Aasha and Mamta protest at madhepura

हक़ पाने के लिए जाग उठी नारी शक्ति !

आशा व ममता कार्यकर्ताओं ने किया अदभुत प्रदर्शन ! सात सूत्री मांगों को लेकर सदर अस्पताल से सुभाष चौक, स्टेट बैंक, मछली बाजार होते हुए पूर्वी बायपास होकर समाहरणालय गेट को पूर्णरूपेण जाम कर उग्र प्रदर्शन करती आशा व ममता ने यह साबित कर दिया कि गाँधी के गाँवों की नारियां अब चुपचाप बैठने वाली नहीं बल्कि हक़ की खातिर लड़ने को तैयार हो गई हैं | वह अब अबला नहीं रही बल्कि वह अब विद्या स्वरूपा, लक्ष्मी स्वरूपा के साथ-साथ शक्ति स्वरूपा बनकर उमड़ रही है तथा या देवी सर्वभूतेषु . . . . बनती जा रही है |

Aasha and Mamta volunteers Protesting at Madhepura
Aasha and Mamta volunteers Protesting at Madhepura

काफी देर तक आशा व ममता अपनी सात मांगों को लेकर हमेशा डटी रही | इस अवसर पर बिहार चिकित्सा जन स्वास्थ कर्मचारी संघ के अधीन संचालित “आशा संघ” की जिला मंत्री रेणु कुमारी ने “ समान काम – समान वेतन ” का नारा बुलन्द करते हुए प्रदर्शन का नेतृत्व किया तथा सरकार से मांग की – आशा – ममता को सरकारी सेवक घोषित करें, मासिक वेतन 17 हजार रुपए करें, सेवा अवधि 60 वर्ष करें, पेंशन, अनुकम्पा की सुविधाएँ भी उपलब्ध करायी जाय |

इस मौके पर गणेश मानव, लाला भूपेन्द्र, प्रो. नरेश कुमार तथा नूतन कुमारी, राधा देवी, कुसुम राज सहित रंजना, रीना, रंभा, प्रीति, सावित्री, अनीता आदि शामिल थी | सदर एस.डी.एम. संजय कुमार निराला की पहल पर समाहरणालय गेट के जाम को बिना किसी अशोभनीय घटना के ही समाप्त कराया जा सका |

सम्बंधित खबरें