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शिष्टाचार पर राजनीति ना करें तेजस्वी

आज की राजनीति में शिष्टाचार निभाना भी आफत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्वस्थ चल रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से उनकी तबीयत क्या पूछ ली, इस पर भी बयानबाजी शुरू हो गई। शिष्टाचार संस्कार का हिस्सा होता है और पारिवारिक जीवन हो या सार्वजनिक, उसे अनिवार्य रूप से निभाया जाना चाहिए। पर आज के ‘ट्विटरवीर’ इसे समझे तब ना..!

जैसा कि सब जानते हैं रविवार को लालू जी का फिस्टुला का ऑपरेशन हुआ था। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिष्टाचारवश मंगलवार को लालू जी को फोन कर कुशल उनका क्षेम पूछा था। लेकिन उनके उत्तराधिकारी तेजस्वी इस ‘मर्यादा’ को समझ ही नहीं सके (या समझना नहीं चाहते) और ट्विटर पर तपाक से लिख दिया, देर से ही सही उनको लालू जी की याद तो आई। तेजस्वी ने आगे लिखा, आश्चर्य है कि नीतीश जी ने पिछले चार महीने से बीमार लालू जी का हालचाल नहीं लिया, लेकिन आज फोन कर पूछा। शायद उन्हें पता चला कि भाजपा और एनडीए के लोग अस्पताल जाकर हालचाल ले रहे हैं तो उन्होंने भी फोन कर लिया। यही नहीं, वे इसका विशेषार्थ तक ढूंढ़ने लगे और वे स्वयं और उनकी पार्टी के बाकी धुरंधर इसे महागठबंधन में उनके शामिल होने की ‘तथाकथित इच्छा’ से जोड़ने लगे। बड़बोले शिवानंद तिवारी तो यहां तक कह बैठे कि नीतीश किस मुंह से सोच रहे हैं कि उन्हें महागठबंधन में जगह मिल जाएगी।

उधर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि शिष्टाचार के तौर पर की गई बातचीत को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राजद से नजदीकी बढ़ने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने भी इस मामले में राजनीति करने पर विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि यह एक सामान्य व्यवहार है, व्यक्तिगत रिश्ता के नाते नीतीश ने पूछा हाल, इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं है। जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने भी कहा कि नीतीश जी ने शिष्टाचार के नाते लालू जी को फोन किया था और यह भी कि तेजस्वी को बयानबाजी से परहेज करना चाहिए। त्यागी ने स्वाभाविक तल्खी से कहा, राजनीति में शिष्टाचार सीखना भी जरूरी है।

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तेजस्वी यादव का ओपन चैलेंज

भले ही पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही हो पर लालू-राबड़ी के लाल पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राजद को फिर से अपने पुराने तेवर में लाते दिख रहे हैं |

बीते बुधवार को तेजस्वी यादव ने अपनी डिग्री पर उठ रहे सवाल के बाबत कहा कि राजनीति में सिर्फ डिग्री ही कोई बड़ा पैमाना नहीं होता, बल्कि राजनीति के लिए संवेदना , साहस , संकल्प और सिद्धांत की जरुरत होती है | जो हमारे ही नहीं बल्कि राजद के भी प्रमुख स्तम्भ है |

और आगे अपनी बात पूरी करते हुए उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा की बात करते हैं तो मैं सी.एम. नीतीश कुमार को अंग्रेजी में डिबेट करने की खुली चुनौती देता हूँ | साथ ही बड़ी सरलता से उन्होंने यह भी कहा कि मैं एक नहीं दो-दो सीएम का बेटा हूँ | अगर मेरे माता-पिता चाहते तो नकली डिग्री मुझे भी दिला सकते थे लेकिन हम लोग स्मृति ईरानी जैसे नहीं हैं |

पूर्व उप-मुख्यमंत्री के इस ललकार भरे बयान से बिहार में शीत लहर के बाबजूद राजनितिक गलियारों में अब गरम हवा बहने लगी है |

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तो उपमुख्यमंत्री को घर में घुसकर मारेंगे तेज प्रताप !

