प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग मधुबनी की चहारदीवारी को लांघकर….. भारतीय सरहद को पार करते हुए अंतरराष्ट्रीय आकाश में उड़ान भरने लगी है। एक समय था जब मधुबनी पेंटिंग से मधुबनी स्टेशन को ही सजा-सजाकर दर्शनीय बनाया गया था। बाद में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के डब्बों पर बनी मधुबनी की मिथिला पेंटिंग्स दिल्ली के लोगों सहित विदेशियों को भी भाने लगा…. और अब तो जापान की बुलेट ट्रेनें भी मिथिला पेंटिंग से जल्द ही सजने जा रही हैं।
बता दें कि जापान से इस संबंध में भारतीय रेल मंत्रालय को सूचना आई है। जापान सरकार ने भारतीय रेल मंत्रालय से मधुबनी पेंटिंग्स के कलाकारों की टीम भेजने का आग्रह भी किया है। रेल मंत्रालय ने कलाकारों को भेजने की कवायद भी शुरू कर दी है। समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आर.के.जैन द्वारा इस आशय की जानकारी दी गई कि प्रसिद्धि प्राप्त मिथिला पेंटिंग अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है। तभी तो पेंटिंगें जापानी बुलेट ट्रेनों की भी शोभा बढ़ायेंगी।
यह भी बता दें कि भारतीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पहली बार समस्तीपुर मंडल ने “बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस” को मिथिला पेंटिंग्स से सजाकर वाहवाही बटोरी थी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी इसे सराहा था तथा ट्रेनों में उकेरी गई ‘मिथिला पेंटिंग्स’ से सर्वाधिक विदेशी प्रभावित हैं।
यह भी जानिए कि जापान इस धरती पर ऐसा देश है जहाँ “मिथिला म्यूजियम” भी है। इस म्यूजियम को बनाने का श्रेय जापान के महान संगीतकार टोकियो हासेगावा को जाता है। जापान-भारत सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने वाली संस्था के यशस्वी प्रतिनिधि हैं- हासेगावा !
चलते-चलते यह कि जापान ने मिथिला पेंटिंग की खूबसूरती देखकर इस कला से जुड़े चित्रकारों की विभिन्न टीमों को भेजने का अनुरोध भारतीय रेल मंत्रालय से किया है।