DCLR Lalit Singh is being honoured by students.

एक ओर माँ दुर्गा की विदाई और दूसरी ओर माँ सरस्वती का सम्मान

एक ओर संपूर्ण मधेपुरा जिले में जहाँ जय माँ दुर्गा के जयकारे के साथ परंपरानुरूप जगत जननी माँ दुर्गे को दी जा रही थी नम आँखों से विदाई, वहीं दूसरी ओर उदाकिशुनगंज अनुमंडल कार्यालय के सभागार में डीसीएलआर ललित कुमार सिंह द्वारा नि:शुल्क चलाये जा रहे 65वीं बीपीएससी परीक्षा की तैयारी वाले शैक्षणिक सत्र के समापन के साथ जगत जननी माँ सरस्वती के पुत्र-पुत्रियों को प्रोत्साहित करते हुए दी जा रही थी शुभकामनाओं के साथ विदाई |

बता दें कि सत्र समापन के अंतिम दिन छात्रों ने वर्ग विशेषज्ञों के सम्मान में समारोह आयोजित किया जिसमें सम्मान का शुभारंभ भूमि सुधार उप समाहर्ता श्री ललित कुमार सिंह से शुरू हुआ | तत्पश्चात मुख्य अतिथि सह मार्गदर्शक नवल किशोर कुमार, विशिष्ट अतिथि सजन देव कुमार सहित अमृता प्रीतम एवं अनीता को भी सम्मानित किया गया |

यह भी जानिए कि उदाकिशुनगंज के डीसीएलआर ललित कुमार सिंह गत वर्ष से ही नि:शुल्क बीपीएससी की तैयारी कक्षा चला रहे हैं | कक्षा प्रत्येक रविवार को 2 घंटे चलाया जाता है | साथ ही प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को नि:शुल्क मटेरियल भी उपलब्ध कराया जाता है यानि विषयवार स्टडी सामग्री मुहैया कराई जाती है  | विशेष रूप से मार्गदर्शन के साथ लगातार सैंपल टेस्ट का भी आयोजन वर्तमान बैच को कराया गया |

इस कार्यक्रम की तैयारी जहां एक और नि:शुल्क रही है वहीं पूर्व से ही डीएम नवदीप शुक्ला (IAS), मुकेश कुमार (तत्कालीन डीडीसी), राजस्व पदाधिकारी जयंत कुमार सहित प्रोबेशन पदाधिकारी स्नेहा गुप्ता व सहायक अभियंता जीवन गुप्ता के अलावा कई सफल व्यक्तियों द्वारा यहाँ अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता रहा है |

चलते-चलते यह भी बता दें कि आरंभ में भूमि उपसमाहर्ता ललित कुमार सिंह ने यह तैयारी वर्ग मधेपुरा से ही चलाने की चर्चा समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से मिलकर की थी | फलस्वरूप डॉ.मधेपुरी ने इस बाबत टीपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.केपी यादव से प्रत्येक रविवार के लिए कमरा भी स्वीकृत करवा ली थी, परंतु एनएच-106 की दुर्दशा के कारण आने-जाने में लगभग 4 घंटे लगने की बात सोचकर अंततः डीसीएलआर ललित कुमार सिंह को उदाकिशुनगंज में ही (विवश होकर) इसका शुभारंभ किया जाना उचित लगा….. और अंतिम निर्णय भी वैसा ही हुआ |

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