गांधी विचार समागम और जल-जीवन-हरियाली अभियान का शुभारंभ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना के ज्ञान भवन में शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘गांधी विचार समागम’ का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया और जल-जीवन-हरियाली अभियान का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। गौरतलब है कि ‘गांधी विचार समागम’ में विभिन्न विषयों पर गांधी जी के विचारों पर विभिन्न विद्वान वक्ताओं द्वारा 11 सत्रों में 2 से 3 अक्टूबर तक चर्चा होगी।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यदि 10 से 15 प्रतिशत नई पीढ़ी के लोगों में गांधी जी के विचारों के प्रति आकर्षण पैदा हो जाए तो समाज और देश बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने पर्यावरण के प्रति अपने विचार में कहा था कि पृथ्वी सबकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं। हमलोगों ने हर घर तक बिजली पहुंचाई है लेकिन लोग उसका सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं। हर घर नल का जल वर्ष 2020 तक सभी जगह पहुंच जाएगा। आधी जगहों पर यह योजना पूर्ण हो चुकी है। पेयजल के दुरुपयोग से बचना होगा ताकि जल संरक्षण हो सके।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कभी सूखे की स्थिति, कभी अधिक वर्षापात की स्थिति बन रही है। हाल ही में 3-4 दिनों तक तेज वर्षा हुई जिसके कारण कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति बनी। हमलोगों ने आज ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान की शुरुआत की है। जल-जीवन-हरियाली का मतलब है जल है, हरियाली है तभी जीवन है, चाहे जीवन मनुष्य का हो या पशु-पक्षी का। 26 अक्टूबर से प्रत्येक पंचायत से इस अभियान के अंतर्गत कोई न कोई कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। यह अभियान अगले 3 वर्षों तक चलेगा और राज्य सरकार इस पर अपने बजट से 24 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बापू ने सात सामाजिक पापों की चर्चा की है। सभी सरकारी भवनों में सात सामाजिक पापों को इस तरह से अंकित कराना चाहिए कि वे नष्ट न हों। अगर इन बातों का प्रभाव 5 से 10 प्रतिशत लोगों के मन पर भी पड़ेगा तो देश और दुनिया बदल जाएगी। गांधी जी के विचारों के प्रति हमलोग समर्पित हैं और पूर्ण दृढ़ता के साथ इसके लिए काम कर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति उनके संदेशों को अपनाते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान की आज शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि गांधी विचार समागम का जो आयोजन किया गया है और उसमें चर्चा के बाद नई बातें सामने आएंगी उससे समाज को लाभ होगा। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने गांधी जी के जीवन-वृत्त पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी, आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलाधिपति श्री रमाशंकर सिंह एवं मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चैधरी, शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव शिक्षा श्री आरके महाजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, पर्यावरणविद् डॉ. वंदना शिवा, आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर श्री जयंत सिंह तोमर सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए गांधीवादी विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता, वरीय पदाधिकारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

सम्बंधित खबरें