पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग ने सोशल रिफॉर्मर के रूप में ‘भारतरत्न’ जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हेतु जिन दो नामों की अनुशंसा दो दिन कबल की है- वे दो नाम हैं- समाज सुधारक ज्योतिबा फूले एवं सामाजिक न्याय के पुरोधा बी.पी.मंडल |
यह भी बता दें कि वही समाज सुधारक बी.पी.मंडल जिन्होंने समस्त भारतीय समाज के सभी धर्मों (हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, जैन-पारसी, बौद्ध आदि) एवं उन धर्मों के हजारों जातियों-उपजातियों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र….. सिया-सुन्नी आदि) के बीच जा-जाकर वैसे लोगों की सूची बनाई जो विकास की दौर में सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ रहे थे |
तभी तो वे कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक घड़ी की सूई की तरह अहर्निश चलते रहे तथा वैसे समस्त भारतवासियों को विकास की रोशनी पहुंचाने में लगे रहे जिन्हें समुचित रोशनी नहीं मिल पा रही थी | मंडल कमीशन के उसी रिपोर्ट को उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम नीलम संजीब रेड्डी के निदेशानुसार गृहमंत्री माननीय ज्ञानी जैल सिंह को हस्तगत करा दिया |
अस्तु समाज के सभी अंगो पर सम्यक दृष्टि रखनेवाले सामाजिक न्याय के रक्षक रहवर व रखवाला श्री मंडल को भी ‘भारतरत्न’ सरीखे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए जिसकी मांग बी.पी.मंडल राजकीय समारोहों के अवसर पर समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी व अन्य बुद्धिजीवियों के द्वारा भी की जाती रही है |