शहर के बीच शहीद चुल्हाय मार्ग पर स्थित चन्द्रिका यादव के माया विद्या निकेतन के परिसर में ‘हिंदुस्तान’ के ब्युरोचीफ ‘अमिताभ’ की टीम के जाँवाजों की मेहनत से मंगलवार की शाम ‘यादगार’ तब बन गई जब हास्य कवियों के तीखे व्यंगवाणों एवं कटाक्षों के बीच बुद्धिजीवी श्रोतागण देर रात तक हँसते रहे, ठहाके पर ठहाके लगाते रहे और लोट-पोट होते रहे | सबों ने कहा हिंदुस्तान का ब्युरोचीफ़ अमिताभ ने किया कमाल और मध्य-प्रदेश से आये हास्य कवि सम्राट शशि कान्त यादव की प्रस्तुति रही बेमिसाल !

हास्य कवि सम्मलेन का उद्घाटन जिले के डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल द्वारा जिला परिषद् अध्यक्षा मंजू देवी, ऑल राउंडर ए.एस.पी. राजेश कुमार, बी.एन.एम.यू.कुलपति डॉ.विनोद कुमार द्वारा ईम्पावर्ड प्रभारी कुलसचिव डॉ.विश्वनाथ विवेका एवं हमेशा कुछ नया करने वाले ‘हिन्दुस्तान’ के ब्युरोचीफ़ अमिताभ की गरिमामयी उपस्थिति में संयुक्तरूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया | स्वागतगान के बाद अतिथियों एवं कवियों को बुके व मोमेंटो देकर अमिताभ द्वारा अभिनंदन किया गया– जो समाज को जोड़ते हैं, तनाव को तोड़ते हैं और हर शब्द में हँसी का रंग भरते हैं |
हमेशा घरों से बाहर रहने वाले चर्चित कवियों– डॉ.विष्णु सक्सेना, कवियित्री डॉ.भुवन मोहिनी, हास्य कवि सम्राट शशिकांत यादव, मुकुल महान, डॉ.अनिल चौबे, राम बाबू सिकरवार एवं क्षितिज उमेन्द्र मधेपुरा के लोगों को निरंतर ठहाके लगाने के लिए अपने-अपने गीतों एवं कला कौशलों से नई-नई ऊर्जा प्रदान करते रहे |

बहुत विलम्ब से पहुंचे बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर सहित शहर के प्रतिष्ठित जनों डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.शांति यादव, अधिवक्ता धीरेन्द्र कुमार झा, कृतनारायण यादव, डॉ. विनय कुमार चौधरी, डॉ.पूनम यादव, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ.जवाहर पासवान, डॉ.मुस्ताक, डॉ.नायडू, श्वेतकमल उर्फ़ बौआ जी, प्रशांत कुमार के अलावे जिला प्रसाशन, पुलिस प्रसाशन, व्यापार संघ, छात्र संघ के पदाधिकारियों के साथ-साथ सुधी श्रोताओं की बड़ी भीड़ को देर रात तक बाँधे रखने में हास्य कवि सम्राट शशिकान्त यादव की महारत केवल दर्शनीय ही नहीं बल्कि सर्वाधिक प्रशंसनीय भी बनी रही | श्री यादव ने सुधीश्रोताओं को यह सिद्ध कर दिखा दिया कि गीत के शब्दों को परोसने की कला मात्र से ही लोगों के मानसिक तनाव का हरण करना उनके लिए बायें हाथ का खेल है | सच है कि शशिकांत ने योग की चर्चा किये बगैर स्वामी रामदेव से कहीं ज्यादे तालियाँ श्रोताओं से बजवा ली | मधेपुरा अबतक हास्य कवि शशिकांत यादव को और ब्युरोचीफ़ अमिताभ के इस कार्यक्रम को सदा याद करता रहेगा |