आई एम ए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के रिपोर्ट के अनुसार कोसी के लोग खून की कमी से बुरी तरह जूझ रहे हैं। खान-पान में अनियमितता के कारण एनीमिया पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कुल मिलाकर यहां लगभग 40% से अधिक लोग एनीमिया से ग्रसित हैं।
बता दें कि इस इलाके में 3 लाख महिलाएं रक्तअल्पता की शिकार हैं। साल लगते-लगते 140 लोग मौत के मुंह में धीरे-धीरे समाते चले जा रहे हैं। स्थिति भयावह है। प्रतिदिन बद् से बद्तर होती जा रही है। चिकित्सकों द्वारा मौत होने के कारण को रक्त अल्पता ही बताया जाता है।
यह भी जानिए कि डॉक्टरों के अनुसार यहाँ के लोगों की स्थिति प्राय: चाय-कॉफी एवं अन्य मिलावटी पदार्थों के सेवन से दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। हाल ही में 2000 लोगों की जाँच किए जाने के बाद 80% लोगों के शरीर में खून की कमी पाई गई। यहाँ तक कि 40% लोगों में 10 ग्राम से भी कम खून पाया गया।
चिकित्सकों के अनुसार रक्त अल्पता के लक्षणों को लोग खुद भी महसूस सकते है। जब कभी किसी भी व्यक्ति को कमजोरी होने लगे, थकावट महसूस होने लगे तथा यादाश्त में तेजी से कमी होने लगे तो उसे शीघ्रातिशीघ्र मान लेना चाहिए कि उसके शरीर में रक्त की कमी होने लगी है। इसके अतिरिक्त समय से पूर्व चमड़ी में झुर्रियों के साथ-साथ मामूली कामों में भी सांसे फूलने लगे, घाव हो जाने पर ठीक होने में अधिक समय लगने लगे और दिल की धड़कने बढ़ने लगे तो शरीर को खून की कमी की बीमारी से ग्रसित मान कर तुरंत डॉक्टर से संपर्क साधना चाहिए। यदि किसी कारण से डॉक्टर से मिलने में विलंब हो तो तत्काल रक्त अल्पता से बचाव हेतु बिल्कुल बंद कर दें- चाय-कॉफी एवं अम्ल विरोधी खाद्य पदार्थों का उपयोग……… और शुरू कर दें हरा मटर, चना, अंडा, मछली, दूध, पालक, अखरोट, हरी सब्जी, दाल, काजू-किशमिश एवं बादाम, खजूर आदि।