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भारतीय जन लेखक संघ, मधेपुरा इकाई द्वारा विरह-मिलन के प्रखर गीतकार सुबोध कुमार सुधाकर का किया गया सम्मान

भारतीय जन लेखक संघ द्वारा सुकवि ‘सुधाकर’ के लिए आयोजित सम्मान समारोह का उद्घाटन किया प्रो.दयानन्द और अध्यक्षता की भू.ना.मंडल वि.वि. के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो.इन्द्र ना.यादव ने |

संघ के महासचिव महेन्द्र ना.पंकज, सचिव सुरेन्द्र भारती, पश्चिम बंगाल के आलोक सुन्दर सरकार, प्रो.सीताराम शर्मा, प्रो.नारायण कुमार, ई.हरिश्चन्द्र मंडल, प्रमोद कुमार सूरज, डॉ.विनय कुमार चौधरी आदि की सहभागिता से- “साहित्य में दलित एवं पिछड़ो के अस्तित्व” विषयक परिचर्चा पर गहराई से विमर्श हुआ |

Dr.Madhepuri felicitating Geetkaar Sudhakar Jee .
Dr.Madhepuri felicitating Geetkaar Sudhakar Jee .

साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कौशिकी के अद्यक्ष व सुधाकर जी के काव्य-गुरु हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ की चर्चा करते हुए सुकवि ‘सुधाकर’ को पुष्प गुच्छ अर्पित कर सम्मानित किया और परिचर्चा के विषयानुरूप स्वरचित ग्रन्थ- ‘इतिहास पुरुष शिवनंदन प्रसाद मंडल’ भेंट करते हुए परिचर्चा को सर्वाधिक गंभीर भी बना दिया | अन्त में डॉ.मधेपुरी ने कहा कि जब भी वे उत्तर दिशा की ओर नजर उठाते हैं तो हिमालय की तरह अडिग और स्थितप्रज्ञ होकर साहित्य सृजन करते हुए नजर आते हैं- तारानन्दन तरुण और सुबोध कुमार सुधाकर एवं हिमालय की सबसे ऊँची चोटी एवेरेस्ट पर भारतीय तिरंगा को फहराती हुई नजर आती है- देश की बेटी संतोष यादव |

 Audience attending the meeting of Bhartiya Jan Lekhak Sangh at Madhepura .
Audience attending the meeting of Bhartiya Jan Lekhak Sangh at Madhepura .

दूसरे सत्र में प्रखर गीतकार एवं क्षणदा के संपादक ‘सुधाकर’जी, जिन्होंने साहित्यिक सम्मान के रूप में राष्ट्रभाषा रत्न, साहित्य रत्न, काव्य प्रवीण तथा संपादकश्री आदि अर्जित किया है, के सम्मान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें फर्जी हास्य कवि डॉ.अरुण कुमार, राकेश कुमार द्विजराज, धर्मेन्द्र कुमार आनन्द, प्रतिभा कुमारी, मो.अबरार आलम, उल्लास मुखर्जी, डॉ.नारायण, शम्भुनाथ अरुणाभ, संतोष सिन्हा, भूपेन्द्र यादव, डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.मधेपुरी आदि ने अपनी रचनाओं से ऐसा समां बंधा कि कार्यक्रम के दोनों सत्रों में सात घंटे कैसे निकल गये, किसी को पता भी नहीं चला |

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डॉ.मधेपुरी ने की प्रो.चन्द्रशेखर से मो.कुदरतुल्लाह के नाम पर सड़क के नामकरण की माँग

अमर स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व एम.एल.सी. एवं प्रखर समाजसेवी मो.कुदरतुल्लाह काजमी की 48वीं पुण्यतिथि समारोह स्थानीय कुदरतुल्लाह यूनानी दवाखाना के प्रांगण में सम्मानपूर्वक आयोजित किया गया जिसके प्रेरक रहे हैं- डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी एवं आयोजक मो.शौकत अली |

समारोह के उद्घाटन सत्र का श्री गणेश दीप प्रज्ज्वलित कर बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर व डॉ.मधेपुरी सहित राजद जिलाध्यक्ष मो.खालिद, वरीय नेता विजेन्द्र प्र.यादव, जिलापरिषद अद्यक्षा मंजू देवी ने किया |

Minister Prof.Chandrashekhar addressing the people in the campus of Kudratullah Unani Dawakhana, Madhepura .
Minister Prof.Chandrashekhar addressing the people in the campus of Kudratullah Unani Dawakhana, Madhepura .

