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मधेपुरा के भूपेन्द्र चौक पर फहराया तिरंगा डॉ.मधेपुरी ने

समाजवादी चिन्तक भूपेन्द्र नारायण मंडल के नाम वाले ‘भूपेन्द्र चौक’ पर डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने स्कूली बच्चों एवं समाज सेवियों की उपस्थिति में भारतीय तिरंगा फहराया तथा गणतंत्र दिवस को भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय त्योहार बताया | उन्होंने राष्ट्रीय धरोहरों व विरासतों को भी याद किया |

डॉ.मधेपुरी ने कहा कि आज ही के दिन यानी 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था और भारत एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में जन्म ग्रहण कर दुनिया के सामने आया था | तब से ही 26 जनवरी को प्रत्येक वर्ष ‘भारतीय गणतंत्र दिवस’ सर्वाधिक हर्सोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है |

उन्होंने बच्चों को यह भी जानकारी दी कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित किया जाता है | अगले दिन 26 जनवरी को प्रात: आजादी की लड़ाई में शहीद हुए जवानों की याद में ‘इंडिया गेट’ पर ‘अमर ज्योति’ प्रज्वलित कर 21 तोपों की सलामी दी जाती है | फिर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वोजोतोलन के साथ राष्ट्रगान होता है | इस गणतंत्र समारोह में महामहिम राष्ट्रपति के साथ एक विशिष्ठ विदेशी राष्ट्रप्रमुख आते हैं जिन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किये जाते हैं |

Dr.Bhupendra Madhepuri garlanding the Great Samajwadi Freedom Fighter Bhupendra Narayan Mandal before Flag Hoisting .
Dr.Bhupendra Madhepuri garlanding the Great Samajwadi Freedom Fighter Bhupendra Narayan Mandal before Flag Hoisting .

डॉ.मधेपुरी ने कहा कि आज के दिन प्रत्येक भारतीय के मन में देशभक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह भर उठता है जो ढेर सारी ऐतिहासिक स्मृतियों को बाहर निकालने के लिए बेताव व व्याकुल हो उठता है |

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सुशांत स्मृति प्रतियोगिता में शामिल हुए मेधावी छात्र

आज 29वीं सुशांत स्मृति युवा प्रतियोगिता के प्रथम चरण की प्रतियोगिता पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, कीर्ति नगर में संपन्न हुई | इस प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न स्कूलों के पाँच सौ से अधिक प्रतिभावान छात्र-छात्राओं ने भाग लिया जिसमें स्थल-चित्रकारी, निबंध-लेखन एवं जी.के. सहित तीन विधाओं की परीक्षाएं ली गई |

सुशांत स्मृति के सचिव डॉ.आलोक कुमार ने मधेपुरा अबतक को बताया कि लगातर 29 वर्षों से छात्रों के बीच ये प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं | उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत तबला वादक प्रो.योगेन्द्र ना.यादव इसके अध्यक्ष हैं |

इस बार की प्रतियोगिता परीक्षा में सामान्य ज्ञान में लगभग 450, चित्रकला में 61 और निबंध में 33 छात्रों ने भाग लिया | चित्रकारी का विषय पर्यावरण संरक्षण तथा निबंध के लिए विषय- आपदा प्रबंधन और युवा रखा गया था | मौके पर डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.जगदीश नारायण प्रसाद, डॉ.आलोक कुमार, दशरथ प्र.सिंह कुलिश, आनन्द कुमार मुन्ना, राहुल कुमार यादव, हर्षवर्धन सिंह राठौर, अमित कुमार अंशु, प्रो.योगेन्द्र नारायण यादव, बी.पी.साह, प्रो.रूद्रनारायण यादव आदि को सक्रिय देखे गये |

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रेल इंजन फैक्ट्री ही बदल देगी कोसी की सूरत

रेल इंजन फैक्ट्री बदलेगी कोसी की सूरत और मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज के पूरा होते-होते बेहतर दिखेगा कोसी का आने वाला कल | तब कोसी के विकास की गाड़ी सौ के स्पीड में दौड़ेगी और सूबे बिहार में सबसे विकसित जिलों में लिखा जायेगा ‘मधेपुरा’ का नाम- ये बातें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने जिला जदयू कार्यालय में आयोजित एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कही |

