पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का मानना था कि पाकिस्तान बनने के बाद सारे मुसलमान भारत छोड़ देंगे। पर उनका यह विश्वास उस वक्त खोखला साबित हुआ जब स्वयं उनकी बेटी ने भारत छोड़ने से इनकार कर दिया। हम यहां बात कर रहे हैं जिन्ना की इकलौती संतान दीना वाडिया की, जिनका गुरुवार को न्यूयॉर्क में निधन हो गया। वह 98 वर्ष की थीं। दीना के परिवार में बेटे नुस्ली वाडिया, डायना वाडिया और पोते नेस और जहांगीर वाडिया हैं। मुंबई में वाडिया ग्रुप के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में दीना वाडिया के देहांत की पुष्टि की गई है।
चेहरे से हू-ब-हू अपने पिता की तरह दिखने वाली दीना का जन्म अविभाजित भारत में 14-15 अगस्त की रात को 1919 में हुआ था। इतिहासकार स्टैनेली वॉल्पर्ट के मुताबिक, ‘दुनिया में उनका आगमन नाटकीय ढंग से हुआ था। जिन्ना और उनकी मां रति जिन्ना जब लंदन में एक थियेटर में फिल्म देख रहे थे, तब उनका जन्म हुआ था।’
गौरतलब है कि दीना वाडिया ने पारसी कारोबारी नेस वाडिया से शादी की थी और भारत विभाजन के पश्चात भारत में ही रहने का फैसला लिया था। जिन्ना इस बात से सख्त नाराज थे। जिन्ना के सहायक रहे मोहम्मद अली करीम छागला की एक किताब के मुताबिक जिन्ना ने जब अपनी बेटी से पूछा था कि भारत में हजारों मुसलमान हैं लेकिन तुम्हें एक नहीं मिला। इस पर दीना ने जवाब दिया था कि इस देश में हजारों मुस्लिम लड़कियां थीं लेकिन आपको शादी करने के लिए मेरी मां ही मिली। गौरतलब है कि दीना की मां रति भी पारसी समुदाय से आती थीं।
बहरहाल, बाद के दिनों में दीना अमेरिका में ही बस गई थीं। जहां तक पाकिस्तान से उनके ताल्लुक का प्रश्न है, अपने पिता की मौत के बाद वह पाकिस्तान गई थीं। इसके बाद 2004 में मुशर्रफ के दौर में उन्होंने पाक का दौरा किया था।