Samajsevi Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri popularly known as Bhishma Pitamah of Madhepura along with youths paying tributes to Kargil Martyrs on 26th July Vijay Diwas at Madhepura.

कारगिल के शहीदों की शौर्य गाथा मधेपुरा में भी गूंजी

भारतीय सैनिकों ने अपने शौर्य एवं पराक्रम के बूते भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में विजय पताका आज (यानी 26 जुलाई) के दिन ही फहराया था। उसी कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष में स्थानीय बड़ी दुर्गा मंदिर में प्रांगण रंगकर्मी सुनीत साना, श्रीकांत राय एवं विक्की विनायक सरीखे जज्बाती देश भक्तों के नेतृत्व में शुक्रवार की शाम को बैठक आयोजित कर उन शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान उपस्थित सभी युवाओं ने कैंडल जलाकर कारगिल के शहीद सैनिकों के शौर्य को नमन किया।

बता दें कि मौके पर मधेपुरा के भीष्म पिता कहलाने वाले समाजसेवी-साहित्यकार एवं सुलझे सोच के इंसान डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि स्वाधीन भारत के लिए यह एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे प्रतिवर्ष 26 जुलाई को मधेपुरा के जज्बाती युवा देश प्रेमियों द्वारा मनाया जाता है।

डॉ.मधेपुरी ने कैंडल लहराते हुए अति भावुक होकर कारगिल युद्ध का संक्षिप्त इतिहास बताया तथा युवाओं से कहा कि कारगिल युद्ध हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने जीत का परचम लहराया। तभी से प्रति वर्ष इसी दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कारगिल कश्मीर का एक जिला है जहाँ यह युद्ध लगभग 2 महीने चला। भारतीय सैनिक 32 हज़ार फीट की ऊँचाई वाले बर्फीले  पहाड़ पर चढ़कर युद्ध में जीत हासिल करने के लिए दुस्साहस पूर्ण शौर्य का प्रदर्शन किया था तथा पाक सैनिकों को वापस भागने पर विवश कर दिया था।

मौके पर प्रांगन रंगमंच के रीढ़ सुनीत साना, विक्की विनायक, कुंदन सिंह सोनू, मिथिलेश वत्स, श्रीकांत राय, अमर कुमार, विपुल भारती, सौरभ कुमार, शानू भारद्वाज, ठाकुर विवेश, आशीष सिंह, शेखर आकाशदीप, विष्णु कुमार, आर्या रोशन, सूरज कुमार सोनू , आशीष सत्यार्थी, कुंदन कुमार सोनी, सागर कुमार, राजा कुमार, आकाश कुमार, शशि भूषण आदि ने एक स्वर से कहा कि भारतीय सैनिक हमारा गौरव है, आन-बान और शान है….. हमें उनके सम्मान में हमेशा तैयार रहना है…… तत्पर रहना है।

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