मधेपुरा के पूर्व सांसद, प्रखर समाजसेवी एवं शिवनंदन प्रसाद मंडल विधि विश्वविद्यालय के संस्थापक आर. पी. यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व में आस्था एवं विश्वास रखने वाले समर्थकों व सहचरों द्वारा उनकी 83वीं जयंती श्रद्धापूर्वक और सादगीपूर्ण तरीके से मनाई गई। इस अवसर पर विधि महाविद्यालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम के साथ-साथ विधि महाविद्यालय के प्राचार्य व आर.पी. साहब के पुत्र सत्यजीत यादव के निवास पर चूड़ा-दही-तिलकुट का भोज भी आयोजित था। मकर संक्रान्ति के दिन ही जयंती होने के कारण आयोजन में उत्सव-सा माहौल बन गया था।
उपरोक्त समारोह में बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री व स्थानीय विधायक प्रो. चन्द्रशेखर सहित विभिन्न दलों के नेताओं, भू.ना. मंडल विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। प्रो. चन्द्रशेखर ने आर.पी. साहब के तैलचित्र पर माल्यार्पण के बाद उन्हें रचनात्मक प्रवृत्ति का सांसद बताते हुए कहा कि वे हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों की सुधि रखने में तत्परता दिखाया करते थे। उन्हीं का अनुकरण करते हुए मैं अभी मधेपुरा वार्ड नं. 20 के प्रो. दिलीप कुमार यादव को चार लाख का चेक प्रदान करने आया हूँ जिनके 18 वर्षीय पुत्र मानस की मौत डूब जाने के कारण हुई थी।
इस अवसर पर डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि लम्बे समय तक संसद में मधेपुरा का प्रतिनिधित्व करने वाले आर.पी. साहब क्षेत्र के लोगों के बीच जितने मृदुभाषी थे, उच्चाधिकारियों के लिए उतने ही कठोर अनुशासन वाले। प्रो. श्यामल किशोर यादव ने कहा कि सांसद के रूप में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। जयंती सह भोज समारोह में पूर्व जिला परिषद् सदस्य अरविन्द कुमार यादव, शिक्षक नेता परमेश्वरी प्रसाद यादव, प्रो. निरोद कुमार निराला, पूर्व प्राचार्य प्रो. सच्चिदानन्द यादव, डॉ. आलोक कुमार, प्रो. देवेन्द्र यादव, पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला, प्रो. बिजेन्द्र नारायण यादव, तेजनारायण यादव, प्रो. गणेश कुमार, प्रो. अशोक कुमार, प्रो. अरुण कुमार, प्रो. सुजीत मेहता, बैद्यनाथ चौहान, पप्पू कुमार, युगल पटेल, आनंद मंडल, लोक अभियोजक इन्द्रकान्त चौधरी, राजद जिलाध्यक्ष देवकिशोर यादव आदि उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय एवं शिक्षण-संस्थाओं से पुष्पांजलि व श्रद्धांजलि देने वालों की आवाजाही दिन भर देखी गई। इनमें कुलसचिव डॉ. कुमारेश प्रसाद सिंह, कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका, सम्पदा पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार, सिंडिकेट सदस्य डॉ. परमानन्द यादव, डॉ. जवाहर पासवान, विद्यानन्द यादव, प्राचार्य डॉ. हजारी लाल साह जौहरी एवं विधि परामर्शी बीएनएमयू डॉ. शिवनारायण यादव प्रमुख थे।