मधेपुरा के कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अंबिका सभागार में गोस्वामी तुलसीदास की भव्य जयंती सम्मेलन के संरक्षक डॉ.रामेन्द्र कुमार यादव रवि, अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ, सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, उप सचिव श्यामल कुमार सुमित्र सहित शहर के जाने-माने साहित्यानुरागियों की उपस्थिति में श्रद्धापूर्वक मनाई गई | इस अवसर पर स्थानीय उच्च विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बीच “रामचरितमानस में धार्मिक सद्भाव” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का एवं “रामचरितमानस में राम राज्य और गांधी दर्शन” पर व्याख्यान का आयोजन भी किया गया |
आशीर्वचन देते हुए पूर्व सांसद व संस्थापक कुलपति डॉ.आर.के.यादव रवि ने कहा कि वर्तमान समय में रामराज्य का प्रयोग सर्वोत्कृष्ट शासन के प्रतीक के रूप में किया जाता है | उन्होंने कहा कि रामराज्य लोकतंत्र का परिमार्जित रूप है तथा मेरी चाहत भी है कि भारतीय लोकतंत्र तुलसी के रामराज्य का अनुगामी बना रहे | वहीं अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर रामराज्य की स्थापना महात्मा गांधी की चाह थी….. गांधी ने जहाँ आजादी के बाद ग्राम स्वराज के रूप में रामराज्य की कल्पना की वहीं तुलसी ने मानस में रामराज्य पर पर्याप्त प्रकाश डाला है |

सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने बच्चों से यही कहा कि तुलसी के रामराज में ना तो कोई दरिद्र होगा और ना ही दीन-दुखी | डॉ.मधेपुरी ने कहा कि संपूर्ण विश्व में इस महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मानव-संघर्ष तीव्र से तीव्रतर होता जा रहा है | उन्होंने यह भी कहा कि तुलसी का रामचरितमानस भौतिक विज्ञान (फिजिक्स) के सिद्धांतों को समाहित कर समाज की सेवा में लगा है |
आरंभ में मुख्यवक्ता के रूप में विद्वान प्राध्यापक डॉ.सिद्धेश्वर कश्यप ने तुलसी के रामराज्य और गाँधी दर्शन पर विस्तार से अपनी बातों को रखते हुए यही कहा कि जिस समय भारत की भूमि आक्रमणकारियों एवं विदेशी शासकों के दमन से त्रस्त थी उस समय तुलसीदास ने भारतीय संस्कृति की रक्षा करते हुए साहित्य को राजनीति के आगे जलनेवाली मशाल कहा |
अंत में पूर्व प्रति कुलपति डॉ.के.के.मंडल ने कहा कि इन दिनों भारतवर्ष में भावनात्मक एकता की कमी महसूस की जा रही है जिसके कारण तुलसी की रामचरितमानस में गाँधी के रामराज्य की प्रासंगिकता बनी हुई है |
चलते-चलते यह भी कि स्थानीय उच्च विद्यालयों के छात्रों के बीच “रामचरितमानस में धार्मिक सद्भाव” पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार टी.पी. कॉलेजिएट के रितिक कुमार रोशन, दूसरा केशव कन्या की सरस्वती कुमारी, तीसरा रासबिहारी उच्च विद्यालय के गौतम कुमार एवं सांत्वना पुरस्कार तुलसी पब्लिक स्कूल की आस्था प्रिया को दिया गया | मौके पर प्राचार्य डॉ.सुरेश कुमार भूषण, डॉ.विभा कुमारी, उर्वशी कुमारी, दशरथ प्रसाद सिंह, रघुनाथ यादव, शिवजी साह, डॉ.आलोक कुमार, उल्लास मुखर्जी, डॉ.अर्जुन कुमार, राकेश कुमार द्विजराज, गोपाल मुखिया, तुलसी पब्लिक के प्राचार्य डॉ.हरिनंदन यादव एवं निदेशक श्यामल कुमार सुमित्र आदि मौजूद थे |