अपनी हार-जीत की परवाह किये बगैर सुलझे सोच के राजनेता शरद यादव ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि विभिन्न बीमारियों से ग्रसित समाज के लोग यदाकदा भटक जाते हैं, लेकिन जनसेवायुक्त राजनीति का स्वाद हमेशा मीठा लगता है | जनता में जिसकी साख बनेगी उसकी बातों को कोई नहीं टाल सकता | उन्होंने सरकार की उपलब्धिओं को गिनाते हुए कहा कि सरकार नित्य नये विकास की गाथा लिख रही है |

Rashtriya Adyaksh Sharad Yadav is being honoured by Zila Adyaksh (JDU) in Party Worker's Meeting at Madhepura
Rashtriya Adyaksh Sharad Yadav is being honoured by Zila Adyaksh (JDU) in Party Worker’s Meeting at Madhepura

पूर्व सांसद डॉ.रवि ने विस्तार से दिए गये अपने वक्तव्यों में कहा कि शरद यादव एक ऐसे राजनेता हैं जिन्हें लोग लोहिया-अम्बेडकर की तरह याद करते हैं और सदा करते रहेंगे | सूबे के पूर्व मंत्री व आलमनगर के विधायक नरेंद्र नारायण यादव, विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा, विधायक प्रो.रमेश ऋषिदेव, रत्नेश सादा, निरंजन मेहता सहित पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला, मणिन्द्र कुमार मंडल ने शरद यादव को सच्चा व पक्का नेता बताकर विस्तार से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी ईमानदारी और संजीदगी की कोई तुलना नहीं है, तभी तो उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद सम्मान’ से सम्मानित किया गया है |

प्रारम्भ में सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मिलित रूप से किया गया तथा सियाराम यादव की अध्यक्षता में मंच संचालन का काम पार्टी के प्रवक्ता प्रो.फुलेन्द्र कुमार को सौंपा गया | स्वागतम कार्यक्रम के बाद मंच संचालक ने सभी प्रखंडों एवं विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को अल्पावधि में स्वागत करने का निदेश देते हुए बारी-बारी  से आमंत्रित किया |

JDU Party Worker's Meeting at Madhepura Zila Party Karyalaya.
JDU Party Worker’s Meeting at Madhepura Zila Party Karyalaya.

घैलाढ प्रखंड के सियाशरण यादव, राजकिशोर यादव, प्रो.सुजीत मेहता, वीरेन्द्र आजाद सहित कुछ अन्य के स्वागत भाषण में लोकसभा की हार की टीस सुनाई दी | ‘स्वागत’ के साथ बार-बार ‘हार की गूंज’ सुनते रहने के बाद जदयू के वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने उद्गार व्यक्त करने के क्रम में कार्यकर्ताओं से दो टुक बातें की और यही कहा-

किसान-मजदूर-अल्पसंख्यकों एवं शोषित-पीड़ित-वंचितों के दुःखहर्ता शरद यादव, जो हार-जीत की परवाह किये बिना अनवरत जन-सेवा में रमे रहते हैं, का स्वागत व अभिनन्दन कार्यकर्ता क्या करेगा…… डॉ.मधेपुरी ने स्वागत के बाबत बस यही कहा-

दीन दुखियों के हृदय की वेदना से
जो हृदय होगा द्रवित क्रन्दन करेगा
कल उसी का काल अभिनंदन करेगा |

इसके साथ ही डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि ‘हार’ का कारण केवल कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि शरद जी भी हैं, क्योंकि वे अपने द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी किसी को देते कहाँ हैं ? जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वर्णजयंती में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डॉ.शंकरदयाल शर्मा द्वारा उनकी अनुपस्थिति में सात बार नाम लेकर जिस ‘शरद यादव’ के गुण-धर्मों की चर्चा की गयी- उससे कार्यकर्ता आजतक अनभिज्ञ हैं ?

