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क्या प्रैक्टिकल बिना किये ही अब बनेंगे इंजीनियर ……!

सरकारी तंत्र अपनी छाती चौड़ी कर यही कहता है कि जहाँ दिन में भी लोग नहीं जाते थे वहाँ आजकल रात में भी घूमते नजर आते हैं | परंतु, दूसरी ओर हाल यह है कि जहाँ पढ़कर और कठिन से कठिन प्रैक्टिकल करके छात्र डॉक्टर-इंजीनियर बनते थे वहीं अब बिना पढ़े और प्रैक्टिकल किये ही डिग्री मिलने वाली है | सोचिये तो सही जहाँ बिना नदी, पोखर या स्विमिंग पुल में उतरे ही तैरने की ट्रेनिंग और तैराकी की डिग्री दे दी जाती हो तो उस राज्य और देश के भविष्य का क्या होगा ?

यह भी जानिये कि ऐसा छात्र जो पढ़ते समय एक भी प्रैक्टिकल किये बिना ही इंजीनियर बनकर किसी नदी में पुल बना डाले, तो वैसे पुल को पार करते समय बच्चों से भरा स्कूल बस सहित पुल भी नदी में बहेगा नहीं….. तो और क्या होगा….! वैसे इंजीनियरों द्वारा बनाये गये स्कूली भवनों के अंदर बच्चे दबकर मरेंगे नहीं तो और क्या करेंगे |

बता दें कि सामाजिक न्याय के पुरोधा बी.पी.मंडल के नाम पर मधेपुरा में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज 3 वर्ष पहले खुला है जिसमें आजतक लैब व इंस्ट्रक्टर की कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है जैसा प्राचार्य डॉ.एम.के.झा ने मधेपुरा अबतक से कहा उन्होंने यह भी कहा कि दो सत्रों में लगभग 400 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है | सभी थ्योरी का क्लास करते हैं, लेकिन प्रैक्टिकल क्लास नहीं होता है | सोचिये, बिना प्रैक्टिकल किये ही ऐसे इंजीनियर अपने बिहार में तैयार हो रहे हैं जहाँ के मुख्यमंत्री स्वयं इंजीनियर हैं |

जरा विचार करें हम सभी, इन 400 छात्र-छात्राओं के भविष्य के बारे में, जो पढ़ते तो हैं बिहार के निर्माता व बिहार के प्रथम विधि मंत्री के नाम वाले शिवनंदन प्रसाद मंडल +2 विद्यालय के भवन में और उन्हें प्रेक्टिकल करने के नाम पर खानापूरी कराने के लिए भागलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में ले जाने हेतु सोचा जा रहा है | तीन साल में एक भी प्रेक्टिकल नहीं….. केवल थ्योरी का क्लास यानी बोर्ड पर ही तैरने के तरीके सीखते रहे छात्र और सिखाते रहे शिक्षक |

मधेपुरा अबतक द्वारा बी.पी.मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ.एम.के.झा से इस बाबत जानकारी मांगने के दरमियान उन्होंने बताया कि लैब के अभाव में तीन साल से छात्रों को प्रैक्टिकल नहीं कराया जाता है | डॉ.झा ने पुनः यही कहा कि तीसरे सत्र में नामांकन के साथ ही क्लास रूम का भी अभाव हो जायेगा और थ्योरी का क्लास लेने की भी समस्या सामने खड़ी हो जायेगी | उन्होंने अवरुद्ध कंठ से यही कहा कि बच्चे प्रैक्टिकल ज्ञान के अभाव में न तो असली इंजीनियर बन पायेंगे और ना हीं दिखाई देंगे उनके कार्यों में इंजीनियरिंग के गुर एवं गुणवत्ता |

यह भी बता दें कि जब मधेपुरा के कलाम कहे जानेवाले शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी से उच्च शिक्षा के भविष्य के बारे में मधेपुरा अबतक द्वारा पूछा गया तो उन्होंने यही कहा कि +2 तक के माध्यमिक विद्यालयों में प्रैक्टिकल का बहुत बुरा हाल है | क्योंकि, बीच के 20-25 वर्षों तक न जाने किस मनहूस सरकारी समिति की रिपोर्ट पर माध्यमिक स्कूलों में प्रैक्टिकल समाप्त कर दिया गया था | बाद में कॉलेज में सायंस पढ़ने वाले छात्र जब ‘मीटर स्केल’ भी नहीं पहचानने लगे तब फिर से स्कूलों में प्रेक्टिकल शुरू किया गया | लेकिन, तब तक सूबे के स्कूलों में करोड़ों-करोड़ के रसायन(Chemical) मिट्टी में मिल चुके थे तथा लोहे के उपकरणों को जंग खा चुके थे |