माननीय मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर ने उस अजिम शख्सियत मो.कुदरतुल्लाह के सामाजिक योगदानों को रेखांकित करते हुए कहा कि आगे भी डॉ.मधेपुरी एवं शौकत अली जैसे समाजसेवी लोग उन्हें याद रखेंगे | मंत्री ने कहा कि समाज के वंचितों एवं बच्चों के लिए मधेपुरा में यूनानी दवाखाना तथा काजमी कन्या विद्यालय की स्थापना हेतु उन्होंने न केवल जमीन दान दी बल्कि आजादी खातिर यातनाएँ भी सही और जेल भी गये |

Chief Guest Dr.Madhepuri comparing Kudratullah with 1st Law Minister .
Chief Guest Dr.Madhepuri comparing Kudratullah with 1st Law Minister .

मुख्यअतिथि डॉ.मधेपुरी ने मधेपुरा के मंडल-त्रय गांधीवादी शिवनन्दन प्र.मंडल, समाजवादी भूपेन्द्र नारायण मंडल एवं सामाजिक न्याय के पुरोधा बी.पी.मंडल की चर्चा करते हुए कहा कि मो.कुदरतुल्लाह गांधीवादी शिवनन्दन प्र.मंडल के हमसफर थे | दोनों एक साथ पढ़े और आजादी की लड़ाई में संग-साथ रहकर जेल यात्रा पर भी गये | दोनों दो-दो टर्म एम.एल.ए. एवं एम.एल.सी. रहे | दोनों देश के लिए जीते रहे | देश की खातिर जीने वाला कभी मरता नहीं है |

डॉ.मधेपुरी ने सर्वप्रथम मंत्री महोदय को यह जानकारी दी कि बापू द्वारा ‘नशाबन्दी’ की घोषणा किये जाने पर कुदरतुल्लाह ने इसी सड़क पर अपने पिता की ताड़ी दूकान बंद करने हेतु धरना-प्रदर्शन किया था | फिर डॉ.मधेपुरी ने इसी रोड का नामकरण कुदरतुल्लाह मार्ग करने की माँग बिहार सरकार के मंत्री प्रो.चन्द्रशेखर से की |

जहाँ विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद् अध्यक्षा मंजू देवी ने कुदरतुल्लाह के जीवन से बहुत कुछ सीखने की बातें कहीं वहीँ राजद जिलाध्यक मो.खालिद, वरीय नेता विजेन्द्र प्र.यादव ने उद्गार व्यक्त करते हुए काजमी साहब को प्रखर राष्ट्रवादी विचारक बताया | वैसे शिक्षा प्रेमी की पुण्य तिथि पर दस शिक्षकों को सम्मानित किये जाने की सराहना भी की |

People at Kudratullah Shraddhanjali Sabha .
People at Kudratullah Shraddhanjali Sabha .

अपने अध्यक्षीय भाषण में मो.शौकत अली ने उस यूनानी दवाखाने के सारे कचरे को हटाकर वहाँ आयुष चिकित्सालय की स्थापना की माँग की | मौके पर विद्वान डॉ.सैयाद परवेज आलम, मो.खतीबुर रहमान, मुर्तुजा अली, हाजी मनीरुद्दीन, अनवर जी आदि ने श्रधांजलि अर्पित की |

अंत में सेल-टैक्स एवं इनकम-टैक्स के वरीय अधिवक्ता जयनन्दन प्रसाद ने धन्यवाद् ज्ञापित किया |

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बी.पी.मंडल सेतु (डुमरी पुल) का रुका हुआ निर्माण कार्य शुरू……

Madhepura होकर गुजरनेवाली एन.एच.-107 (महेशखूंट-पूर्णिया) के 16वें कि.मी. पर अवस्थित ‘बी.पी.मंडल सेतु’ पर 2010 के अगस्त-सितम्बर माह से ही तीन-चार पाये के नीचे की मिट्टी खिसक जाने के कारण वाहनों का आवागमन बन्द कर दिया गया और आज तक परिचालन बन्द ही है- जिसके कारण कोसी अंचल के मधेपुरा-सहरसा-सुपौल वासियों को जितने प्रकार की परेशानियाँ उठानी पड़ीं हैं उससे कहीं अधिक तो निकट के ‘बेलदौर प्रखंड का विकास’ अवरुद्ध हुआ है | इसी बी.पी.मंडल सेतु को अधिकांश लोग अब भी डुमरी पुल ही कहते हैं |