मौके पर गुड्डी देवी-इन्दिरा-बुलबुल- मीणा सहित भुवनेश्वरी, कमलराम, जुम्मन शेख, डॉ.विजेंद्र, महेंद्र पटेल, नरेश पासवान, प्रो.सत्यजीत, प्रो.विजेंद्र, डॉ.नीलाकांत, अशोक चौधरी, विष्णुदेव चौधरी, अमरेन्द्र चंद्रवंशी, डॉ.रत्नदीप, मनोज भट्नागर, प्रभु ना.मेहता, शिवनारायण आदि ने कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के सम्मान में अपनी बातें कही |

ये सारी बातें सुनने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने अपने द्वारा व्यक्त किये गये उद्गार में यह बात कबूल कर ली कि- “चुनाव हार कर भी मैं जीत गया……. लोगों का प्यार कदापि नहीं भुला पाऊंगा !”

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मधेपुरा में ‘प्रजापिता ब्रह्माबाबा’ की 47वीं पुण्यतिथि मनी

संसार के 137 देशों में ‘प्रजापिता ब्रह्माबाबा’ की 47 वीं पुण्य तिथि मनाई जा रही है | इस अवसर पर कार्यक्रम का श्री गणेश करते हुए नारी शक्ति स्वरूपा ब्रह्मा कुमारी रंजू दीदी ने विषय प्रवेश करते हुए कहा –

प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय वि.वि.की स्थापना (वर्ष 1930, राजस्थान में) करने वाले श्रद्धेय लेखराज कृपलानी जी हैं जो शिष्यों के बीच ‘ब्रह्मा बाबा’ के नाम से और आज की तारीख में ‘प्रजापिता ब्रह्मा’ के नाम से जाने जाते हैं |

यह वि.वि. विश्व के 137 देशों में अपनी 8500 से अधिक शाखाओं के साथ 10 लाख विद्यार्थियों को प्रतिदिन आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान कर रहा है और धर्म को नये मानदंडों के साथ परिभाषित कर रहा है |

ब्रह्मा कुमारी रंजू दीदी ने यह भी कहा कि जीवन की दौड़-धूप से थक चुके मनुष्य शांति की तलाश में आज इस संस्था की ओर तेजी से प्रवृत्त हो रहे हैं |

Dr. Madhepuri paying tributes to Prajapati Brahma Baba on his 47th Death anniversary.
Dr. Madhepuri paying tributes to Prajapita Brahma Baba on his 47th Death anniversary.

वहीँ मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद् साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम सभी एकत्र होकर ‘ब्रह्मा बाबा’ के चित्र में ‘ओम शांति ’ वाला उज्जवल चरित्र एवं दिव्य व्यक्तित्व की तलाश कर रहे हैं तथा सम्मिलित होकर जीवन को उत्सवमय बना रहे हैं |

डॉ. मधेपुरी ने ऋषि तुल्य जीवन के धारक भारतरत्न डॉ.कलाम के संदेश को परोसते हुए कहा– ‘ये आँखे दुनियां को दोबारा नहीं देख पायेगी, अतएव आपके अन्दर जो बेहतरीन है उसे दुनिया को देकर जाइए |

डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि पहले व्यक्ति का मन विकृत होता है, तब तन को रोग पकड़ता है | उन्होंने साधना के माध्यम से मन को नियंत्रित करने तथा आत्मविश्वास को मन-प्राणों में उतारने की बात यह कहते हुए कही कि ‘आत्मविश्वास’ आदमी के जीवन में कोई भी चमत्कार ला सकता है |

विशिष्ट अतिथि के रूप में शांतिकुंज गायत्री परिवार से जुड़े चैतन्य कुमार वर्मा ने कहा कि संसार को सकारात्मक सोच से भरनेवाले जितने भी दिव्य पीठ हैं– सभी मिल-बैठकर निरंतर प्रयास में लगे रहेंगे तो अंधेरा से हमें एक-न-एक दिन मुक्ति मिलेगी ही मिलेगी |

मधेपुरा में इस संस्था के चौखम्भा के रूप में स्थापित सर्वश्री पूर्व प्रमुख विनयवर्धन उर्फ़ खोखा बाबू, प्रो. अजय कुमार, प्रो. निरोध कुमार निराला एवं दिनेश सर्राफ सहित प्रो. अनिल कुमार, डॉ.नरेश कुमार, प्रो. अभय कुमार, प्रो.त्रिवेणी यादव, प्रो.अशोक पोद्दार एवं ओम शांति परिवार के सभी सदस्यों कविता, पूजा, माला, अनिल, विजय, वैद्यनाथ, नगीना आदि की सार्थक उपस्थिति से ब्रह्मा बाबा की श्रद्धांजलि सभा श्रद्धापूर्वक सम्पन्नता की ओर बढ़ती रही |