डॉ.मधेपुरी ने कहा कि वर्तमान में स्थिति यह है कि बिना शिक्षक और इन्फ्रास्ट्रक्चर के ही मिडल स्कूलों में +2 की पढ़ाई शुरू कर दी गई है- सरकारी शिक्षा विभाग द्वारा | हाँ ! ऐसे उत्क्रमित +2 विद्यालय में न तो शिक्षक हैं, न लैब है….. न इंफ्रास्ट्रक्चर है…… बस यही है कि बिना पढ़े-पढ़ाए और बिना प्रैक्टिकल कराये ही परीक्षा लेना और सर्टिफिकेट देना | तभी तो आज कल किसी डिग्री पर विश्वास करना मुश्किल है | हर क्षेत्र में अलग से ‘इलिजिबिलिटी टेस्ट’ लेकर ही नौकरी के लिए चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है | फिलहाल सारी व्यवस्थाएं शिक्षा को पंगु बनाने में लगी है | यह केवल बिहार की ही नहीं, कमोवेश पूरे देश की यही स्थिति है |

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मधेपुरा के शैक्षणिक संस्थानों में हर्षोल्लास के साथ मना शिक्षक दिवस  

बी.पी. मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज मधेपुरा हो या शिवनन्दन प्रसाद मंडल इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय या फिर बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय के संबद्ध एवं अंगीभूत कॉलेज ही क्यों न हो- यहाँ तक कि सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में भी रही शिक्षक दिवस की धूम | कहीं छात्र-छात्राओं द्वारा केक काटते तो कहीं भारतरत्न डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि करते देखे गये………| कहीं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन तो कहीं किया गया छात्र-छात्राओं के बीच चित्रकारी या भाषण !! कुल मिलाकर सम्पूर्ण जिले में धूमधाम से छात्र-शिक्षकों एवं अभिभावकों द्वारा “शिक्षक दिवस” मनाया गया |

बता दें कि स्थानीय एस.एन.पी.एम. इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय में ‘शिक्षक दिवस’ के साथ-साथ प्रधानाचार्य डॉ.निरंजन कुमार की विदाई का कार्यक्रम भी हुआ | 12:00 बजे दिन से 7:00 बजे संध्या तक चले विभिन्न कार्यक्रमों में भारी संख्या में छात्र-छात्राओं, गणमान्यों एवं अभिभावकों की उपस्थिति रही | स्कूल के संगीत शिक्षकद्वय नारायण और रजनी के मधुर संगीत के साथ-साथ मिनिरल वाटर और कोल्ड ड्रिंक्स की दौर हमेशा दर्शकों को तरोताजा बनाये रखा |

On the occasion of Teacher's Day, the Outgoing Principal Dr.Niranjan Kumar along with his wife Mrs.Nirmala Rani and Udhghatankarta Dr.Bhupendra Madhepuri at SNPM+2 School Madhepura.
On the occasion of Teacher’s Day, the Outgoing Principal Dr.Niranjan Kumar along with his wife Mrs.Nirmala Rani and Udhghatankarta Dr.Bhupendra Madhepuri at SNPM+2 School Madhepura.

