प्रधानाचार्य, प्रतिकुलपति एवं कुलपति रह चुके कुशल राजनीतिज्ञ डॉ.महावीर प्रसाद यादव की 90वीं जयन्ती समारोह का आयोजन “डॉ.महावीर सामाजिक एवं सांस्कृतिक शोध संस्थान” ट्रस्ट के बैनर तले श्रद्धापूर्वक किया गया जिसकी सफलता के लिए उनके पुत्र डॉ.अरुण एवं पुलिस इन्स्पेक्टर मनोज कुमार की आकुल-व्याकुल उपस्थिति सराहनीय रही | बन्धु द्वय ने बिहार सरकार के वरिष्ठतम मंत्री व उद्घाटनकर्ता बिजेन्द्र प्रसाद यादव एवं विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव सहित मंचासीन सभी अतिथियों को पुष्प-गुच्छ के साथ चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया |
कार्यक्रम का श्रीगणेश “महावीर द्वार” शिलान्यास से आरम्भ किया गया तथा सभागार में सर्वप्रथम उनके तैलचित्र पर उद्घाटनकर्ता माननीय मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, पूर्व कुलपति डॉ.जयकृष्ण प्रसाद यादव, डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, डॉ.के.एन.ठाकुर, प्राचार्य-अध्यक्ष डॉ.एच.एल.एस.जौहरी, विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा, विधायक रमेश ऋषिदेव, पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला, प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, पूर्व विधायक दिलकेश्वर मेहता सहित स्वागताध्यक्ष डॉ.शिवनारायण यादव, संयोजक डॉ.शैलेन्द्र कुमार, निवेदक डॉ.परमानन्द यादव, उद्घोषक डॉ.उदयकृष्ण व अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार आदि के साथ-साथ सभाभवन में महावीर बाबू के श्रद्धावनत शिष्यगण तथा उनमें आस्था रखनेवाले शिक्षानुरागी-बुद्धिजीवी, छात्र-छात्राओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया और संस्मरण, स्नेह एवं हृद्योदगार व्यक्त किया गया- जिनमें प्रमुख रूप से उपस्थित देखे गये सहरसा से गोपाल बाबू, डॉ.विद्यानंद मिश्र, सुपौल से केशर कुमार सिंह, डॉ.नरेश कुमार, आरक्षी निरीक्षक गजेन्द्र कुमार, प्रो.रीता कुमारी, शम्भू ना.यादव, प्रो.विजेन्द्र ना.यादव, पूर्व प्रमुख सिया शरण यादव, सीनेट सदस्य विद्यानन्द यादव आदि |
फिर उस महामना डॉ.महावीर की तरह चारो ओर शिक्षा के प्रकाश को फैलाने के लिए दीप प्रज्वलित कर सबों ने उनके प्रति उदगार व्यक्त किया | उदगार व्यक्त करने वालों में सहरसा के गोपाल बाबू ने एक मिनट में यही कहा- हरि अनंत हरि कथा अनंता……|

फिर डॉ. विद्यानंद मिश्र, सुपौल के केशर सिंह सहित प्रो.रीता कुमारी,डॉ.नरेश कुमार, प्रो. बिजेंद्र ….. आदि प्रमुख रहे जिन्होंने महावीर बाबू के विभिन्न स्वरूपों , संस्मरणों एवं कार्यों की चर्चाएँ की |
ज्योहिं अध्यक्ष – स्वागताध्यक्ष द्वारा वक्ताओं पर समय की पावंदी लगाई गई कि इसी बीच डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में बस इतना ही कहा – महानुभाव ! संस्थापक प्राचार्य श्रधेय रतनचन्द ने वट वृक्ष के जिस नन्हें से शिक्षा बीज ( टी.पी.कालेज) को मधेपुरा की माटी में खड़ा किया था और कालांतर में जिसे डॉ.महावीर विश्वकर्मा बनकर इतना विराट बना दिया उसे समय के दो मिनट वाली कटोरी में समा देना क्या संभव होगा – शिवनारायण बाबू ! क्या इस पुनीत अवसर पर उद्घाटनकर्ता महोदय को भी संबोधित न करूँ जो बिहार सरकार के हाथ-पैर जैसे मंत्री नहीं बल्कि सरकार की रीढ कहे जाने वाले वरीय मंत्री हैं – बिजेंद्र बाबू ! जिन्होंने मधेपुरा को शिक्षा का हब बनाने के लिए बी.एन.एम.यू.निर्माण से लेकर कर्पूरी मेडिकल कालेज, बी.पी. मंडल इंजिनियरिंग कालेज के लिए लगभग एक हजार करोड की राशि अपने वित्त मंत्रित्वकाल में दिया था | इसी क्रम में मंचासीन अतिथियों ने विस्तार से महावीर बाबू के गुणों की चर्चा की |
अंत में उद्घाटनकर्ता माननीय मंत्री बिजेंद्र प्र.यादव ने अपने संबोधन में कहा कि रतनचंद एवं महावीर बाबू जैसे पुरुखों को याद कर हम ज्ञान अर्जित करके आगे बढ़ने का रास्ता तलाश सकते हैं | ऐसे ही लोग काम के बल पर पद से ऊपर उठ जाते हैं | शिक्षक, शिक्षा एवं शिक्षालयों में सुधार लाने के बाबत उन्होंने महात्मा गाँधी एवं टैगोर के बीच के संस्मरण सुनाकर यही कहा कि सिर्फ कहने से ही नहीं बल्कि करने से ही काम होता है | अंत में सदाशिव टेम्पुल एवं माया निकेतन की शिक्षिका शशि प्रभा के निर्देशन में छात्राओं ने “महावीर–गीत” प्रस्तुत किया | प्रो.विष्णुदेव यादव ने धन्यवाद् ज्ञापन किया |