समाजवाद को ताजिन्दगी ओढ़ने-पहनने व बिछाने वाले मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल की राजकीय जयन्ती पटना में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा, मधेपुरा के भूपेन्द्र चौक पर डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की अध्यक्षता में बिहार सरकार के आपदा प्रबन्धन मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर द्वारा तथा उनके पैतृक गाँव रानीपट्टी में प्रो.श्यामल किशोर यादव की अध्यक्षता में समस्त जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों द्वारा और अन्त में बी.एन.मंडल वि.वि. के ऑडिटोरियम में सम्पदा पदाधिकारी डॉ.शैलेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि द्वारा अनेक शिक्षाशास्त्रियों- पूर्व कुलपति डॉ.जयकृष्ण प्र.यादव, पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, प्रतिकुलपति डॉ.जे.पी.एन.झा, अभिषद सदस्य विद्यानन्द यादव, डॉ.परमानंद यादव सहित समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी एवं शिक्षक संघ के महासचिव डॉ.अशोक कुमार की उपस्थिति में दिनभर उत्सवी माहौल में मनायी गई |
सर्वप्रथम भूपेन्द्र चौक पर गाजे-बाजे एवं ढ़ोल-नगाड़े के साथ आये दर्जनों सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों के बच्चे जिसमें दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल के निदेशक किशोर कुमार, तुलसी पब्लिक स्कूल के श्यामल कुमार सुमित्र, ज्ञानदीप निकेतन के निदेशक चिरामणि यादव, यू.के.इंटरनेशनल सहित अन्य स्कूली बच्चों के बीच मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर एवं डॉ.मधेपुरी ने सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर ने कहा कि हमलोग भूपेन्द्र बाबू के विशाल चारित्रिक गुणों में से एक भी गुण को अपना लें तो समाज का भारी कल्याण होगा | वहीं डॉ.मधेपुरी ने कहा कि जो खुद के लिए जीता है वह मर जाता है, जो औरों के लिए जीता है वह कभी नहीं मरता ! भूपेन्द्र बाबू सदा औरों के लिए जीते रहे- वे कभी नहीं मरेंगे, सदा अमर रहेंगे——!! श्रद्धांजलि देने वालों में उनके परिवार के सदस्यों सहित दशरथ प्र.सिंह, इन्द्र ना.प्रधान, परमेश्वरी प्र.यादव, सचिन्द्र महतो, प्रो.विजेन्द्र ना.यादव, तेज ना.यादव, प्रो.एन.के.निराला, डॉ.अरुण कुमार, संतोष कुमार प्राणसुखका, योगेन्द्र महतो आदि प्रमुख थे |
वहीं वि.वि.ऑडिटोरियम में भूपेन्द्र जयंती समारोह सह वि.वि.स्थापना दिवस का उद्घाटन करते हुए संस्थापक कुलपति डॉ.रवि ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू सरीखे लोग कभी-कभी अवतरित होते हैं, उनका प्रादुर्भाव होता है—- उन्होंने भूपेन्द्र बाबू के समाजवाद पर विस्तार से चर्चा करते हुए लोगों से उनके आदर्शों के अनुरूप काम करने की बातें कही |
पूर्व कुलपति डॉ.जयकृष्ण प्रसाद यादव ने कहा कि वि.वि. के सबसे बड़े पर्व पर भी ऐसी उदासीनता इसके कार्य दक्षता पर सवाल खड़ा करता है | प्रतिकुलपति डॉ.जे.पी.एन.झा ने भूपेन्द्र बाबू के आचरण को अपने-अपने मन में उतारने को ही सच्ची श्रद्धांजलि कही |
जहाँ पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, अभिषद सदस्य विद्यानंद यादव, प्रो.परमानंद यादव, शिक्षक संघ के महासचिव डॉ.अशोक कुमार आदि ने विस्तार से भूपेन्द्र बाबू के आचरण को उजागर करते हुए वि.वि. की वर्तमान स्थिति पर आक्रोश व्यक्त किया वहीं डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने वि.वि. स्थापना दिवस के बाबत खुलासा करते हुए कहा कि 1991 के 4 फरवरी को ही भूपेन्द्र चौक वाले उनकी प्रतिमा का उद्घाटन करने आये थे राष्ट्रीय नेता शरद-लालू-नीतीश | तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के द्वारा यह कहने पर कि प्रतिमा मंडप तो सुन्दर बना है परन्तु मूर्ति का साइज़ बहुत छोटा है- के जवाब में डॉ.मधेपुरी ने कहा- आप चाहेंगे तो साइज़ तुरंत बढ़ जाएगा सर ! मधेपुरा के लोग बहुत दिनों से वि.वि. के लिए संघर्ष कर रहे हैं…… आज ही घोषणा कर दीजिए ना सर !!…….. और संध्या पांच बजे उस प्रतिमा से प्रेरित होकर रासबिहारी विद्यालय के ऐतिहासिक मैदान में घोषणा कर दी मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने | इसके अतिरिक्त डॉ.मधेपुरी ने कई संस्मरणों के सहारे उनके व्यक्तित्व एवं चरित्र की ऊँचाइयों को सामने लाया |
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए डॉ.ललितेश मिश्रा, डॉ.राम भजन मंडल, रघुनाथ यादव आदि अन्य बुद्धिजीवियों ने कहा कि समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र बाबू के आदर्शों से हम दूर होते जा रहे हैं | मौके पर वित्तीय सलाहकार सी.आर.डीगवाल, वित्त पदाधिकारी हरिकेश नारायण सिंह, डॉ.इन्द्र ना.यादव, डॉ.अब्दुल लतीफ़, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ.हीराकांत मंडल, डॉ.प्रज्ञा प्रसाद, डॉ.कुशेश्वर यादव, डॉ.रामेश्वर प्रसाद, डॉ.आलोक कुमार, मनोज भटनागर, डॉ.बैद्यनाथ साह, सचिव अखिलेश्वर नारायण आदि ने पुष्पांजलि-श्रद्धांजलि दिया |
प्रभारी कुलसचिव प्रो.विश्वनाथ विवेका ने अतिथियों का स्वागत किया, प्रो.दयानन्द ने मंच संचालन एवं डॉ.आर.के.पी.रमण ने धन्यवाद ज्ञापन किया |