प्रारम्भ में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्थान, मधेपुरा की ब्रह्मा कुमारी रंजू दीदी, मुख्य अतिथि-विशिष्ट अतिथि व अन्य के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया और अंत में इच्छापूर्ण प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही श्रद्धांजलि सभा में आये हुए श्रद्धालुओं को विदाकर समापन किया गया |

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शरद यादव 16 जनवरी से आठ दिवसीय मधेपुरा दौरे पर

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव आठ दिवसीय दौरे पर  मधेपुरा आ रहे हैं। वे 16 से 23 जनवरी तक मधेपुरा संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगे। इस दौरान वे अपने विकास मद की राशि से पूरी की गई विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और कुछ नई योजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

बता दें कि शरद यादव 15 जनवरी को मकर संक्रान्ति के अवसर पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह द्वारा दिए गए चूड़ा-दही भोज में शामिल होने पटना आए थे। 16 से 23 जनवरी तक  मधेपुरा संसदीय क्षेत्र के सघन दौरे के उपरान्त वे 24 जनवरी को पटना में जननायक कर्पूरी ठाकुर की 93वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। पटना से ही वे दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।

मधेपुरा एवं सहरसा जदयू के जिला अध्यक्षों ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि वे 16 जनवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत व सम्मान के लिए सहरसा पहुँचें।

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राजनेता, समाजसेवी एवं शिक्षाविद आर.पी. यादव की 83वीं जयंती मनी

मधेपुरा के पूर्व सांसद, प्रखर समाजसेवी एवं शिवनंदन प्रसाद मंडल विधि विश्वविद्यालय के संस्थापक आर. पी. यादव के व्यक्तित्व व कृतित्व में आस्था एवं विश्वास रखने वाले समर्थकों व सहचरों द्वारा उनकी 83वीं जयंती श्रद्धापूर्वक और सादगीपूर्ण तरीके से मनाई गई। इस अवसर पर विधि महाविद्यालय में पुष्पांजलि कार्यक्रम के साथ-साथ विधि महाविद्यालय के प्राचार्य व आर.पी. साहब के पुत्र सत्यजीत यादव के निवास पर चूड़ा-दही-तिलकुट का भोज भी आयोजित था। मकर संक्रान्ति के दिन ही जयंती होने के कारण आयोजन में उत्सव-सा माहौल बन गया था।

उपरोक्त समारोह में बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री व स्थानीय विधायक प्रो. चन्द्रशेखर सहित विभिन्न दलों के नेताओं, भू.ना. मंडल विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। प्रो. चन्द्रशेखर ने आर.पी. साहब के तैलचित्र पर माल्यार्पण के बाद उन्हें रचनात्मक प्रवृत्ति का सांसद बताते हुए कहा कि वे हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों की सुधि रखने में तत्परता दिखाया करते थे। उन्हीं का अनुकरण करते हुए मैं अभी मधेपुरा वार्ड नं. 20 के प्रो. दिलीप कुमार यादव को चार लाख का चेक प्रदान करने आया हूँ जिनके 18 वर्षीय पुत्र मानस की मौत डूब जाने के कारण हुई थी।

