मोदी कैबिनेट की संभावित तस्वीर

लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद भाजपा ने केन्द्र में नई सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस चुनाव में भाजपा ने अकेले अपने दम पर 303 सीटें जीती हैं। एनडीए के बाकी सहयोगियों को जोड़ दें तो यह आंकड़ा 352 तक पहुँच जाता है। वहीं, महज 52 सांसदों के साथ काग्रेस लगातार दूसरी बार नेता प्रतिपक्ष बना पाने लायक संख्या भी नहीं जुटा पाई। हालांकि यूपीए के बाकी सहयोगियों के साथ उसका आंकड़ा 87 का है। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में नई सरकार के 30 मई को शपथ लेने की संभावना है। उससे पहले मोदी को नेता चुनने की औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी।

इस बीच मोदी कैबिनेट के नए चेहरों और उनके मंत्रालयों पर कयासबाजी तेज हो गई है। इनमें सबसे बड़ा नाम अमित शाह का है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उन्हें गृह, रक्षा या वित्त मंत्रालय सौंपा जा सकता है। अटकलें हैं कि उन्हें कैबिनेट में प्रधानमंत्री के बाद नंबर दो का दर्जा मिल सकता है। पिछली सरकार में यह दर्जा राजनाथ सिंह के पास रहा है। ऐसे में कैबिनेट में नंबर दो के दर्जे पर नए सिरे से सोचना होगा। चर्चा यह भी है कि अगर शाह गृह मंत्री बने तो राजनाथ रक्षा मंत्री हो सकते हैं और मौजूदा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है।

बता दें कि पिछली सरकार में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था। फिर भी उनकी योग्यता और अनुभव को देखते हुए उन्हें फिलहाल कैबिनेट में लेकर बाद में राज्यसभा के रास्ते संसद में पहुँचाया जा सकता है। एक और वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली का स्वास्थ्य इन दिनों ठीक नहीं, लेकिन मोदी से उनकी निकटता और बेजोड़ कार्यक्षमता को देखते हुए बहुत संभव है कि उन्हें फिर से कैबिनेट में लिया जाए। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त देकर सनसनी फैला देने वाली स्मृति ईरानी का कद भी सरकार में बढ़ सकता है।

अब बात बिहार की। इस बार बिहार से रिकॉर्ड 39 सीटें एनडीए की झोली में गई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां से 8 से 10 मंत्री तक मोदी कैबिनेट में जगह पा सकते हैं। चर्चा है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बिहार से जदयू को भाजपा के बराबर जगह दी जा सकती है। वहीं लोजपा को एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री की जगह मिल सकती है।

चलते-चलते बता दें कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पिछली बार से ज्यादा भव्य होने जा रहा है। ख़बर है कि इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को भी न्योता देने की तैयारी है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी की छवि और मजबूत होगी। पिछली बार उनके शपथ ग्रहण में सार्क देशों के प्रमुख आए थे।

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