मधेपुरा की बेटी ‘गीताञ्जलि’ की स्मृति को कायम रखने हेतु विगत 5 वर्षों से खेल प्रशिक्षक संत कुमार की अध्यक्षता में जिले के धावक एवं धाविकाओं के बीच रोड रेस का आयोजन किया जाता रहा है। इस आयोजन में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के धावक-धाविकाओं को विशेष अवसर प्राप्त होता रहा है। साथ ही कबड्डी संघ के जिला सचिव अरुण कुमार का भी सहयोग इस कार्यक्रम को प्राप्त होता रहा है।
बता दें कि गीतांजलि को खेल प्रतिभा के चलते ही बिहार पुलिस में सीधी नियुक्ति मिली थी। इसलिए कि गीतांजलि ने राष्ट्रीय स्तर पर 400, 800 एवं 1500 मीटर रेस के अतिरिक्त रोड रेस आदि प्रतियोगिताओं में दर्जनों मेडल जीतकर बिहार को गौरवान्वित करती रही थी। तभी तो सरकार के निर्देशानुसार उसे केवल खेल को प्रमोट करने के लिए लगातार पुलिस खेल कैंप जमशेदपुर में ही रखा गया था।
बता दें कि जहाँ कुलपति डॉ.राय ने धावकों से कहा कि कड़ी मेहनत के बल पर राष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाली गीतांजलि से सीख लेनी चाहिए वहीं पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ.मधेपुरी ने कहा कि उद्देश्य कितना भी बड़ा हो…… फिर भी यदि व्यक्ति उसे पूरा करने का संकल्प ले लेता है तो उसे पूरा कर दिखाता है। उन्होंने कहा कि यदि आज गीताञ्जलि जीवित रहती तो निश्चय ही पूरे देश के खिलाड़ियों की प्रेरणास्रोत रही होती।
जहाँ 75 धावकों के रोड रेस में प्रथम संजीव कुमार , द्वितीय सूरज कुमार एवं तृतीय इकहरा गाँव के संजीव कुमार वहीं मात्र 10 धाविकाओं के रोड रेस में प्रथम सुनीति कुमारी, द्वितीय जूली कुमारी एवं तृतीय रही पिपराही गाँव की स्वाति कुमारी। आयोजन समिति की ओर से उन्हें भी पुरस्कृत किया गया जिन्होंने दौड़ पूरी की।
चलते-चलते यह भी कि इस आयोजन को सफल बनाने में अंत तक देखे गये- जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण उर्फ मुन्ना जी, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर कुमार, डॉ.आलोक कुमार, सतीश कुमार, चंद्रभानु कुमार, पिंटू कुमार, अभिमन्यु, अंकेश, प्रेम, जवाहर, अभिनव, अखिलेश एवं सबपर नजर रखने वाले सुशील कुमार मंडल आदि।