ज्ञातव्य हो कि ठीक एक साल के बाद ही 10 जून 2011 को 17 करोड़ की लागत से बी.पी.मंडल सेतु के बगल में एक स्टील ब्रिज का निर्माण राज्य सरकार द्वारा करके उस पर परिचालन आरम्भ कर दिया जाता है | परन्तु, बी.पी.मंडल सेतु की तरह ही स्टील ब्रिज के पाये के नीचे की मिट्टी खिसक जाती है और 8 जुलाई 2011 से इस ब्रिज पर भी परिचालन बन्द कर दिया जाता है | कोसी अंचल के लोगों का दुर्भाग्य है कि 17 करोड़ के इस ब्रिज को कोसी 27 दिनों में ही बहा ले जाती है | कोसी के तीनों जिले के लोगों की समस्याएँ जस की तस मुँह बाये खड़ी की खड़ी रह जाती हैं |

फिलहाल एक किलोमीटर लम्बा बी.पी.मंडल सेतु का रुका हुआ जीर्णोद्धार कार्य 50 करोड़ की राशि से केबुल स्टे ब्रिज की तर्ज पर शुरू हो चुका है जिसके जीर्णोद्धार का कार्य एस.पी.सिंगला कम्पनी को दिया गया है |

कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के.के.रंजन ने  Madhepura Abtak को बताया कि दोनों किनारों पर 75-75 मीटर की दूरी पर एक-एक पाये का अतिरिक्त निर्माण होगा जिसके लिए रास्ते बनाये जाने का कार्यारम्भ भी हो गया है | उन्होंने यह भी कहा कि 290 मीटर के बीच के आठ पायों को तोड़ा जा चुका है और इस बार नदी के मध्य 140 मीटर में जल-प्रवाह को पूर्ण रूपेण मुक्त रखा जायेगा और यह भी कि इस कार्य को संपन्न होने में दो वर्ष लगेगा |

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बी.एस.एन.एल. की यही पहचान ! जिसकी सेवा से उपभोक्ता परेशान ….!!

बी.एस.एन.एल. (B.S.N.L.) यानी Bharat Sanchar Nigam Limited की मोबाइल सेवा लगभग-लगभग प्रत्येक महीने ग्राहकों और उपभोक्ताओं के लिए परेशानियाँ उत्पन्न करती रहती हैं |

विगत वर्षों में तो B.S.N.L के उपभोक्ताओं ने तंग आकर इसका नामकरण नये ढंग से यूँ कर दिया था – BSNL यानी भाई साहब नहीं लगेगा |

जब लोग काफी तंग होने लगे तो भारी संख्या में लोग अपने घर का बेसफोन कनेक्शन कटवाने लगे | तब BSNL के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की नींद टूटी और वे इस तरह जगे कि उपभोक्ताओं ने लगे हाथ BSNL का पुनः नया नामकरण कर दिया – भाई साहब निश्चय लगेगा |

इधर फिलहाल छह महीनों से कभी मोबाइल सेवा तो कभी ब्रॉडबैंड सेवा समस्त उपभोक्ताओं को काफी परेशान कर रही है | इतना ही नहीं बी.एस.एन.एल. सेवा बाधित होने से इन्टरनेट आधारित कारोबार भी ठप्प हो जाता है |

बुधवार को सारा दिन सुबह से ही मधेपुरा जिले में बी.एस.एन.एल. की मोबाइल सेवा बाधित रही | मोबाइल सेवा बाधित होने से उपभोक्ताओं को सारा दिन परेशान होना पड़ा तथा बहुत कुछ सोचने के लिए मजबूर भी…….!!