इस अवसर पर डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि लम्बे समय तक संसद में मधेपुरा का प्रतिनिधित्व करने वाले आर.पी. साहब क्षेत्र के लोगों के बीच जितने मृदुभाषी थे, उच्चाधिकारियों के लिए उतने ही कठोर अनुशासन वाले। प्रो. श्यामल किशोर यादव ने कहा कि सांसद के रूप में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। जयंती सह भोज समारोह में पूर्व जिला परिषद् सदस्य अरविन्द कुमार यादव, शिक्षक नेता परमेश्वरी प्रसाद यादव, प्रो. निरोद कुमार निराला, पूर्व प्राचार्य प्रो. सच्चिदानन्द यादव, डॉ. आलोक कुमार, प्रो. देवेन्द्र यादव, पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला, प्रो. बिजेन्द्र नारायण यादव, तेजनारायण यादव, प्रो. गणेश कुमार, प्रो. अशोक कुमार, प्रो. अरुण कुमार, प्रो. सुजीत मेहता, बैद्यनाथ चौहान, पप्पू कुमार, युगल पटेल, आनंद मंडल, लोक अभियोजक इन्द्रकान्त चौधरी, राजद जिलाध्यक्ष देवकिशोर यादव आदि उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय एवं शिक्षण-संस्थाओं से पुष्पांजलि व श्रद्धांजलि देने वालों की आवाजाही दिन भर देखी गई। इनमें कुलसचिव डॉ. कुमारेश प्रसाद सिंह, कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका, सम्पदा पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार, सिंडिकेट सदस्य डॉ. परमानन्द यादव, डॉ. जवाहर पासवान, विद्यानन्द यादव, प्राचार्य डॉ. हजारी लाल साह जौहरी एवं विधि परामर्शी बीएनएमयू डॉ. शिवनारायण यादव प्रमुख थे।

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डॉ. मधेपुरी की सलाह पर डीएम ने परीक्षा तक लगाई थियेटर पर रोक

समाहरणालय सभा कक्ष में सिंहेश्वर मेला समिति की बैठक जिला पदाधिकारी सह समिति के अध्यक्ष मो. सोहैल की अध्यक्षता में हुई जिसमें समिति के सदस्यों, जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों एवं धार्मिक न्यास परिषद् सिंहेश्वर के वर्तमान व पूर्व सदस्यों की उपस्थिति देखी गई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि मेले में चौबीसो घंटे बिजली, पानी के लिए पर्याप्त संख्या में चापाकल, समुचित साफ-सफाई एवं चाक-चौबंद सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। मेले में आने वालों की सुविधा हेतु आवश्यकतानुसार शौचालय-निर्माण का निर्णय भी लिया गया। इसके अतिरिक्त मेले में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दवा व चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ चौबीसो घंटे एम्बुलेंस तैनात रखने का निर्देश भी दिया गया।

मेले में मनोरंजन की चर्चा के दरम्यान डीएम सह अध्यक्ष मो. सोहैल द्वारा जब सिंहेश्वर न्यास के पूर्व एवं वर्तमान सदस्यों से एक-एक कर विगत मेलों में बंद किए गए थियेटर को पुन: चलाने पर विचार मांगा गया तो सबों ने थियेटर चलाने पर बल दिया – सिवाय शिक्षाविद्-साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी के। डॉ. मधेपुरी ने इस बाबत तत्कालीन डीएम गोपाल मीणा द्वारा लिए गए निर्णय की च्रर्चा करते हुए मैट्रिक परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों, अभिवावकों एवं हेल्परों की भीड़ के बीच मेले की ‘भयावह’ भीड़ को सम्भालने में प्रशासन को होने वाली परेशानियों की ओर ध्यान आकृष्ट किया। पूरी बात को विस्तार से सुनने के बाद कदाचार के कट्टर विरोधी डीएम मो. सोहैल ने कदाचाररहित परीक्षा के संकल्प को दुहराते हुए यह घोषणा कर दी कि सिंहेश्वर मेले में थियेटर लगेगा लेकिन मैट्रिक परीक्षा के समापन (19 मार्च) के बाद क्योंकि परीक्षा की पवित्रता के बाद ही मनोरंजन का स्थान आता है।

बैठक में सिंहेश्वर मेले का डाक 10 लाख 35 हजार की उच्चतम बोली लगाने वाली सिंहेश्वर न्यास समिति को दिया गया। बता दें कि गत साल न्यास द्वारा यह डाक 5 लाख 51 हजार में ही लिया गया था। समिति द्वारा एक अन्य निर्णय “सिंहेश्वर महोत्सव” के बाबत लिया गया कि 8, 9 एवं 10 मार्च को त्रि-दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए समिति ने बिहार सरकार के पर्यटन विभाग को विशेष रूप से साधुवाद दिया।

