विकसित बिहार के लिए जितना शिक्षित होना जरूरी है उससे भी अधिक जरूरी है विभिन्न खेलों में सर्वोत्तम खिलाड़ियों का होना। यूँ तो खेल लगभग सभी बच्चों द्वारा पसन्द किए जाते हैं, चाहे वे लड़की हो या लड़का। और हाँ, खेल बच्चों के शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ भी तो है।
मधेपुरा के पार्वती विज्ञान महाविद्यालय कीर्ति नगर के वर्ष 2018-19 की सर्वोत्तम खिलाड़ी रही है रियांशी गुप्ता। बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय के क्रीड़ा विभाग की ओर से पार्वती साइंस कॉलेज में पढ़ रही बीए प्रथम वर्ष की छात्रा रियांशी गुप्ता को सर्वोत्तम खिलाड़ी के रूप में सीनेट सदस्य मनोनीत किया गया है।
इस बाबत विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के सचिव डॉ.मो.अबुल फजल द्वारा मीडिया को यह जानकारी दी गई कि हाल ही में रियांशी ने आर.एम.कॉलेज सहरसा में आयोजित इंटर कॉलेज टेबल टेनिस प्रतियोगिता में महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया और फिर मगध विश्वविद्यालय बोधगया में आयोजित इंटर यूनिवर्सिटी एकलव्य प्रतियोगिता में भी रियांशी ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर बीएनएमयू को गौरवान्वित किया।
बता दें कि विश्वविद्यालय खेल विभाग द्वारा इस वर्ष सीनेट सदस्य के रूप में इनके नाम की अनुशंसा की गई थी, जिसे कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने स्वीकृति प्रदान की। प्रभारी कुलसचिव डॉ.कपिल देव प्रसाद ने 1 वर्ष के लिए छात्रा रियांशी गुप्ता के सीनेट सदस्य मनोनीत किये जाने की अधिसूचना जारी की।
सीनेट सदस्य बनने पर रियांशी को कुलपति डॉ.ए.के.राय, प्रति कुलपति डॉ.फारुख अली, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, पूर्व कुलाशासक व कुलसचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, खेल सचिव मो.अबुल फजल, पीआरओ डॉ.सुधांशु शेखर सहित शहर के गणमान्यों ने भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
जानिए कि शहर के ख्यात राम प्रताप साह हलवाई के पौत्र उत्तम कुमार साह व पौत्रवधू पूनम देवी की पुत्री रियांशी गुप्ता टेबल टेनिस में दर्जनों बार नेशनल खेल चुकी है और अनेक पुरस्कार भी जीत चुकी है। बिहार सरकार ने टेबल टेनिस में रियांशी की क्षमता को देखकर उसे खेल सम्मान से सम्मानित भी किया है।
चलते-चलते यह भी बता दें कि कोच प्रदीप श्रीवास्तव के निर्देशन में रियांशी ने टेबल टेनिस की शुरुआत की और आज प्रदेश और देश में अपनी अलग पहचान बना चुकी है। मधेपुरा टे.टे. एसोसिएशन के संरक्षक डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने रियांशी की प्रतिभा को देखते हुए उसके पिता से बाहर के सर्वश्रेष्ठ कोच से ट्रेनिंग दिलाने की चर्चा यह कहते हुए की कि अर्थ के अभाव में वे भी सहयोग करेंगे।