Ratan Chand Dwar and Kirti Narayan Mandal Statue at TP College Madhepura

रतन चन्द द्वार का उद्घाटन और कीर्ति नारायण मंडल प्रतिमा का अनावरण किया कुलपति ने

सम्पूर्ण कोसी क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने में कीर्ति नारायण मंडल का अहम योगदान है जिसे आनेवाला समय सदा याद करेगा | विश्व इतिहास में कीर्ति बाबू जैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता | उनका योगदान पंडित मदन मोहन मालवीय से भी बड़ा है | कीर्ति बाबू बिहार के नेल्सन मंडेला थे……. ये बातें 7 अगस्त (बुधवार) को टीपी कॉलेज के विशाल प्रशाल में उनके 103वें जन्मोत्सव समारोह के अवसर पर उद्घाटनकर्ता के रूप में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के विद्वान कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने कही |

बता दें कि इससे पहले कुलपति ने सर्वप्रथम संस्थापक प्राचार्य के नाम वाले ‘रतन चन्द द्वार’ का उद्घाटन व अनावरण किया। स्मार्ट क्लास व आईक्यूए कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कीर्ति विज्ञान परिसर में ‘कीर्ति बाबू की प्रतिमा’ का अनावरण किया। इस दरमियान सजावट और स्वागत की भरपूर व्यवस्था….. दोनों तरफ एनसीसी छात्र-छात्राओं की कतारें…… तथा पुष्प पंखुड़ियों की फुहारें…. और उत्साह-उमंग में डूबे प्राचार्य डॉ.के.पी.यादव, सिंडीकेट सदस्य डॉ.पी.एन.यादव और समाजसेवी डॉ.बीएन यादव मधेपुरी सहित प्रति कुलपति डॉ.फारुख अली एवं उनकी पूरी टीम जिसे देख कर ही तो कुलपति ने जहाँ अपने संबोधन में यहाँ तक कह दिया कि टीपी कॉलेज NAAC द्वारा ग्रेड ‘A’ प्राप्त करने की सारी शर्तों को पूरा करता है, वहीं डॉ.मधेपुरी द्वारा अपने संबोधन में प्रधानाचार्य  डॉ.केपी यादव से यही कहते हुए सुने जाते रहे कि मातृपक्ष (पार्वती साइंस कॉलेज) को तो आपने अपने कार्यकाल में NAAC दिला दिया अब पितृपक्ष (ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय) को देखिए….. आगे कुलपति डॉ.राय की इस उद्घोषणा पर सभा भवन देर तक तालियों की अनुगूँज से गूंजता रहा।

टीपी कॉलेज के सभा भवन में उद्घाटनकर्ता डॉ.ए.के.राय सहित अतिथियों- प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली, टीएमबी के पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल, श्रेष्ठतम प्राचार्य डॉ.केएन ठाकुर, कुलसचिव डॉ.कपिल देव प्रसाद, सिंडीकेट सदस्य डॉ.परमानंद यादव व डॉ.जवाहर पासवान, डीएसडब्ल्यू शिवमुनि यादव, डीन मेडिसिन डॉ.अशोक कुमार यादव एवं अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य डॉ.केपी यादव आदि का प्रो.नेहा की टीम द्वारा स्वागत गान तथा मंचसंचालक डॉ.उदय कृष्ण की उद्घोषणा के साथ बुके व अंगवस्त्रम आदि से भरपूर स्वागत किया गया।

जहाँ प्रति कुलपति डॉ.फारूक अली ने अपने संबोधन में कहा कि कीर्ति बाबू का सोच बहुत बड़ा था इसीलिए हम सभी उनकी जिंदगी के बाद भी उनका गुण गा रहे हैं वहीं सारे अतिथियों एवं वरिष्ठ प्राध्यापकों व प्राचार्यों प्रो.सच्चीदानंद यादव, प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.अमोल राय, डॉ.अशोक कुमार, डॉ.सुधांशु शेखर आदि ने एक स्वर से यही कहा कि शिक्षा जगत के विश्वकर्मा कीर्ति नारायण मंडल का योगदान अविस्मरणीय है…… उनकी गाथा अमर है….. और मधेपुरा ही नहीं कोसी वासी भी उनके ऋणी हैं।

इस अवसर पर जहाँ चिकित्सा संकायाध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार यादव (कीर्ति बाबू के भतीजे) ने कहा कि मधेपुरा संस्कार व संस्कृति की धरती है। वहीं डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा….. कुलपति महोदय ! आपने जिस रतन चन्द द्वार का चंद मिनट पूर्व उद्घाटन किया है उस रतन बाबू से मिलने इसी गेट से पैदल चल कर आते थे- राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, गोपाल सिंह नेपाली, कलक्टर सिंह केशरी, जानकी बल्लभ शास्त्री, जनार्दन झा द्विज…… आदि-आदि कवि….. लेखक….. विद्वान। और आगे डॉ.मधेपुरी ने यहीी कह  कि एक पंक्ति में कीर्ति बाबू को जानने का अर्थ होता है- बुद्ध, नानक और कबीर को जानना यानि व्यक्तिगत कुछ नहीं रखना…… सब कुछ जनहित में समर्पित कर देना।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया डॉ.के.के.मंडल ने। अध्यक्षीय वक्तव्य के साथ प्रधानाचार्य डॉ.केपी यादव ने कहा कि कीर्ति बाबू की राह पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उनका योगदान सदा अविस्मरणीय रहेगा। उनके गाँव से आये लोगों के साथ-साथ कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, सीनेटर रंजन यादव, काउंसिल मेंबर सोनू यादव, डॉ.सुभाष प्रसाद सिंह आदि सबों धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की प्रधानाचार्य ने।

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