Dr.Bhupendra Madhepuri addressing people on the occasion of Saint Ravidas 642nd Birthday anniversary at Jagjivan ashram Madhepura.

मधेपुरा रविदास एकता मंच ने मनाई रविदास की 642वीं जयन्ती

जिला मुख्यालय मधेपुरा के वार्ड नं-13 स्थित जगजीवन आश्रम के संस्थापक व समाजसेवी स्मृतिशेष जनकराम के आवासीय परिसर में आयोजित संत शिरोमणि रविदास की 642वीं जयंती डॉ.धर्मेंद्र कुमार राम की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाई गई। संत रविदास की जयंती में जिले के कोने-कोने से आए भक्तों ने भाग लिये।

बता दें कि जिला मुख्यालय के प्रखर समाजसेवी-साहित्यकार व विद्वान वक्ता प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने सारगर्भित संबोधन के दरमियान दूर-दूर से आये सभी प्रखंडों के सुधी श्रोताओं को देर तक बांधे रखा। आरंभ में कुछ वक्ताओं द्वारा मधेपुरा में संत रविदास को मंदिर में स्थापित किये जाने के सुझाव/प्रस्ताव पर डॉ.मधेपुरी ने डॉ.लोहिया को संदर्भित करते हुए कहा कि भारत के इतिहासकारों – साहित्यकारों ने संत कबीर एवं संत रविदास सरीखे पुरुषार्थियों को अनुकरणीय की जगह पूजनीय बनाकर समाज को भारी क्षति पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि रविदास को बनारस से मधेपुरा आने में 6 सौ वर्ष लग गए। डॉ.मधेपुरी ने रविदास एकता मंच के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष से यही कहा कि आने वाली पीढ़ी को जगाये रखने के लिए मधेपुरा के किसी चौक-चौराहे पर रविदास की प्रतिमा लगे तो वे भी सहयोग देंगे…. मंदिर में स्थापित करने के लिए नहीं।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष कमलदास ने कहा कि रविदास ने मानवतावादी नारा देकर देश को विखंडित होने से बचाया। अध्यक्षीय भाषण में डॉ.धर्मेंद्र कुमार राम ने कहा कि संत रविदास उन महान संतों में अग्रणी थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मौके पर मुख्य जनों- सरयू राम , युगेश्वर राम , अशोक राम, गोपाल यादव, संजय यादव, विजय कुमार विमल, जनार्दन यादव, विशाल कुमार, संतोष राम, शिवकुमार राम, सुरेंद्र राम, दिनेश ऋषिदेव आदि ने विचार रखे और श्रद्धांजलि अर्पित किया। सुधीश्रोता के रूप में प्रमुख थे- उत्तम यादव, मो. जुम्मन , पूजन राम , ललन राम, किशोर राम , नवीन कुमार राम आदि। मंच संचालन किया हरिश्चन्द्र राम ने।

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