सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को मिड-डे-मील से राहत दिलाने के लिए अब “सेंट्रल किचन योजना” शुरू किया जा रहा है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए पटना से आई टीम द्वारा सेंट्रल किचन के लिए भूपेन्द्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय, बाल मुकुंद नगर, साहूगढ़-मधेपुरा से उत्तर एक स्थान को प्रस्तावित किया गया है जिसका संचालन या तो महिला बचत समूह को या फिर किसी संवेदक को दिया जाएगा।
बता दें कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के बच्चों के लिए चलाए जा रहे मिड-डे-मील स्कीम पर आने वाले खर्च हेतु केंद्र सरकार को 60% एवं राज्यों को 40% पैसे देने होते हैं। जानिए कि केंद्र द्वारा भोजन के लिए जहां अनाज एवं वित्त पोषण प्रदान की जाती है वहीं राज्य सरकारों द्वारा सुविधाओं, परिवहन और श्रम की लागत का खर्च वहन किया जाता है। इस स्कीम के तहत हर रोज करोड़ों बच्चों को स्कूल में भोजन करवाया जाता है।
यह भी जानिए कि मिड-डे-मील को लेकर शिक्षकों के सामने आ रही दिक्कतों को देखते हुए नीतीश सरकार के मानव संसाधन विभाग द्वारा वर्तमान में यह योजना केवल मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में आरंभ किया जाएगा। सफलता मिलने पर अन्य जगह भी विस्तारित किया जाएगा।
चलते-चलते एमडीएम के डीपीओ श्री के.एन.दास के हवाले से यह भी बता दें कि नगर परिषद मधेपुरा के अंतर्गत 21 प्राइमरी एवं 8 मिडिल यानी कुल 29 स्कूल हैं जिनमें लगभग 7000 छात्र पढ़ते हैं। सेंट्रल किचन बनने से सारे शिक्षक विवादों एवं गैर शैक्षणिक कार्यों से बचेंगे जिसका सर्वाधिक शैक्षणिक लाभ बच्चों को मिलेगा….। और हाँ ! डीपीओ श्री दास ने मधेपुरा अबतक को यह भी बताया कि पूरा खाना इस सेंट्रल किचन में तैयार होगा जिसे चौपहिया वाहनों से स्कूलों में भेजा जाएगा…… परंतु प्रत्येक स्कूल को दिए गए एक फॉर्मेट में स्कूल का नाम, उपस्थित बच्चों की संख्या, रूट का नाम और सेंट्रल किचन से दूरी अंकित कर निर्धारित समय से पूर्व उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।