आज की राजनीति का स्तर गिर गया है, यह कहने में कोई नई बात नहीं। लेकिन एक युवा नेता अपने पिता की उम्र के नेता के लिए, जो पद और अनुभव में भी अत्यंत वरिष्ठ हों, अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें घर में घुसकर मारने की बात करें तो क्या कहेंगे आप? क्या शर्म से सिर झुक नहीं जाएगा आपका? क्या राजनीतिक विरोध की ऐसी अभिव्यक्ति सभ्य समाज में किसी भी तरह स्वीकार्य हो सकती है? नहीं ना? लेकिन, बिहार की राजनीति में हो कुछ ऐसा ही रहा है।

जी हां, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक बयान दिया है। औरंगाबाद में एक सभा में बोलते हुए तेज प्रताप ने कहा है कि वे सुशील मोदी के घर में घुसकर उन्हें मारेंगे। उन्होंने कहा कि वे अगर सुशील मोदी के बेटे की शादी में जाते हैं तो वहां उनकी पोल खोल देंगे।

जनसभा में तेज प्रताप ने कहा कि सुशील मोदी ने फोन पर बेटे की शादी का निमंत्रण दिया है। बकौल  तेज यह निमंत्रण उऩके परिवार को शादी में बुलाकर बेइज्जत करने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि “हम डरते नहीं हैं। हम वहीं सभा करेंगे और शादी में तोड़फोड़ करेंगे। घर में घुसकर मारेंगे।”

तेज के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने उन्हें कुंठित करार दिया। सुशील मोदी ने कहा, ‘तेज प्रताप कुंठित हैं। वे मेरे बेटे की शादी में बाधा डालना चाहते हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस मामले में वे राजनीति क्यों कर रहे हैं। मैं तो लालू प्रसाद यादव के बच्चों की शादी में सम्मानपूर्वक जाता रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि लालू यादव इस मामले में तेज से जरूर बात करेंगे।’

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष मोदी की शादी तीन दिसंबर को है। मोदी ने बेटे की शादी में कोई भी तामझाम नहीं करने का ऐलान किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शादी में ना तो बैंड बजेगा और ना ही मेहमानों और बारातियों का स्वागत किया जाएगा। यही नहीं, खाने और नाश्ते की बजाय भगवान का भोग लगाया हुआ ‘प्रसाद’ दिया जाएगा। विवाह आदि आयोजनों में विरल हो चुकी ऐसी सादगी की घोषणा से यह शादी स्वाभाविक तौर पर पहले से चर्चा में थी। अब अपने विवादित बयान से तेज ने इस आयोजन को और चर्चा में ला दिया है।

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लंदन का ये ‘आत्मविश्वास’ बनाए रखना तेजस्वी !

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दस दिनों के विदेश दौरे पर हैं। 8 से 15 अगस्त तक वो इंगलैंड में रहेंगे, जबकि 16 और 17 अगस्त को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में आयोजित बिहार आधारित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान 11 अगस्त को लंदन में उन्होंने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात कर बिहार में निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। उपमुख्यमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को बिहार के गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ विगत वर्षों में सकल घरेलू राज्य उत्पाद (जीएसडीपी) में बिहार राज्य के शीर्ष पर होने के कारणों की चर्चा भी की।

तेजस्वी ने बताया कि Ease of Doing Business में देश भर में बिहार कैसे प्रथम स्थान पर है और कैसे यहाँ की इंडस्ट्री पॉलिसी इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली है। उन्होंने भारतीय मूल के व्यवसायियों को आंकड़ों के साथ बताया कि देश के तमाम विकसित राज्यों को पछाड़ते हुए बिहार 15.6 प्रतिशत विकास दर के साथ अव्वल राज्य रहा है।

तेजस्वी ने बिहार सरकार के सात निश्चय और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की चर्चा करते हुए औद्योगिक समूहों को बिहार आने का न्योता दिया। बता दें कि प्रवासी भारतीयों ने बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, टूरिज्म, स्पोर्ट्स एवं हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जाहिर की और उपमुख्यमंत्री ने सभी को बिहार सरकार की तरफ से हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने ब्रिटेन में फुटबॉल फॉर यूनिटी के संस्थापक चरणजीत गिल एवं साउथ हॉल फुटबॉल क्लब के प्रबंध निदेशक के साथ बिहार में फुटबॉल अकादमी खोलने की योजना पर भी गहन चर्चा की।