सम्पूर्ण कार्रवाई में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ‘निराला’, सामान्य शाखा प्रभारी श्रीमती राखी, कार्यपालक पदाधिकारी विनय कुमार सिंह सहित कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, विद्युत विभाग, वन विभाग सहित शिक्षा एवं चिकित्सा आदि अन्य विभागों के पदाधिकारीगण एवं न्याय समिति के पूर्व एवं वर्तमान सदस्य श्री हरि टेकरीवाल, विश्वनाथ प्राणसुक्खा, डॉ. दिवाकर सिंह, सरोज सिंह, डॉ. मधेपुरी सहित व्यवस्थापक महेश्वर प्रसाद सिंह आदि की उपस्थिति देखी गई।

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‘हम’ ने शुरू की अपने ‘होने’ का अहसास कराने की जद्दोजहद

विधानसभा चुनाव के ‘सदमे’ से उबरने में बेशक थोड़ा वक्त लगा हो लेकिन ‘हम’ ने बिहार में अपने ‘होने’ का अहसास नए सिरे से कराने की जद्दोजहद शुरू कर दी है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा – सेक्युलर (‘हम’) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के निर्देशन एवं प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल के आह्वान पर कल यानि सोमवार 12 जनवरी 2016 को पार्टी ने बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर ‘किसानविरोधी’ और ‘जनविरोधी’ सरकार के खिलाफ एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया।  मधेपुरा में भी जिला अध्यक्ष अध्यक्ष शौकत अली के नेतृत्व में ‘हम’ ने किसानों की समस्या एवं हत्या, अपहरण आदि की बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य सरकार के प्रति आक्रोश जताया और इस बहाने लोगों से जुड़ने और पार्टी की जड़ जमाने की कोशिश की।

मोहम्मद शौकत अली की अध्यक्षता में समाहरणालय गेट के सामने धरना देते हुए विभिन्न प्रखंडों के अध्यक्ष किसानों की धान की खरीद नहीं होने, बोनस नहीं दिए जाने और पूर्व बकाये का भुगतान नहीं किए जाने पर जमकर बरसे। मौके पर ‘हम’ के जिला छात्र अध्यक्ष नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष रविन्द्र कुमार, जिला संगठन सचिव शिवदेव मंडल एवं जिला प्रवक्ता अशोक झा ने राज्य में अपराध व भ्रष्टाचार की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष शौकत अली के साथ प्रखंड अध्यक्ष मनिका देवी (सिंहेश्वर), पवन गुप्ता (चौसा), राजेन्द्र चौधरी (बिहारीगंज), नित्यानंद ऋषिदेव (कुमारखंड), गुद्दर ऋषिदेव (घैलाढ़) सहित बनिलाल, प्रयाग व रामचन्द्र ऋषिदेव ने जिला पदाधिकारी को पार्टी की ओर से ज्ञापन भी सौंपा।

धरना-प्रदर्शन के बहाने ‘हम’ ने मधेपुरा का ध्यान तो खींचा लेकिन इसकी एक दूसरी वजह भी रही। जी हाँ, इसी दिन पार्टी की अन्दरूनी तनातनी और खेमेबाजी भी सामने आई। मोहम्मद शौकत अली की अध्यक्षता में समाहरणालय के समक्ष दिए जा रहे धरना के समानान्तर स्थानीय कला भवन के समक्ष एक और धरना दिया गया जिसकी अध्यक्षता सिंहेश्वर से पार्टी की प्रत्याशी रही मंजू देवी ने की और धरने का संचालन ‘हम’ के नेता ध्यानी यादव ने किया। इस धरने में चन्द्रदेव पंकज, मनोज यादव, भूषण झा, चन्दन मंडल, संजय राय, गजेन्द्र पासवान, सुरेन्द्र सरदार आदि उपस्थित थे।

उद्देश्य भले ही दोनों खेमों का समान हो और दोनों ही खेमे शीर्ष नेतृत्व के प्रति समर्पण भी जता रहे हों लेकिन जिले में चुनाव के बाद हो रहे पहले बड़े आयोजन में पार्टी के इस तरह दो खेमे में बंट जाने से इसके समर्थक निराश देखे गए। दोनों खेमे को आज नहीं तो कल ये समझना ही होगा कि उद्देश्य बड़ा हो तो छोटे मतभेदों को दूर कर लेना ही श्रेयस्कर होता है।

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मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल से प्रशिक्षित मो. शहंशाह ने पेश की एक अदभुत प्रस्तुति..!

