भारत के लिए इस 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का 10वाँ दिन वास्तव में सर्वाधिक शानदार रहा | भारत के लिए 88 साल के कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में विदेश में मेडल टेबुल में स्थान के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा |
जहाँ तीन बच्चों की माँ दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम भारत की ध्वजावाहक बनी हो वहाँ भारत को अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से कौन रोकेगा | दशवें दिन आठ गोल्ड मेडल मिले भारत को जिसकी शुरुआत मेरी कॉम ने ही 48 किलोग्राम स्पर्धा वाले बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीतकर की थी | उस दिन 14 अप्रैल को कुल 17 पदक जीतकर भारत ने मेडलों का अर्धशतक पूरा किया |
बता दें कि संसार के 53 ऐसे स्वतंत्र देशों का एक संघ, जो कॉमनवेल्थ कंट्रीज के नाम से जाना जाता है, का मुख्यालय लंदन में है | वे सभी कभी-न-कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था | इन देशों की 2 वर्षों में एक बार लंदन में बैठक होती है | इन्हीं देशों के सम्मिलित खेलों को कॉमनवेल्थ गेम्स कहा जाता है |
यह भी जानिए कि 2018 का कॉमनवेल्थ गेम्स ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट स्थित कैरारा स्टेडियम में हजारों पुरुष-महिलाओं खिलाड़ियों एवं खेल पदाधिकारियों की उपस्थिति में 11 दिवसीय विभिन्न प्रतियोगिताओं के रूप में आयोजित किया गया जिसका समापन 15 अप्रैल (रविवार) को जश्न के साथ संपन्न हुआ | इस अवसर पर राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की अध्यक्षा लुई मार्टिन ने कहा कि खिलाड़ियों की क्षमता की कोई सानी नहीं | इस बार 2018 में भारत 26 गोल्ड के साथ तीसरे स्थान पर रहा जबकि 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में 38 गोल्ड जीतकर भारत दूसरे स्थान पर तिरंगा लहराया था | तभी तो हम कहते हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में विदेश में भारत का दूसरा सर्वश्रेष्ठ और कुल मिलाकर तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है इस बार |
हाँ | यह भी बता दें कि भारत के 115 पुरुष एवं 103 महिला खिलाड़ियों ने इस खेल में कुल 66 मेडल जीते जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर एवं 20 ब्रांज | किसी मायने में महिलाएं पीछे नहीं रही हैं | पुरुष 13 गोल्ड जीते तो महिलाएं 12 गोल्ड हासिल की तथा एक गोल्ड मिक्स्ड टीम ने दिलाई | पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चली महिलाएं |
यह भी जानिए कि भारत का कुश्ती में सक्सेस रेट 100% और बॉक्सिंग में 75% रहा है | भारत पहली बार बैडमिंटन में 6 मेडल जीते जिसमें 2 गोल्ड भी है | यह किसी भी कॉमनवेल्थ गेम्स में बैडमिंटन में सबसे अधिक गोल्ड और मेडल है | मणिका ने टेटे में 4 मेडल जीते यह क्या कम है |
भारत द्वारा इतिहास तब रचा गया जब बैडमिंटन में गोल्ड और सिल्वर के लिए दोनों तरफ से भारतीय महिला खिलाड़ी पीवी सिंधु और साइना संघर्ष कर रही थी | जहाँ पिछली बार ग्लासगो में इंग्लैंड ने सर्वाधिक पदक जीते थे वही इस बार ऑस्ट्रेलिया ने शानदार वापसी की |
और अंत में बिहार को गौरवान्वित करने और अपने स्वर्णिम प्रदर्शनों के बीच “गोल्डन गर्ल” बनी रहने के लिए श्रेयसी को शूटिंग में स्वर्ण दिलाने के लिए ‘मधेपुरा अबतक’ सलाम करता है |