नीतीश सरकार किसानों की स्थिति में सर्वाधिक सुधार लाने को संकल्पित है | तभी तो नीतीश सरकार के उर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के अधिकारियों, पदाधिकारियों एवं समस्त विद्युत कर्मियों को अहर्निश कृषक-सेवा के लिए तैयार किया है और हर घर को बिजली देने के बाद अब हर खेत को बिजली देने का संकल्प लिया है….. जिसके लिए उन्होंने स्लोगन दिया है…. “बिजली पम्प से नाता जोड़ो, डीजल पम्प को जल्दी छोड़ो” |
बता दें कि किसान के उस खेत को बिजली आधारित पंपसेट से पटवन करने पर जहां ₹10 खर्च आता है वहीं उसी खेत को डीजल वाले पम्प सेट से सिंचाई करने पर ₹100 व्यय करना पड़ता है यानि 10 गुना ज्यादा खर्च होता है | इसलिए विद्युत गति से कृषि पटवन हेतु नया विद्युत संबंध प्रदान करने के लिए नीतीश सरकार द्वारा प्रत्येक बुधवार एवं शनिवार को संपूर्ण सूबे के 534 प्रखंड कार्यालयों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है |
यह भी जान लें कि शिविर तो सप्ताह में केवल दो ही दिन आयोजित किया जाएगा, परंतु शिविर के अतिरिक्त नये विद्युत संबंध प्रदान करने के लिए ऑनलाइन या सहायक विद्युत अभियंता के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस को आवेदन दिया जा सकता है जिसके साथ पहचान पत्र / आधार कार्ड एवं जमीन से संबंधित कागजात संलग्न करना अनिवार्य होगा |
चलते-चलते यह भी बता दें कि यदि बोरिंग के पास तक बिजली पहुंची हुई हो तो 7 दिनों के अंदर विद्युत संबंध ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदान कर दिया जाएगा….. बिजली नहीं रहने की स्थिति में दिसंबर 2019 तक विद्युत संबंध प्रदान करने को संकल्पित है नीतीश सरकार | हाँ ! बिजली पोल से नलकूप तक का तार, एक बोर्ड, एक किटकैट आदि किसान को स्वयं क्रय कर मीटर लगाने के समय उपलब्ध कराना होगा | आवेदन के समय किसी प्रकार की राशि देय नहीं है | बोरिंग में विद्युत कनेक्शन हो जाने के बाद सिंगल फेज लेने पर ₹875 या थ्री फेज के लिए 1500 रुपया 10 किस्तों में बिना सूद के विद्युत रसीद ले कर देय होगा | मात्र 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली का भुगतान किसान को करना होगा |