दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त

दीपावली पर फोड़े गए पटाखों और पंजाब-हरियाणा में लगातार जलाई जा रही पराली के कारण राजधानी दिल्ली और इससे सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद जैसे दर्जन भर शहरों में वायु गुणवत्ता स्तर (Air Quality Index) 800 से 1000 के आसपास बना हुआ है।
गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता मापने के लिए शहर में लगाई गई मशीनें 500 तक AQI माप सकती हैं, जबकि रविवार सुबह दिल्ली और आसपास के शहरों में AQI 1200 के पार चले जाने के कारण मशीनें तक जवाब दे गईं। ऐसे में स्थिति भयावह हो चली है। आँखों में जलन और सांस संबंधी दिक्कतें आम हो गई हैं। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इससे ज्यादा प्रभावित हैं। एहतियातन दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 5 नवंबर तक सारे स्कूल बंद कर दिए गए हैं। खराब मौसम और स्मॉग के कारण वायु सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
उधर केन्द्र सरकार लगातार प्रदूषण से बने हालात पर नजर बनाए हुए है। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार तमाम कारकों मसलन निर्माण कार्यों, कूड़ा जलाने और पराली जलाने पर सख्ती की तैयारी की जा रही है। प्रदूषण से निपटने के लिए 300 टीमें लगातार काम कर रही हैं। राज्य सरकारों को प्रदूषण में कमी लाने के लिए सारे संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
सरकारी स्तर पर जो भी प्रयास हो रहे हैं, वे अपनी जगह हैं; जरूरत इस बात की है कि इस विकट स्थिति के लिए हम सबको आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेनी होगी और कुछ संकल्प लेने होंगे ताकि हम अपनी प्रकृति और परिवेश की रक्षा कर सकें। बिहार सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किया गया जल-जीवन-हरियाली अभियान वास्तव में इन्हीं भयावह स्थितियों से निपटने और हमारी भावी संततियों को सुरक्षित रखने की कोशिश है। देखा जाए तो ऐसे अभियान की जरूरत पूरे देश में है।

सम्बंधित खबरें