School girls Karate training Programme by Nitish Government.

अब मनचलों की खैर नहीं, दाँत खट्टे कर देंगी छात्राएँ

बिहार में विशेष रूप से छात्राओं के स्कूल आने-जाने के दौरान मनचलों द्वारा बढ़ रहे हमले एवं छेड़छाड़ की घटनाओं पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए प्रदेश मुख्यालय के पटना जिला प्रशासन द्वारा इस साल से उच्च माध्यमिक विद्यालयों की 9वीं एवं 10वीं वर्ग की छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलवाना आरंभ कर दिया गया है।

बता दें कि इस साल शुरू किये गए छात्राओं द्वारा इस सेल्फ डिफेंस कार्यक्रम के तहत पटना जिले के 120 माध्यमिक विद्यालयों की 4600 छात्राओं को ट्रेंड किया गया है। प्रशासन के कुछ उत्साहित एवं समर्पित अफसरों द्वारा इस कार्यक्रम को और अधिक विस्तार दिये जा रहे हैं।

यह भी जानिए कि छात्राओं को 46 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा इस सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग में जूडो-कराटे व ताइक्वांडो आदि विधाओं की ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। ट्रेनिंग प्राप्त छात्राएं अब अपने स्कूल की दूसरी लड़कियों को सिखायेंगी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार नए वित्तीय वर्ष में अलग से बजट स्वीकृत होते ही सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग का दूसरा शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा। तब मनचलों की खैर नहीं रहेगी…. दाँत खट्टे कर देगी यह सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग प्राप्त छात्राएं।

मधेपुरा अबतक द्वारा समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी से जूडो-कराटे के बाबत विशेष जानकारी हेतु पूछे जाने पर उन्होंने इतिहास को संदर्भित करते हुए कहा कि वर्ष 1932 में जापान ने चीन पर हमला कर कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। युद्ध में चीनी सैनिकों के हाथ से हथियार छूट जाने पर हाथ (यानी ‘कर’) से ही अपनी सुरक्षा करने की विधियों की ईज़ाद की गई जिसे ‘कराटे’ नाम दिया गया। तभी से उस ‘कराटे’ शब्द को चायनीज हैंड एवं जापानी भाषा में ‘Empty Hand’ कहा जाने लगा। संक्षेप में उसी निहत्थे युद्ध प्रणाली को कराटे कहा जाता है जिसे ओलंपिक खेल में शामिल किये जाने हेतु डाॅ.मधेपुरी का प्रयास जारी है। यदि इस प्रयास में डाॅ.मधेपुरी को सफलता मिली तो मधेपुरा की कराटे-क्वीन सोनीराज एक-न-एक दिन ओलंपिक मेडल जीतकर मधेपुरा की शान बनेगी एवं परचम लहरायेगी….।

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