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मिले बिल गेट्स और नीतीश कुमार, खुलेंगे नई संभावनाओं के द्वार

माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके पटना स्थित आवास पर मिले। 7, सर्कुलर रोड पर हुई दो दिग्गजों की ये मुलाकात बेहद खास रही। मिलते ही नीतीश ने गेट्स को ‘वेलकम’ कहा और गेट्स ने कहा ‘कांग्रेचुलेशन मिस्टर कुमार’। बिहार चुनाव में मिली बड़ी जीत और नई सरकार के गठन के बाद गेट्स और नीतीश की यह पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात के बाद नीतीश सरकार और ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ के बीच शीघ्र ही नए समझौते होने के आसार हैं।

गर्मजोशी और आत्मीयता भरे माहौल में दोनों शख्सियतों ने स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में नई संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिल गेट्स को बिहार में चल रही स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव-विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से गेट्स काफी प्रभावित दिखे। उन्होंने इन योजनाओं की तारीफ ही नहीं की बल्कि हर संभव सहयोग की बात भी कही। नीतीश ने इस अवसर पर गेट्स को भगवान बुद्ध का स्मृति-चिह्न और सुप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग की कढ़ाई वाली शॉल भेंट की।

बिहार में सामाजिक और महिला सुधार के क्षेत्र में ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ की कई योजनाएं पहले से ही चल रही हैं। यह फाउंडेशन विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रसव के साथ-साथ नवजात बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उल्लेखनीय काम करता आ रहा है। यही नहीं, गेट्स का फाउंडेशन महिलाओं को परिवार नियोजन को लेकर जागरुक करने का कार्य भी करता है। नीतीश और गेट्स की ये मुलाकात इन तमाम योजनाओं के लिहाज से अहम मानी जा रही हैं।

बिहार की जनता ने ढेर सारी अपेक्षाओं के साथ नीतीश को पाँचवीं बार राज्य की बागडोर सौंपी है। नीतीश अच्छी तरह जानते हैं कि इस बार उनके सामने पहले से अधिक और पहले से अलग चुनौतियां हैं। वे विभिन्न मंचों पर बड़े आत्मविश्वास के साथ बिहार के विकास मॉडल की वकालत करते रहे हैं। अपने नए कार्यकाल में उन्हें इस मॉडल पर पूरे देश की मुहर लगवानी है। जाहिर है कि इसके लिए आज जैसी मुलाकात और बिल गेट्स जैसे सहयोगी बहुत अहम साबित होंगे।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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मधेपुरा के चार अधिवक्ताओं को सम्मानित किया हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी ने

देश और समाज हमेशा विधि द्वारा नियंत्रित होता रहा है | आरम्भ में व्यक्ति न्यायालय में अपना पक्ष स्वयं निवेदित करते रहे, परन्तु विधि के स्वरुप में जटिलता आने एवं व्यक्ति की निजी कठिनाइयों में वृद्धि होने के कारण अपनी अनुपस्थिति में किसी अन्य को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करने की मजबूरियों ने अधिवक्ताओं को जन्म दिया |

आज जहाँ 1916 ई. में स्थापित पटना उच्च न्यायालय अपना शतक पूरा करने जा रहा है वहीँ मधेपुरा व्यवहार न्यायालय में क्रियाशील कुछ अधिवक्तागण अपने कार्यकाल का अर्द्धशतक पूरा कर चुके हैं | उन्हीं में से चार वरीय एवं कर्मनिष्ठ अधिवक्ताओं – मो.अमान उल्लाह, शशिधर सिंह, गजेन्द्र ना.यादव एवं सरयुग साह को पूर्णिया के कला भवन में आयोजित भव्य समारोह में उच्च न्यायालय पटना के मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी के कर्मठ कर-कमलों द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं शाल ओढाकर सम्मानित किया गया |

Madhepura Abtak से इन चारो जनों ने कहा कि हमारे सम्मानित होने से मधेपुरा जिला अधिवक्ता संघ सर्वाधिक सम्मानित एवं गौरवान्वित हुआ है | संघ के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार झा , सचिव कृतनारायण यादव सहित रणधीर सिंह, जवाहर झा, आर्यादास, संध्याकुमारी, अभय कुमार, सदानंद यादव आदि ने सम्मानित सदस्यों को स्वस्थ रहने एवं दीर्घायु होने की शुभकामनाएं दी और यह भी कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा उत्साहवर्धन हेतु यह सम्मान आगे भी जारी रहे……!

