गंभीर बीमारियों से जुड़े इलाज की चर्चा वेदों में- पीएम नरेन्द्र मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश की जनता से यही कहा कि हमारे पास हजारों वर्ष पुराना वेदों का भंडार है जिसमें एक-से-एक गंभीर बीमारियों से जुड़े इलाज की चर्चा है। लोग उधर ध्यान नहीं दिए हैं।

बता दें कि पीएम मोदी के अनुसार हम अपने प्राचीन अनुसंधानों को आधुनिकता से जोड़ने में बहुत ज्यादा सफल नहीं हो पाए बल्कि आधुनिकता की चकाचौंध में उन्हें भूलते चले गए। नमो ने देशवासियों से कहा कि इसी स्थिति को बीते 5 वर्षों में हमने लगातार बदलते रहने का भरसक प्रयास किया है।

यह भी बता दें कि ये सारी बातें पीएम मोदी ने दिल्ली में आयोजित “योग पुरस्कार समारोह” को संबोधित करते हुए उपस्थित लोगों के बीच कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आयुष मंत्रालय के जरिए बीते 5 वर्षों से इस स्थिति को बदलने का काम अनवरत जारी है।

इस अवसर पर नमो द्वारा उद्घोषणा की गई कि प्राचीन शोधों को प्रयोगशालाओं में मान्यता दी जा रही है। साथ ही उन मान्यताओं को इस तरह पेश किया जा रहा है जिससे चिकित्सा विज्ञान भी उन्हें समझ सके। मोदी ने स्वीकार किया कि वेदों के पुराने ज्ञान को सफलतापूर्वक आधुनिकता के साथ जोड़ने में बहुत कम सफलता मिली है, फिर भी देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास पर तेजी से काम चल रहा है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि पीएम मोदी ने देशवासियों से कहा कि केवल आधुनिक चिकित्सा ही नहीं, आयुष की शिक्षा में भी अधिक व बेहतर पेशेवर आएं, इसके लिए भी आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। जब हम देश में और डेढ़ लाख स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र खोलने जा रहे हैं तो भला आयुष को कैसे भूलेंगे।

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