इससे पहले 10 अगस्त को तेजस्वी ने लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स को संबोधित किया और नॉलेज ट्रांसफर सेशन में भाग लिया। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में उन्होंने बिहार को लेकर अपना विज़न पेश किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए वैज्ञानिक और समयबद्ध तरीके से रोड मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान के तहत अगले बीस वर्षों में 500 किमी नए नेशनल हाईवे, 6000 किमी नए स्टेट हाइवे और विभिन्न जिलों को जोड़ने वाली करीब 25000 किमी महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव है और इस प्लान को पूरा करने में लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे। गौरतलब है कि बिहार में पथ निर्माण विभाग उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ही देख रहे हैं।

अपने युवा उपमुख्यमंत्री को लंदन में देखना और उनके मुँह से विकासशील बिहार की बात सुनना निश्चित तौर पर राज्य के लोगों को अच्छा लगना चाहिए। महज नौवीं पास होने के कारण जिन तेजस्वी के ऊपर ना जाने कितने ‘तंज’ कसे गए उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर आत्मविश्वास से लबरेज देखना सचमुच सुखद है। पर ये सब तब और ज्यादा अच्छा लगता जब बिहार में अक्षरश: वही माहौल होता जिसकी बात तेजस्वी लंदन में कर रहे हैं। ये अजीब विरोधाभास है कि जिस दौरान तेजस्वी लंदन के प्रवासी भारतीयों को बिहार में अच्छे माहौल का भरोसा दिला रहे थे उसी दौरान बेखौफ अपराधियों ने यहाँ बेतिया में पूर्व मंत्री वैद्यनाथ प्रसाद कुशवाहा से 1 करोड़ 20 लाख की रंगदारी वसूलने के लिए उनके घर पर बम फेंका, अरवल में पुलिस लाइन के सामने से रिटायर्ड दारोगा के पोते का अपहरण हुआ, मुजफ्फरपुर में एक कैश कलेक्शन एजेंसी के 4.84 लाख लूटे गए और पूर्णिया में 11 लाख की डकैती को अंजाम दिया गया।

बिहार के युवा उपमुख्यमंत्री अपने मुख्यमंत्री के साथ मिलकर बस इस विरोधाभास को दूर कर दें, फिर वो अपनी ऐसी तमाम यात्राओं के लिए विशेष बधाई के हकदार होंगे। वैसे उनका प्रयास अभी भी सही दिशा में है और इसके लिए उन्हें बधाई तो दी ही जानी चाहिए।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप 

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… और लालू ने दी अपने उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी को चेतावनी..!

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने छोटे बेटे और महागठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भरी सभा में चेतावनी दे डाली। ‘प्यार’ और ‘अधिकार’ भरी ये चेतावनी बिहार के नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता दिलाने के लिए थी।

मौका सहकारिता सम्मेलन का था। लालू ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी को अपने ख़ास अंदाज में चेतावनी देते हुए कहा कि “तेजस्वी, अगर बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिला तो तुम समझ लेना, क्या हाल होगा।” लालू के मुँह से अचानक ऐसी बात सुन सम्मेलन में एकबारगी सन्नाटा छा गया।

लालू ने इस अवसर पर केन्द्र सरकार पर भी हमला बोला। ‘मेक इन इंडिया’ नारे को ढकोसला करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे कुछ होने वाला नहीं है। देश का दिवाला निकल रहा है और मोदी सरकार बुलेट ट्रेन की बात कह जनता को गुमराह कर रही है।

लालू ने आज जिस तरह तेजस्वी को चेतावनी दी, ठीक उसी तरह उनके समधी और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘ख़बर’ लेते हैं। आए दिन कार्यकर्ताओं के बीच और यहाँ तक कि सरकारी सभाओं में भी उनके द्वारा अखिलेश को ‘फटकार’ लगाने की ख़बरें आती हैं। ऐसा कर ये दिग्गज जहाँ अपनी अगली पीढ़ी को राजनीति का ‘पाठ’ पढ़ा रहे होते हैं वहीं आम लोगों के बीच उनकी ‘छवि’ भी बन रही होती है।

हाल के दिनों में बिहार में आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है और विपक्ष इसके लिए लगातार लालू को ‘घेरने’ की कोशिश में लगा हुआ है। ऐसे में लालू ने तेजस्वी को चेतावनी दे एक तीर से कई निशाना साधने की कोशिश की है।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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