 

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हिन्दुस्तान ओलंपियाड-2016 का भव्य आयोजन 19 जनवरी को

सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला अखबार ‘हिन्दुस्तान’ आने वाले नये वर्ष में शहरी प्रतिभाओं के साथ-साथ ग्रामीण प्रतिभाओं को भी नई पहचान एवं बेहतर प्लेटफार्म देने की तलाश में कदम बढ़ा चुका है | “हिन्दुस्तान ओलंपियाड-2016” का यह आयोजन 19 जनवरी को हिन्दुस्तान अखबार- मधेपुरा के ब्युरो चीफ अमिताभ के बांकुड़ों द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किये जाने का निश्चय किया गया है | इस ओलंपियाड में तीसरी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी अलग-अलग चार ग्रुपों में भाग ले सकते हैं जहाँ उन प्रतिभागियों को अग्नि-परीक्षाओं से गुजरकर मंजिल को पाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ेगा | संघर्षपूर्ण सीढ़ियों को चढ़कर उन्हें खुद को राज्यस्तरीय प्रथम पुरस्कार 30 हजार रु., द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रु. एवं तृतीय पुरस्कार 10 हजार का हकदार साबित करना होगा |

इन पुरस्कारों के अतिरिक्त प्रिन्ट यूनिट स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र/छात्राओं को प्रथम पुरस्कार 5100 रु., द्वितीय पुरस्कार 3100रु. एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 2100रु. की नगद राशि दी जायेगी |

यदि आप प्रतिभावान छात्र हैं और बेहतर प्लेटफार्म की तलाश में रहते हैं तो हिन्दुस्तान अख़बार में छपे फार्म के प्रारूप के अनुसार आवेदन को भरकर 200/-रु. निबंधन शुल्क के साथ अपना निबंधन अपने विद्यालय प्रधान के माध्यम से शीघ्रातिशीघ्र करा ही लीजिए |

Madhepura Abtak को डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी से यह जानकारी मिली कि विगत वर्ष भी “हिन्दुस्तान प्रतिभा सम्मान-2015” का भव्य एवं यादगार आयोजन भू.ना.मंडल वि.वि. आडिटोरियम में आयोजित किया गया था | डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा- स्पर्धा के इस युग में प्रतिभा को पग-पग पर नई पहचान दिलाने एवं ऊँचाई तक ले जाने के लिए हिन्दुस्तान का यह नायाब आयोजन- “हिन्दुस्तान ओलंपियाड-2016” अनोखा भी है और सर्वाधिक प्रशंसनीय भी |

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मेडिकल छात्रों के फार्म भरने की तिथि रुकी

भूपेन्द्र नारायण मंडल वि.वि.के अन्तर्गत चार मेडिकल कॉलेज हैं | एम.जी.एम.मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल किशनगंज, कटिहार मेडिकल कॉलेज दोनों पुराना मेडिकल कॉलेज है जहाँ कई विषयों में पी.जी.की भी पढ़ाई हो रही है | एक नया है बुद्धा मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल, बैजनाथपुर सहरसा जिसमें एक बार एडमिशन हुआ है, बाद बाँकी एम्.सी.आई. द्वारा जांच प्रक्रिया के अधीन है | और चौथा सरकारी कॉलेज है- कर्पूरी मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल जो निर्माणाधीन है और नीतीश सरकार के तहत तीव्र गति से प्रगति पथ पर अग्रसर है |

बहरहाल, कटिहार एवं किशनगंज दोनों मेडिकल कॉलेजों के विभिन्न वर्गों के छात्रों द्वारा परीक्षा फार्म भरने की तिथि अपरिहार्य कारण से स्थगित करनी पड़ी |

निम्नांकित चार वर्गों के छात्रों जिनके फार्म भरने की तिथि तत्काल स्थगित रहेगी- वे हैं- बी.एन.एम.यू. के- 1.फर्स्ट प्रोफेशनल एम.बी.बी.एस.परीक्षा-2015(1), 2.सेकेंड प्रोफेशनल एम.बी.बी.एस.परीक्षा-2015(2),फर्स्ट प्रोफेशनल एम.बी.बी.एस.परीक्षा-2016(1) एवं थर्ड एम.बी.बी.एस. पार्ट-2 परीक्षा के फार्म भरने की तिथि अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है |

मधेपुरा अबतक को इस आशय की जानकारी परीक्षा नियंत्रक डॉ.नवीन कुमार ने दी | उन्होंने कहा कि माननीय कुलपति डॉ.विनोद कुमार से वार्ताकर शीघ्र ही तिथि की घोषणा पुन: कर दी जायेगी |

