राजनीति के गलियारे में इन दिनों एक चर्चा काफी जोर पकड़ रही है कि कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। जी हाँ, कांग्रेस के सूत्र कह रहे हैं कि इसे लेकर पार्टी में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन प्रियंका चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो चुकी हैं।
बात जहां तक कांग्रेस पार्टी की है तो वह भले ही इस मुद्दे पर अभी आधिकारिक तौर पर कुछ कहने को तैयार नहीं हो लेकिन इस बात पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं। पार्टी में ऐसा मानने वालों की कमी नहीं कि प्रियंका अगर वाराणसी से चुनाव लड़ती हैं तो मोदी को वहां घेरा जा सकता है। इसके पीछे दो तर्क दिए जा रहे हैं – पहला यह कि इस बार मोदी लहर जैसी कोई बात नहीं है और दूसरा यह कि पिछले चुनाव में करीब चार लाख वोट मोदी के खिलाफ लड़ रहे प्रत्याशियों में बंटे थे। अब अगर कांग्रेस को सपा और बसपा का सहयोग मिलता है तो मोदी को कड़ी चुनौती दी जा सकती है।
गौरतलब है कि पिछले चुनाव में वाराणसी से चुनाव जीते भाजपा उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे जबकि आप के अरविन्द केजरीवाल को 2,09,238 मत। वहीं कांग्रेस को यहां 75,614, बसपा को 60,579 और सपा को 45,291 मत हासिल हुए थे। कांग्रेस की सोच यह है कि अगर भाजपाविरोधी इन सारे मतों को एक जगह कर दिया जाए तो मोदी को न केवल कड़ी टक्कर दी जा सकती है बल्कि प्रियंका गांधी के व्यक्तित्व और नेहरू-गांधी परिवार का आकर्षण भी साथ में जोर दिया जाए तो चौंकाने वाला परिणाम भी मिल सकता है।
बहरहाल, ये सारे समीकरण अपनी जगह हैं। कांग्रेस और खासकर प्रियंका गांधी सीधे मोदी को चुनौती देने का मन बना पाते हैं या नहीं, यह देखने की बात होगी।