टी.पी. कॉलेज के विशाल सभा भवन में ठसमठस भरे दर्शकों के समक्ष मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल से प्रशिक्षण प्राप्त मो. शहंशाह ने  मधेपुरा में ‘नवाचार रंग मंडल’ का गठन कर अपनी प्रथम प्रस्तुति – ‘कुमतिनगर का किस्सा’ – का सफल निर्देशन एवं मंचन कर खूब तालियाँ बटोरीं। कार्यक्रम की सफलता हॉल के अन्दर बारम्बार बज रही तालियों की अनुगूंज और बाहर खड़े दर्शकों द्वारा आँकी जाती रही।

संसाधनों की कमी के बावजूद भी हास्यशैली पर आधारित लेखक राजकमल नायककृत  “कुमतिनगर का किस्सा” अपने उद्देश्य में सफल होता है और दर्शकों पर पूरा प्रभाव छोड़ता है।

एक राज्य है कुमतिनगर, जहाँ का राजा अपने राज्य में लोगों के शिक्षित होने पर पाबंदी लगा देता है। फिर भी गुरु की भूमिका निभाने वाले मो. शहंशाह अपने एक शिष्य ‘आनंद’ के साथ कुमतिनगर के लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। आरम्भ में शिष्य ‘आनंद’ गुरु एवं गुरु ग्रन्थ की अनदेखी कर और लोगों को ठग कर बस अच्छा-अच्छा भोजन ग्रहण करने में लग जाता है। इसके बावजूद राजा ‘आनंद’ को कोतवाल बना देता है। दूसरी तरफ शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने वाले गुरु (मो. शहंशाह) पर राजद्रोह करार कर सिर कलम करने की घोषणा कर देता है।

अचानक कोतवाल बने शिष्य ‘आनंद’ का अंतर्मन जागृत हो जाता है। वह गुरु को सूली पर नहीं चढ़ाने के लिए राजा से प्रार्थना करता है। इसी के साथ शिष्य के अंतर्मन में शिक्षा-शिक्षक एवं ग्रन्थ के प्रति सम्मान व संस्कार जाग उठता है। ऐसा लगता है जैसे शिष्य का स्वप्न टूट चुका हो।

Students & Guardians observing Play “Kumati Nagar ka Kissa” in T.P. College Sabha Bhawan
Students & Guardians observing Play “Kumati Nagar ka Kissa” in T.P. College Sabha Bhawan

कालांतर में वह शिष्य ‘आनंद’ अपने गुरु (मो. शहंशाह) के साथ शिक्षा के प्रचार-प्रसार में अहर्निश इस कदर काम करने लगता है जैसे आधुनिक बिहार के निर्माता अमर स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार के प्रथम विधि मंत्री बाबू शिवनंदन प्र. मंडल के जीवन-दर्शन –

….Not a single soul should remain uneducated on the Earth.

को कुमतिनगर की घरती पर जन-जन तक ले जाने के बाद ही दम लेंगे दोनों। दोनों गुरु-शिष्य मिलकर ज्ञान के तिरस्कार को खत्म करते हैं और विनाश के द्वार को बंद कर देते हैं।

टी.पी. कालेज के विशाल सभागार में “नवाचार रंग मंडल” की प्रथम प्रस्तुति ‘कुमतिनगर का किस्सा’ का उद्घाटन प्रधानाचार्य डॉ. एस.एल.एस. जौहरी, डॉ. मधेपुरी, प्रो. एस. के. यादव, डॉ. जे. पासवान, डॉ. के.डी. यादव, दशरथ प्र. सिंह, ध्यानी यादव आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर डॉ. विश्वनाथ विवेका, डॉ. अरुण, प्रो. अद्री, डॉ. अरविन्द एवं रुपेश कुमार आदि की उपस्थिति में किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ. जौहरी ने कहा कि कला और संस्कृति जीवन को संस्कारित करती है। जीवन का अहम हिस्सा बनकर उसे आगे बढाती है। मौके पर अन्य वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ भी प्रतिभाओं के सामने बाधा बनकर खड़ा नहीं रह सकता।