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नंदकिशोर यादव की जगह प्रेम कुमार को नेता प्रतिपक्ष बनाने का अर्थ

करारी शिकस्त के बाद खुद को सम्भालने में लगी बिहार भाजपा ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रेम कुमार को विधायक दल की कमान सौंप दी। प्रेम कुमार अब नेता प्रतिपक्ष होंगे और उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर की सारी सुविधाएं मिलेंगी। उनके नाम का प्रस्ताव नंदकिशोर यादव ने किया जिसे भाजपा के 53 विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। बिहार चुनाव में हार का ठीकरा किसी व्यक्तिविशेष के सिर पर नहीं फोड़ा गया था और माना जा रहा था कि नंदकिशोर यादव फिर से विधायक दल के नेता चुन लिए जाएंगे। लेकिन भाजपा आलाकमान ने 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए ‘अतिपिछड़ा’ चन्द्रवंशी समाज से आने वाले प्रेम कुमार को आगे करना ठीक समझा। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भाजपा विधानमंडल दल के नेता बने रहेंगे।

प्रेम कुमार गया से सातवीं बार विधायक बने हैं। वे 1990 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद वे पथ निर्माण, पीएचईडी और नगर विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। 2013 में भाजपा के सरकार से अलग होने पर वे विपक्ष के नेता पद के सशक्त दावेदार थे और इस बार के विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के सम्भावित उम्मीदवारों में भी वे प्रमुखता से शामिल थे। शाहनवाज हुसैन ने तो गया की चुनावी सभा में बाकायदा इसकी घोषणा भी कर दी थी।

भाजपा आलाकमान ने मध्य बिहार के चन्द्रवंशी समाज से आने वाले प्रेम कुमार की ताजपोशी नेता प्रतिपक्ष के रूप में यूँ ही नहीं की है। सच तो ये है कि भाजपा अभी से 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में 35 प्रतिशत से अधिक आबादी वाली अत्यंत पिछड़ी जातियों की भाजपा के पक्ष में गोलबंदी के कारण ही एनडीए ने 40 में से 31 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी और इस बार के चुनाव में उसके मुँह के बल गिरने के पीछे एक बड़ा कारण इस वोट बैंक का उसके हाथ से खिसक जाना रहा था।

जो भी हो, भाजपा ने इस बड़े फेरबदल से अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। अब देखना ये है कि संगठन मे वो क्या बदलाव करती है..? प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मंगल पांडेय को जीवनदान मिलता है या किसी नए चेहरे को आगे किया जाता है..? नंदकिशोर यादव की नई भूमिका अब क्या होगी..?  और सुशील कुमार मोदी का विकल्प पार्टी ढूंढ़ पाती है या नहीं..? उन्हें भाजपा विधानमंडल दल का नेता बनाए रखने से ये तो स्पष्ट हो ही गया है कि बिहार भाजपा में ‘फिलहाल’ उनका कोई विकल्प नहीं।

और अंत में, ऊपर के आखिरी सवाल से जुड़ा एक बड़ा सवाल या संभावना ये भी है कि क्या प्रेम कुमार की भूमिका अगले विधान सभा चुनाव तक और बड़ी होगी..? क्या आने वाले समय में प्रेम कुमार बिहार भाजपा के ‘चेहरा’ होंगे और उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाना उसी का संकेत है..?

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ या सचमुच बिहार में होंगे मध्यावधि चुनाव..?

बिहार विधान सभा चुनाव में एनडीए को ‘अप्रत्याशित’ पटखनी मिली। इसके बाद राजनीतिक शिष्टाचार के तहत भाजपा और उसके तमाम सहयोगी दलों ने ‘जनादेश’ का सम्मान करने की औपचारिकता तो निभा दी लेकिन अखबारों में और चैनलों पर उन दलों की ओर से एकदम ‘सन्नाटा’ छा गया। जाहिर है ‘सदमे’ से उबरने और ‘धूल झाड़ने’ के लिए उन्हें थोड़ा वक्त चाहिए था। पर राजनीति में ज्यादा वक्त तक चुप रहना ‘सेहत’ के लिए ठीक नहीं माना जाता। लिहाजा अब ये दल अपनी चुप्पी तोड़ रहे हैं और शुरुआत की है लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने।