यह भी बता दें कि भारतरत्न डॉ.राधाकृष्णन के जन्मोत्सव पर आयोजित शिक्षक दिवस समारोह के अवसर पर जहाँ बी.पी.मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ.मनोरंजन झा, डीईओ  उग्रेश प्रसाद मंडल, एमएलटी कॉलेज सहरसा के प्राचार्य डॉ. के.पी. यादव, टीपी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेश प्रसाद यादव, डीपीओ माध्यमिक नारद प्रसाद द्विवेदी, डीपीओ सर्वशिक्षा गिरीश प्रसाद एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजेंद्र प्रसाद यादव आदि ने विस्तार से समाज और देश के लिए कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों, लगनशील छात्र एवं जागरुक अभिभावकों के मजबूत इरादों पर बल दिया वहीं जिला माध्यमिक संघ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार, पूर्व प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षक आलोक कुमार, पूर्व प्रधानाध्यापक द्वय सत्येन्द्र कुमार, डॉ.सुरेश कुमार भूषण, एच.एम. यकिन्द्र कुमार मंडल, पूर्व प्राचार्य कमलेश्वरी प्रसाद बैजनाथपूरी, केशव कन्या की प्राचार्या विभा कुमारी, रासबिहारी उच्च विद्यालय की प्राचार्या रंजना झा सहित शिक्षक द्वय डॉ.संतोष कुमार व रमेश कुमार, डॉ.विजेंद्र कुमार, डॉ.नीलाकान्त, प्रो.बिजेंद्र नारायण यादव (जदयू अध्यक्ष), प्रधान जी आदि ने शिक्षक के लिए शिक्षा को ही महत्वपूर्ण बताते हुए अपने अनुभवों एवं उदाहरणों को शामिल करते हुए विस्तार से यही कहा कि बेहतरीन गुरु यानि अच्छा शिक्षक वही है जो जीवन पर्यंत विद्यार्थी बना रहता है, वे केवल किताबों से ही नहीं बल्कि अपने विद्यार्थियों से भी बहुत कुछ सीखता रहता है |

समारोह की अध्यक्षता एवं मंच संचालन करते हुए वर्तमान प्राचार्य मो.शकील अहमद ने समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी को उद्घाटनकर्ता, मुख्यवक्ता एवं कर्ताधर्ता बताते हुए श्रोताओं को धैर्य से सुनने का अनुरोध किया और कहा कि डॉ.मधेपुरी सरीखे विज्ञानवेत्ता को साहित्यकार से बढ़कर इतिहासकार कहना ही बेहतर होगा……|

बता दूँ कि डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में यही कहा कि आज संपूर्ण देश में शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है | राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा बिहार के 8 शिक्षकों को, पटना के एस.के. मेमोरियल हॉल में सीएम, डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री द्वारा बिहार के 14 शिक्षकों को और मधेपुरा के एस.एन.पी.एम.  स्कूल में निवर्तमान प्राचार्य डॉ.निरंजन सहित उनकी अर्धांगिनी श्रीमती निर्मला रानी को हम सभी सम्मानित कर रहे हैं |

डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से यही कहा कि जहां भारत में शिक्षक दिवस महामहिम डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर) को मनाया जाता है वहीं अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को | भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न तिथियों को शिक्षक दिवस मनाये जाते हैं | कुछ देशों में अवकाश के दिन तो कुछ में कामकाज के दिन | रूस में अक्टूबर के प्रथम रविवार को तो अमेरिका में मई के प्रथम मंगलवार को | कई देश तो शिक्षक दिवस मनाने की इन तिथियों को बदल भी लेते हैं………|

गुरु की महिमा का बखान करते हुए देर तक डॉ.मधेपुरी ने डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, डॉ.भीमराव अम्बेडकर, डॉ.जाकिर हुसैन, डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम आदि को उद्घृत करते हुए कहा कि जब डॉ.कलाम से उनकी पहली मुलाकात हुई थी तो महामहिम के पद पर आसीन मिसाइल मैन डॉ.कलाम उठ कर खड़े हो गये थे और बैठने हेतु अनुरोध करने पर उन्होंने डॉ.मधेपुरी से यही कहा था- “मैं…… आपके लिए खड़ा नहीं हूं…… बल्कि एक शिक्षक के सम्मान में खड़ा हुआ हूँ जो राष्ट्र निर्माता होता है……|”

अंत में निवर्तमान प्राचार्य डॉ.निरंजन कुमार ने डॉ.मधेपुरी के सामने जीवन के बचे हुए वर्षों को शिक्षक के रूप में बिताने का संकल्प दोहराया और आगे समाज के उन्नयन के लिए समस्त सकारात्मक सोच वाले योग-प्रणायाम को अमलीजामा पहनाने के लिए अपनी धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला रानी के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया |

कार्यक्रम के समापन का उद्घोष छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के सम्मिलित सहभोज के बाद ही प्राचार्य  सह अध्यक्ष मो.शकील अहमद द्वारा किया गया |

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