भारत आज अमेरिका, रूस और चीन की तरह ‘स्पेस पावर क्लब’ के चौथे पायदान पर शामिल हो गया है। अचूक निशाने के साथ धरती से 300 किलोमीटर ऊपर के टारगेट को तीन मिनट में ध्वस्त करने की क्षमता भारत ने अपने ‘एंटी-सैटेलाइट मिसाइल’ परीक्षण “मिशन शक्ति” के द्वारा पूरा कर लिया है।
बता दें कि भारतीय वैज्ञानिकों ने बंगाल की खाड़ी में (पूर्वी तट के समीप स्थित) डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम उपग्रह प्रक्षेपण परिसर से एंटी-सैटेलाइट मिसाइल को ‘हिट टू किल’ मोड में छोड़ा था- 27 मार्च की सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने परीक्षण के लिए भारत के ही जिस सैटेलाइट को निशाना बनाया था वह अभी लाइव सैटेलाइट था यानि फिलहाल सक्रिय था। उसे तीन मिनट में ही ‘हिट टू किल’ मोड में छोड़े गए एंटी-सैटेलाइट मिसाइल द्वारा बंगाल की खाड़ी में सफलता पूर्वक गिरा दिया गया।
यह भी बता दें कि जब ‘लाइव सैटेलाइट’ को मार गिराने की अभूतपूर्व तकनीकी क्षमता भारत ने हासिल की तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश वासियों को खुद से रेडियो, टेलीविज़न एवं सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देने का काम किया। खुशी की बात तो यह है कि एंटी सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम सौ फ़ीसदी भारत द्वारा ही विकसित किया गया है।
यह भी जानिए कि जिस ऊँचाई पर भारतीय मिसाइल वैज्ञानिकों द्वारा वर्तमान परीक्षण के क्रम में अपने लाइव सैटेलाइट को मार गिराया गया उसी आर्बिट में आमतौर पर मोबाइल नेटवर्क प्रदान करने वाले स्पेस स्टेशन तैनात होते हैं। तभी तो डॉ.कलाम के करीबी समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि इस परीक्षण से अंतरिक्ष में हमारे सेटेलाइटों की सुरक्षा करने की क्षमता भी प्रदर्शित होती है…. जिसके लिए डॉ.मधेपुरी ने गांधीयन मिसाइल मैन भारत रत्न डॉ.कलाम को याद करते हुए वैज्ञानिकों को कोटि-कोटि साधुवाद दिया।