Anganwadi Sevika and Sahayika Protesting at Madhepura

महिला शक्ति के सामने ठहर गया शहर !

एक तरफ सावन के दूसरे सोमवारी के दिन तीन बजे रात से ही शिव के दरबार की नाकेबन्दी लाखों श्रद्धालुओं द्वारा शुरू होने लगी तो दूसरी ओर नारी शक्ति स्वरूपा आँगनबाड़ी की सेविका-सहायिका समाहरणालय के गेट की ऐसी नाकेबंदी की कि परिन्दे भी गेट के अन्दर प्रवेश नहीं पा सके |

जिला मुख्यालय से कहीं बढ़-चढ़कर धरना प्रदर्शन किया गया प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में | समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक के एक-एक कर्मी नारी शक्ति के समक्ष झुक गये बल्कि वे किसी विधि प्रवेश नहीं पा सके, जहाँ थे वहीँ रुक गये |

15 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गईं आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं की मुख्य मांगें हैं – सेवा का नियमितीकरण एवं सेविका को 17 हजार तथा सहायिका को 12 हजार रुपए मानदेय मिले !

नारी शक्ति अब प्रशंसनीय ही नहीं दर्शनीय भी हो गयी है | या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संसृता . . . यानी धरना के आरम्भ में आकाश से बरस रही आग में भी यह नारी शक्ति डटी रही तो दोपहर बाद पसीना बहा रही सेविका-सहायिकाओं पर तरस खाकर इन्द्र ने जब मुसलाधार बारिश कर दी तब भी यह नारी शक्ति डटी रही, पर हटी न कोई . . . | पहली बार नारी शक्ति के सामने सब कुछ ठहर गया और ठहर गया मधेपुरा शहर भी !

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