भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा की अंगीभूत इकाई राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय सहरसा के 6 शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के उपरांत विदाई समारोह का आयोजन महाविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा दिनांक 30 जनवरी 2019 को किया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रधानाचार्य मेजर डॉ.अनिल कांत मिश्र ने की। सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों में डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.शैलेंद्र झा, डॉ.राजेंद्र प्रसाद यादव, डॉ.राधेश्वर झा, डॉ.सुशील कुमार सिंह एवं डॉ.सरबरे इस्लाम के नाम उल्लेखनीय हैं। संघ की ओर से पुष्पगुच्छ, शाॅल, डायरी, कलम, वस्त्र एवं गीता ग्रंथ सभी शिक्षकों को भेंट स्वरूप प्रदान किए गए। अधिषद् सदस्य डॉ.अरुण कुमार खाँ एवं डॉ.शैलेश्वर प्रसाद ने सेवानिवृत्त शिक्षकों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का परिचय दिया तथा स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी। संघ के अध्यक्ष डॉ.अक्षयवट ठाकुर ने महाविद्यालय की स्वस्थ परंपरा एवं उसकी विशिष्टता में उक्त शिक्षकों के अवदान की चर्चा की।
अपने उद्बबोधन में प्राचार्य डॉ.मिश्र ने डॉ.विनय कुमार चौधरी को अनुशासन, ज्ञान, शिक्षा, प्रशासनिक क्षमता, सहजता एवं लोक व्यवहार के प्रतिनिधि पुरुष की संज्ञा देते हुए कहा कि डॉ.चौधरी ने अपने 37 वर्षों की शैक्षिक सेवा में अनेकानेक अप्रतिम योगदान दिए। महाविद्यालय के बरसर (अर्थपाल), एनएसएस पदाधिकारी, आइ.क्यू.ए.सी. (नैक) के सचिव, सांस्कृतिक परिषद के समन्वयक आदि के क्षेत्र में उनके अवदान के कारण ही महाविद्यालय इतनी ऊंचाई प्राप्त कर सका। यूजीसी द्वारा संपोषित तीन-तीन राष्ट्रीय सेमिनारों का आयोजन, एनटीएम मैसूर सम्पोषित अनेक कार्यशालाओं का आयोजन, स्कील मैनेजमेंट संबंधी संगोष्ठी में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व, इग्नू द्वारा बेस्ट काउंसलर की प्रमाण-उपलब्धता आदि ने महाविद्यालय को गौरव प्रदान किया।
यह भी बता दें कि डॉ.विनय कुमार चौधरी ने पांच मौलिक ग्रंथों की रचना की, तीन ग्रंथों के अनुवाद का मूल्यांकन (रिव्यू) किया, 4 शोध छात्र-छात्राओं का सफल मार्गदर्शन किया, अनेकानेक सेमिनारों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए तथा व्याख्यान दिए। डॉ.चौधरी के प्रयास का ही परिणाम था कि महाविद्यालय को नैक से मान्यता मिली तथा महाविद्यालय को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ घोषित किया गया। पिछले वर्ष 2018 में डॉ.चौधरी “साहित्य अकादमी- भारत सरकार पुरस्कार” के जुुुुरी (निर्णायक) नियुक्त किए गए थे। ऐसे व्यक्ति के बिछुड़ने से दुख ही नहीं सदमा जैसा लगता है, परंतु सेवाशर्त की परिणिति भी तो यही है।
चलते-चलते यह भी बता दें कि बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय में विकास पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, कुलानुशासन एवं कुलसचिव आदि पदों पर रह चुके प्रोफेसर (डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने दूरभाष पर डॉ.चौधरी को कर्मयोगी एवं उद्धात्त चेतना का मानव मानते हुए दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी। भू ना मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के कुलपति प्रो. (डॉ.)अवध किशोर राय ने भी अपनी शुभकामना दूरभाष पर दी तथा 5 फरवरी 2019 तक सेवान्त लाभ भुगतान का आश्वासन दिया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो.आशुतोष कुमार झा सचिव ने किया।