26 नवंबर को समस्त भारत की स्कूल-कॉलेज से लेकर गाँव-शहर के सभी संस्थानों में चाहे वह सरकारी हो या गैर सरकारी….. संस्था के प्रधानों द्वारा छात्र-छात्राओं से लेकर सभी कर्मियों को संविधान की शपथ दिलाई गई। संविधान दिवस को पंचायत, अनुमंडल, जिला और प्रदेश तथा देश स्तर के रहनुमाओं द्वारा सर्वाधिक धूमधाम से मनाया गया। सबों ने देश की एकता एवं अखंडता की शपथ खाई और दूसरों को शपथ दिलाई भी। बच्चे, नौजवान एवं सभी नर-नारियों ने यही शपथ ली-
“हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण, प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी संविधान सभा में 26 नवंबर एतत् द्वारा संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मप्रित करते हैं।”
शपथ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मधेपुरा के युवा व ऊर्जावान जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला एवं जांबाज एसपी संजय कुमार ने कहा कि भारत के संविधान को विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है जिसे तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे थे। इसे बनाने में इस जिले के संविधान सभा सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव (चतरा) से लेकर… सर सच्चिदानंद सिन्हा….. डॉ.राजेंद्र प्रसाद… डॉ.भीमराव अंबेडकर…. आदि का योगदान सदा स्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमें अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य का भी बोध कराता है। हमारे संविधान में समस्याओं का निदान भी सन्निहित है। इस 70वें संविधान दिवस पर हमें मूल कर्तव्यों का पालन सख्ती के साथ करना चाहिए….. तभी भारत विकसित राष्ट्र बनेगा।