वर्ष 1973 के 5 जून से यूएनओ द्वारा प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस (डब्लूईडी) मनाये जाने के प्रस्ताव को दुनिया के सभी देशों ने सिर आंखों पर उठा लिया और चारों ओर वृक्षारोपण का कार्यक्रम धूम मचाने लगा | कहीं-कहीं तो वृक्षों को काटकर औद्योगीकरण को बढ़ावा दिये जाने के विरुद्ध “चिपको आंदोलन” तक शुरू किया गया |
विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालयों तक एवं प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक छात्रों व शिक्षकों के साथ-साथ अधिकारियों एवं पदाधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण जमकर किया गया | स्कूल-कॉलेज के परिसर से लेकर मंदिर और मदरसे के परिसरों में पौधरोपण हर अवसर की तरह पर्यावरण दिवस पर भी किया गया | विश्व पर्यावरण दिवस पर वन विभाग व भिन्न-भिन्न संस्थाओं द्वारा मुफ्त में पौधे भी बांटे गये | एक ओर प्रांगण रंगमंच द्वारा जहाँ बीपी मंडल नगर भवन के परिसर में पौधरोपण किया गया वहीं दूसरी ओर श्रृंगी ऋषि सेवा मिशन द्वारा सिंहेश्वर में पौधारोपण किया गया |

यह भी बता दें कि मधेपुरा में बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.ए.के.राय की टीम ने इस अवसर पर जहाँ पुराने कैंपस में पौधरोपण किया वहीं न्यू कैंपस में “माय बर्थ माय अर्थ” के संयोजक सीनेटर डॉ.नरेश कुमार की टीम द्वारा “Beat Air Pollution” थीम पर उत्कृष्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया- जिसके उद्घातनकर्ता वित्तपरामर्शी एससी दास, मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी के साथ-साथ सीसीए के अध्यक्ष डॉ.कामेश्वर कुमार, सोशल साइंस डीन डॉ.शिव मुनि यादव, पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेश प्रसाद यादव, डॉ.एच.एल.एस.जौहरी एवं खेल गुरु संत कुमार आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया | अतिथियों का स्वागत गमले के साथ पौधा देकर किया गया | सबों ने पौधरोपण को सर्ववश्रेष्ठ बताया |

जानिए कि जहाँ जिले के सभी प्रखंडों के पदाधिकारियों सहित पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी दिवाकर कुमार ने नेहरू युवा केंद्र के बैनर तले आयोजित पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा कि पौधा लगाकर ही पर्यावरण को शुद्ध रखा जा सकता है वहीं सुदूर अवस्थित युवीके कॉलेज करम्मा में कुलपति, प्रभारी कुलसचिव व प्राचार्य के अतिरिक्त उदाकिशुनगंज के डीसीएलआर ललित कुमार सिंह आदि ने एक स्वर से यही कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से दुनिया को बचाने के लिए पौधरोपण जरूरी है |
इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि केवल पौधरोपण से “बीट एयर पॉल्यूशन” पर विजय का परचम कदापि नहीं लहराया जा सकता….. इस थीम पर जीत हासिल करने के लिए धरती पर रहने वाले समस्त युवाओं को विशेष रूप से अपनी इच्छाओं पर लगाम लगाना होगा, क्योंकि आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति तो हमें करनी ही होगी | उदाहरण देकर समझाते हुए डॉ.मधेपुरी ने कहा- चार भाइयों वाले परिवार में एक बाइक से गृह कार्य पूरा हो जाता है तो चारों को अलग-अलग बाइक लेने की इच्छा का परित्याग करना ही चाहिए……| यदि ऐसा हो जाता है तो ग्लोबल वार्मिंग रुकेगा और सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें ओजोन लेयर पार नहीं करेगी…… तब स्कीन कैंसर जैसी बीमारियों के कारण हमें जान नहीं गवानी पड़ेगी |
चलते-चलते यह भी बता दें कि डॉ.मधेपुरी ने भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम, देशरत्न डॉ.राजेंद्र प्रसाद और वृक्ष माता पद्मश्री सालुमारदा थिमक्का के पौधों के प्रति अगाध प्यार को विस्तार से उद्धृत करते हुए पर्यावरण संरक्षण हेतु हर किसी को चौकस एवं चौकन्ना रहने के लिए प्रेरित किया | शालिनी कुमारी ने मंच संचालन किया और सीसीएस के सचिव डॉ.नरेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया |