पुलवामा हमले के 75 दिन बाद भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। पिछले एक दशक से अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंध घोषित करवाने मे जुटे भारत की कूटनीतिक कोशिशों को बुधवार को सफलता तब मिली जब चीन ने अपना वीटो हटाकर इसका समर्थन कर दिया। इस फैसले से पाकिस्तान पूरी दुनिया से अलग-थलग हो गया। निश्चित रूप से यह भारतीय कूटनीति और आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बड़ी जीत और दक्षिण एशिया में शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले के बाद अब आतंकी मसूद अजहर पर चौतरफा शिकंजा कसना शुरू हो जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद आतंकी मसूद अजहर की संपत्ति जिस किसी देश में होगी उसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश तत्काल प्रभाव से जब्त करने के लिए बाध्य होंगे। अब पाकिस्तान को भी मसूद अजहर के वित्तीय संसाधनों को सीज करना होगा। यही नहीं, अब मसूद अजहर की व्यक्तिगत और उसके द्वारा संचालित संस्था की हर संपत्ति को सीज किया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे किसी तरह की वित्तीय मदद न मिल सके।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने वाले व्यक्ति और उससे जुड़े हर तरह के संगठन की कड़ी निगरानी की जाती है और उनके बारे में संयुक्त राष्ट्र के तमाम देशों के साथ सूचनाएं भी साझा करनी पड़ती हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बाद मसूद अजहर के लिए किसी देश की यात्रा भी मुमकिन नहीं क्योंकि कोई देश किसी अंतर्राष्ट्रीय आतंकी को अपनी सीमा में दाखिल होने की अनुमति नहीं देता। यह भी जानें कि अब आतंकी मसूद अजहर हथियार भी नहीं खरीद पाएगा। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने वाले शख्स को कोई भी देश हथियार मुहैया नहीं कराता।