आज लोजपा की स्थापना के सोलह साल पूरे हुए। पार्टी की स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी प्रमुख व केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान अपने तीन सांसदों, एक नवनिर्वाचित विधायक, सभी जिलाध्यक्षों समेत प्रदेश के तमाम पदाधिकारियों के साथ तुरत मिली जबरदस्त हार की समीक्षा में जुटे थे। समीक्षा होनी भी चाहिए। पर बात केवल समीक्षा तक नहीं रही। इस मौके पर लालू के ‘मौसम वैज्ञानिक’ ने एक भविष्यवाणी भी कर डाली कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार डेढ़-दो साल से अधिक नहीं चलने वाली है। उनके अनुसार बिहार में मध्यावधि चुनाव तय है क्योंकि बिहार की इस नई सरकार में जिस तरह विभागों का बंटवारा हुआ है उससे स्पष्ट है कि ‘ताज’ किसी और के सिर पर है और ‘राज’ किसी और के हाथ में। सारे बड़े और ‘मलाईदार’ विभाग राजद ने ले लिए हैं।

जहाँ तक एनडीए की करारी हार का प्रश्न है तो बकौल पासवान ऐसा महागठबंधन के ‘जातीय कार्ड’ के कारण हुआ। नीतीश सरकार द्वारा छोटी-छोटी जातियों को अतिपिछड़े वर्ग से निकालकर दलित वर्ग में डालने की अनुशंसा और पिछड़ी जातियों को अतिपिछड़े में शामिल करने के कारण जातीय गोलबंदी महागठबंधन के पक्ष में हो गई। लेकिन ये ‘कास्ट गिमिक्स’ बिहार में नहीं चलेगा। पासवान के अनुसार जब इन जातियों की अपेक्षाएं टूटेंगी तब यह समीकरण बिखर जाएगा।

लोजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री द्वारा शराबबंदी की घोषणा का स्वागत किया लेकिन साथ ही इसके प्रभावी होने पर संदेह भी जताया। उन्होंने कहा कि पहले कदम-कदम पर शराब की दुकानें खुलवाई गईं, दस वर्षों में लोगों को शराब की लत लग गई और अब अचानक शराबबंदी का ऐलान हो रहा है। अब क्या होगा उन दुकानों का और क्या होगा उन लोगों का, ये भी सरकार को बताना चाहिए।

बहरहाल, अब तो ये ‘परिपाटी’ बन चुकी है कि राज्य या केन्द्र की सरकार चाहे अच्छे से अच्छा निर्णय क्यों ना ले, विरोधी दल उसकी आलोचना ही करेंगे। इस पर कोई टिप्पणी ही बेकार है। जहाँ तक मध्यावधि चुनाव को लेकर पासवान की भविष्यवाणी है उस पर चर्चा होनी तय है। एनडीए अगर सचमुच अपनी हार के कारणों को ईमानदारी से तलाशना चाहता है तो उसे ये समझना होगा कि इसके पीछे उनके बड़े नेताओं के ‘बड़बोलेपन’ ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई है। चाहे प्रधानमंत्री मोदी का ‘डीएनए’ वाला बयान हो, चाहे अमित शाह का ‘पाकिस्तान में पटाखे फूटने’ का या फिर मोहन भागवत का ‘आरक्षण की समीक्षा’ वाला बयान। इन सबके उलट नीतीश को अपनी ‘शालीनता’ से लोकप्रियता भी मिली और वोट भी। आश्चर्य है कि रामविलास पासवान इन गलतियों से सबक लेने की बजाय नए सिरे और नए तरीके से वैसी ही गलती दुहराने जा रहे हैं।

अभी बिहार की नई सरकार ने काम करना शुरू ही किया है। महागठबंधन के दलों ने अभी ऐसी कोई ‘गलती’ नहीं की है कि एनडीए के नेता मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी करने लग जाएं। पासवान ना केवल बिहार के बल्कि देश स्तर के नेता हैं और केन्द्र में वरिष्ठ मंत्री भी हैं। इतने जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से एक अलग तरह की मर्यादा अपेक्षित होती है। इस तरह के बयानों से सिवाय राजनीतिक ‘अस्थिरता’ के कुछ भी हासिल नहीं होगा। इस ‘प्रवृत्ति’ से ना तो राज्य का भला हो सकता है, ना ही देश का। जहाँ तक जनता की बात है, वो भी खूब समझती है कि ‘खिसियानी बिल्ली’ कब और कैसे खंभा नोचती है।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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