वहीँ डॉ. मधेपुरी ने कहा कि मधेपुरा के नाम को रोशन करने वाली प्रतिभाओं के प्रतीक – सोनी, पायल, रियांशी, रवि, हर्षवर्धन सिंह राठौड़, मो. शहंशाह आदि – को आर्थिक मदद देते रहने के लिए वे हमेशा खड़े रहे हैं और भविष्य में भी प्रतिभाओं के रास्ते में पैसे की बाधा को दूर करने के लिए वे हमेशा तत्पर व मुस्तैद रहेंगे। नाटक की सफलता के लिए मो. आतिफ, इमरान, दीपक, राहुल, रवि, बमबम, श्रीकांत, संदीप, कैसर, आनंद, सुमित, निशा, कार्तिक के साथ-साथ गायक रोशन कुमार, अंशु, गुड्डू, प्रिया, कशिश, परवीण आदि ने अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज करायी।

वस्त्र-रूप व मंच सज्जा सहित विभिन्न प्रकार के सहयोग के लिए सोनी राज, प्रीति, शिवानी, दिलखुश, अंजलि, आदित्य, शुभम-अमल-मिथुन सहित शहनवाज-शकील एवं उज्ज्वल-हर्षवर्धन-रिजवान-विजय आदि पताका फहराते रहे। मंच संचालन अंशु एवं हर्षवर्धन सिंह राठौड़ ने किया।

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मधेपुरा में जारी है मानवता के विरुद्ध घृणित अपराध

बाल कल्याण समिति मधेपुरा द्वारा विगत एक्स-मास की छुट्टी में 10 बच्चों को मजदूरी कराने के लिए दिल्ली-पंजाब ले जा रहे गिरोह से छुटकारा दिलाकर उन्हें उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया |

‘Madhepura Abtak’ को प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसे घृणित अपराध के तीन ठीकेदारों द्वारा मधेपुरा जिले के विभिन्न गाँवों के दस किशोरों को माँ की ममतामयी छांव से दूर ले जाने का प्लान रचा गया | फलस्वरूप उन दसो-बालकिशोरों –आलमनगर के एक मुकेश कुमार, रतवाड़ा के तीन- ध्रुव-मिथुन-सौरभ कुमार, खुरहान के दो- राधे और रिपन, चिरौरी के कन्हैया, गंगापुर के पवन, मोरसंडा के गौरव कुमार एवं घुरगाँव के रविन्द्र कुमार को वे तीनो घृणित अपराध कर्मी अपने कब्जे में कर लिये |

ये सभी किशोर सरकारी स्कूल के वर्ग 3 से 8 में पढने की बात कहते रहे जिनमें से चार तो मधेपुरा अबतक को स्कूली ड्रेस में ही दिखे | ऐसे उन्मुक्त बचपन को बाल मजदूरी की खाई में गिरने से पहले ही जी.आर.पी. की सूचना पर चाईल्ड लाइन सहरसा के अधिकारियों ने छापेमारी कर अपने कब्जे में ले लिया और माँ-बाप के ममत्व भरे मंदिर में पूजा-अर्चना करने हेतु वापस करने के लिए बाल कल्याण समिति (सी.डब्लू.सी.) सहरसा को हस्तगत करा दिया |

सी.डब्ल्यु.सी के सदस्य डॉ.नरेश रमण एवं अध्यक्ष पूनम कुमारी दास ने मुक्त कराये गये इन बाल मजदूरों की सूचना सहरसा श्रम अधीक्षक को दे दी  | बच्चों ने बताया कि बिना अभिभावकों की सहमति के वे इन मानव व्यापारियों द्वारा दिये गये लोभ के कारण उनके साथ जाने को तैयार हुए थे जबकि बच्चों ने ठीकेदारों के नाम तक नहीं जानने की बात स्वीकार की |

सी.बी.आई. के हालिया रिपोर्ट के अनुसार 8 हजार मासूम बच्चियों को दिल्ली के रास्ते दुबई भेजा गया – जिसमें अधिकांश किशोरियों के माता-पिता के बिहार,झारखंड और बंगाल से होने की बात कही गई है | जरा सोचिये तो सही, ममता को तरसता मासूम बच्चा अपने माँ-बाप से अलग होकर कैसे रहता होगा  !!

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