भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में पूरे साल भर चलने वाले ‘रजत जयंती समारोह’ के प्रथम चरण में “उच्च शिक्षा के बदलते परिदृश्य और चुनौतियाँ” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया | इस राष्ट्रीय सेमिनार की अध्यक्षता एवं उद्घाटन किया कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने | इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे इसी विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति, साहित्यकार व पूर्व सांसद डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में तिलकामांझी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति डॉ.के.के.मंडल एवं समाजसेवी-साहित्यकार व इसी विश्वविद्यालय के विभिन्न पदों पर कार्यरत रह चुके डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी |
बता दें कि विषय प्रवेश करते हुए प्रति कुलपति डॉ.फारूक अली ने कहा कि कभी हम विश्व गुरु थे आज क्यों पीछे हो गए हैं….. कमजोर बुनियाद पर बुलंद इमारत नहीं खड़ी की जा सकती | उन्होंने कहा कि शिक्षा को मानव संसाधन बनाने से नुकसान हुआ है |
आगे विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि जब पूरी दुनिया के देशों ने विद्यालय की भी कल्पना नहीं की थी तब हमारे यहाँ तीन-तीन विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय हुआ करता था- तक्षशिला, विक्रमशिला और नालंदा विश्वविद्यालय | डॉ.मधेपुरी ने कहा कि सबसे ताकतवर हथियार है- शिक्षा , इल्म और हुनर….. जिससे आप दुनिया बदल सकते हैं | किसी भी देश की समृद्धि का स्तर उसकी शिक्षा के स्तर से आंका जाता है | हमारी सरकार ने शिक्षा मंत्रालय से शिक्षा को ही हटा दिया है जबकि ब्रिटेन में आजतक “Education & Skill Development” मंत्रालय बरकरार है | डॉ.के.के.मंडल ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में रोजगार परक शिक्षा का बोलबाला है | गाँधी को उद्धृत करते हुए डॉ.मंडल ने कहा कि यदि चरित्र नहीं तो ज्ञान व्यर्थ है |
मुख्य अतिथि के रूप में संस्थापक कुलपति डॉ.आर.के.यादव रवि ने कहा कि वर्तमान कुलपति के कार्याकाल में हमारा वर्तमान अतीत से बेहतर है | हम उज्जवल भविष्य के प्रति आशान्वित हैं | डॉ.रवि ने कहा कि यह विश्वविद्यालय जिस महामना के नाम पर है उनके व्यक्तित्व, कृतित्व एवं चरित्र के अनुरूप बने यही हमारी कामना है, शुभकामना है |
अंत में अपने विस्तृत अध्यक्षीय भाषण में कुलपति डॉ.ए.के.राय ने कहा कि फरवरी 2019 से फरवरी 2020 तक रजत जयंती कार्यक्रम विभिन्न महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों में आयोजित किये जाएंगे | प्रत्येक तीन माह पर विशेष आयोजन होगा और अंत में अधिकारी, शिक्षक-कर्मचारी एवं छात्र-अभिभावक सभी मिलकर भव्य समापन समारोह में सम्मिलित होंगे | इस बीच हम सभी विश्वविद्यालय को माँ मानकर इसकी जबरदस्त सेवा करेंगे और अपने-अपने हिस्से का सर्वोत्तम योगदान देंगे |
उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया…… स्मारिका का विमोचन किया गया और साथ ही आर.जे.एम. महिला कालेज की टीम द्वारा प्राचार्या डॉ.रेणु सिंह रचित कुलगीत की प्रस्तुति एवं कुलपति द्वारा प्राचार्या को विशेष रूप से सम्मानित किया गया | साथ ही रजत जयंती आयोजन समिति के संयोजक, बी.एन. मुस्टा के महासचिव व सीनेटर प्रो.(डॉ.) नरेश कुमार, मंच संचालक डॉ.अबुल फज़ल (खेल पदाधिकारी) ने किया | धन्यवाद ज्ञापन किया डीएसडब्ल्यू व डीन डॉ.शिव मुनि यादव | इस राष्ट्रीय सेमिनार में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, छात्र व विमर्श सत्र के प्रतिभागियों के अतिरिक्त भारी संख्या में शहर के गणमान्यों एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अंत तक बनी रही |
चलते-चलते यह भी बता दें कि विमर्श सत्र में दर्जनों शोधपत्र प्रस्तुत किये गये जिसकी अध्यक्षता बी.एन.एम.वी. के पूर्व प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर यादव ने की | इस सत्र में डॉ.एम.आई.रहमान, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ.आलोक कुमार आदि ने जहाँ अपने विचार व्यक्त किये वहीं रिपोर्टर की भूमिका में पी.आर.ओ. डॉ.सुधांशु शेखर निभाई |
अंतिम सत्र यानि सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुर, ताल व लय की त्रिवेणी बहती रही | चोटी के कलाकारों रोशन-राजीव, आगा-तनुजा और चन्दा ने दी बेहतरीन प्रस्तुति | सृजन दर्पण द्वारा लोकनृत्य जट-जटिन की प्रस्तुति पर झूमते रहे दर्शक और कलाकार बटोरते रहे तालियों की गड़गड़ाहट | सृजन दर्पण के निदेशक विकास कुमार सहित अन्य कलाकारों को संयोजक डॉ.नरेश कुमार व डीन डॉ.शिव मुनि यादव की उपस्थिति में कुलपति व प्रतिकुलपति के द्वारा सम्मानित किया गया |