CM Nitish Kumar initiative to save interests of senior citizens by law .

अब प्रताड़ित माता-पिता डीएम कोर्ट में कर सकते हैं अपील- नीतीश

प्रताड़ना झेल रहे माता-पिता को अपनी शिकायत के लिए परिवार न्यायालय जाने से मुक्ति मिल गई है। पहले अपने बच्चे-बच्चियों व निकट संबंधियों से प्रताड़ित होने वाले माता-पिता को परिवार न्यायालय में जाना पड़ता था।

बता दें कि नीतीश सरकार ने अनुभव किया तथा कानूनविदों से राय लेने के बाद परिवार न्यायालय से अपील की सुनवाई करने का अधिकार स्थानांतरित कर जिलाधिकारी को सौंप दिया है। राज्य कैबिनेट द्वारा लिया गया यह फैसला गत मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पारित किया गया। अब प्रताड़ित होने वाले माता-पिता व वृद्धजन प्रताड़ना को लेकर जिलाधिकारी के पास अपील कर सकते हैं।

यह भी जानिए कि समाज कल्याण विभाग द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को नीतीश सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 के आलोक में गठित अपील अधिकरण के अध्यक्ष अब जिला पदाधिकारी को बनाने की मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट की बैठक समाप्ति के बाद कैबिनेट सचिव संजय कुमार एवं समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने मधेपुरा अबतक को बताया कि यह कानून पहले से ही है। इस कानून में माता-पिता एवं वरीय नागरिकों के भरण पोषण व सुरक्षा की जिम्मेदारी संतान / निकटतम संबंधी द्वारा नहीं निभाने पर अनुमंडल स्तर पर एसडीओ की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्यूनल में आवेदन दे सकते हैं। वहां के फैसले का पालन नहीं होने पर प्रताड़ित माता-पिता को जिले के परिवार न्यायालय में अपील के लिए जाना पड़ता था। परंतु 2007 से अब तक कोई प्रताड़ित माता-पिता व वृद्धजन कोर्ट की चक्कर से भयभीत होकर ना तो अदालत जाने का साहस जुटा पाते थे और ना ही इस कानून का लाभ  उठा पाते थे…. इसे देखते हुए कानूनविदो से राय लेकर… जिलाधिकारी के पास अपील करने वाले प्रस्ताव को इसलिए मंजूरी दी गई कि डीएम के पास कोई भी वरीय नागरिक सरलता से पहुंच सकता है तथा अपनी बात रख सकता है।

सम्बंधित खबरें