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बच्चों के भोजन पर लगे टैक्स का विरोध

भारतीय संसद एवं राज्य एसेम्बलियों के कैंटीनों में प्रतिनिधियों के खाद्य सामग्रियों के रेट हैं – चावल –2.00, दाल –1.50 प्रति प्लेट, चपाती – 1.00 प्रति पीस, चाय = 1.00 प्रति कप, रसगुल्ला – 1.00 प्रति पीस आदि-आदि | यह भी जानें कि उन प्रतिनिधियों की पगार है लगभग – 80,000 रू. प्रतिमाह, और वे भी बिना टैक्स के |

इन्हें देश का वह नर-नारी जो गांवों में 30 से 32 रू. प्रतिदिन पसीना बहा-बहाकर कमाता है वो गरीब नहीं लगता और यह भी जानें कि अब वे गरीब के बच्चों को शिक्षा से दूर करने की साजिश भी रचने लगे हैं |

मधेपुरा जिला के प्राइवेट स्कूल्स के हास्टलों में रहकर पढ़नेवाले गरीब किसान-मजदूर के बच्चों के भोजन पर 13.5% वैट (टैक्स) लगाने के सरकारी निर्णय का प्राइवेट स्कूल्स के संचालकों, निदेशकों एवं प्रचार्यों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है |

इन शिक्षकों का कहना है कि शराब पर टैक्स लगाना और बढाना तो इसलिए भी अच्छा लगता है कि वह शरीर और आत्मा दोनों का नाश करती है | लेकिन, बच्चों के भोजन पर टैक्स (वैट) लगाना-शिक्षा को नाश करने की साजिश के अलावा और क्या कहा जा सकता है |

प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर सोसाइटी के जिलाध्यक्ष श्री किशोर कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने बच्चों के भोजन पर ‘वैट’ लगाने को सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय कहा | वित्त मंत्री द्वारा दी गई टिपण्णी को आड़े हाथों लेते हुए माया विद्या निकेतन, शहीद चुल्हाय मार्ग की निदेशिका सह जिला सचिव चंद्रिका यादव सहित निक्कू नीरद, नवीन कुमार, बलराम सोनी, योगेन्द्र झा, विलास कुमार, नवीन कुमार, ओम प्रकाश यादव, वरुण कुमार, नफीउर रहमान, प्रदीप शर्मा, चन्दन सिंह, मुकेश झा, एम. के. मुन्ना आदि ने कड़ा विरोध जताया |

यह भी जानें कि संघ के प्रवक्ता मानव कुमार सिंह के अलावे अबु जफ़र, नंदिनी वर्णवाल, रतन कुमार, जे. के. वर्मा, मिलन कुमार, राजेश्वर साह, पवन कुमार अदि आचार्यों, प्राचार्यों ने डॉ. मधेपुरी मार्ग के बगल में एन०एच०-106 के सामने नव स्थापित किरण पब्लिक स्कूल में आयोजित बैठक में सरकार के इस निर्णय को तुगलकी फरमान बताया |

बैठक का संचालन ज्ञानदीप निकेतन के प्राचार्य चिरामणि यादव ने किया और धन्यवाद् ज्ञापित अमन प्रकाश ने |

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