महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के अवसर पर मेरा शहर मेरे गांधी…… मेरा देश मेरे बापू…… से लेकर आज की तारीख में वह महात्मा वैश्विक कार्यकर्ता के रूप में स्वीकार्य किया जा रहा है… जिसका संपूर्ण जीवन मानवता के लिए एक अमूल्य संदेश है। दुनिया आज भी इनके विचारों को आत्मसात करने में लगी है।
जहाँ दक्षिण अफ्रीका, लाइबेरिया और फिलिस्तीन जैसे देशों की मुद्राओं पर गाँधीजी के चित्र अंकित हैं वहीं इटली के एक राजनीतिक दल के ध्वज पर गाँधी का चित्र विराजमान है और वहाँ की पाठ्य पुस्तकों में गाँधी के विचारों की विस्तृत जानकारी भी अंकित की गई है।
बता दें कि इस अवसर पर गाँव से लेकर प्रखंड तक और जिला से लेकर विश्वविद्यालय तक कहीं “गांधी और स्वच्छता” पर पेंटिंग प्रतियोगिता, तो कहीं गांधी के जीवन पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कहीं छात्रों ने गाँधी के वेश में मनमोहक झांकियाँ निकाली तो कहीं पर्यावरण, हरियाली, शुद्ध पानी व स्वच्छता पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। सारा जिला ही दिनभर गाँधीमय बना रहा जबकि बारिश की कहर से बिहार की राजधानी पटना ही विशेष रुप से त्रस्त है।
इस अवसर पर जहाँ एक ओर मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने कहा कि जब तक मानवता जिंदा है, गाँधी के विचारों को हम अपनी आत्मा से अलग नहीं कर सकते… और जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने कहा कि आज गाँधी दर्शन विश्व दर्शन बन गया है…… वहीं दूसरी ओर मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने हाॅली क्रॉस स्कूल द्वारा आयोजित तीन-तीन कार्यक्रमों- (गाँधी पर क्विज, पेंटिंग एवं दलितों की 25 बच्चियों की पढ़ाई) का प्राचार्या डॉ.वंदना कुमारी व सचिव गजेंद्र कुमार के साथ संयुक्त रूप से महात्मा गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया।
इस 150वीं जयंती पर मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कोसी प्रमंडल के तीनों जिले से आए सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से यही कहा कि गाँधीजी हमेशा यही कहा करते कि- आदमी का सबसे बड़ा शत्रु है “डर”। लेकिन, गांधी जी को भी एक “डर” हमेशा लगा रहता…… और वह यह कि बस कहीं लोग उन्हें भी भगवान ना मान लें…। गाँधी अनुकरणीय बनना चाहते थे, पूजनीय नहीं।
डॉ.मधेपुरी ने विस्तृत व्याख्या करते हुए अंत में यही कहा कि आज भी देश में नई पीढ़ी के साथ गाँधी जीवित हैं यदि उन्हें गाँधी को समझना है तो खुद गाँधी बन कर देखना होगा तथा यह भी महसूसना होगा कि जिस समय मोबाइल नहीं था उस समय गाँधी जी ने संपूर्ण भारत को कैसे जोड़ कर रखा था। आज हर कोई गाँधी को केवल राजनीति में जिंदा रखना चाहता है….. देशभर में गाँधी को कोई भी अपने आचरण में जिंदा रखना क्यों नहीं चाहता…….?
अंत में मुख्य अतिथि डॉ.मधेपुरी द्वारा क्विज में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आये हाॅली क्रास के अमृतराज-ईशान, डीएस एकेडमी के काजल-कंचन एवं जवाहर नवोदय विद्यालय के रंजीता-पिंटू को….. तथा पेंटिंग में पहला, दूसरा एवं तीसरा स्थान प्राप्त साक्षी बिहारीगंज एवं हाॅली क्रास के छात्रों को मोमेंटो व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
चलते-चलते यह भी बता दें कि जब हाॅली क्रास की प्राचार्या डॉ.वंदना कुमारी और सचिव गजेंद्र कुमार द्वारा 25 दलित बच्चियों को प्रतिदिन पढ़ाने की व्यवस्था के साथ स्कूल ड्रेस, कॉपी-पेंसिल-रबर आदि वितरित किया गया तो डॉ.मधेपुरी ने उत्साहित करते हुए उन बच्चियों से कहा कि मुझे यकीन है कि एक दिन तुम में से कोई पायलट बनोगी, कोई डॉक्टर बनेगी और कोई इंजीनियर……।।