भार उठाने की बारी मेरी है।“ ये कहना सबके बूते की बात नहीं थी। ये विराट ही कह सकते थे और उन्होंने केवल कहा ही नहीं अपने कहे को आज निभा भी रहे हैं। धोनी नि:संदेह एक महान कप्तान हैं लेकिन बल्लेबाज के तौर पर सचिन की जगह और जिम्मेदारी किसी ने ली है तो वो विराट ही हैं। पाकिस्तान पर जीत के बाद उन्होंने बिल्कुल सही कहा कि “अपने बचपन में मैंने उन्हें भारत के लिए ऐसा (मैच जिताते) करते हुए देखा है और अब मेरे पास उनके सामने ऐसा करने का अवसर है, इसलिए ये एक एहसास है जिसे बयां नहीं किया जा सकता है।“
रन के लिए विराट की ‘भूख’ को आज हर कोई सलाम करता है और अभी उन्हें रिकॉर्डों का अंबार लगाना है। लेकिन ईडन गार्डन्स में विराट ने अपने ‘आदर्श’ के लिए जिस अंदाज में सिर झुकाया उसने ये बता दिया कि वो केवल ‘रन’ से नहीं ‘मन’ से भी ‘विराट’ हैं और ये भी कि सचिन की वैभवशाली विरासत ‘विराट’ हाथों में है और बहुत महफूज़ है।
मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप