समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल की 116वीं जयन्ती आज मधेपुरा भूपेन्द्र चौक पर प्रातः 8:00 बजे डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी की अध्यक्षता में उत्साहपूर्वक मनाई गई। सवेरे से तुलसी पब्लिक स्कूल, ज्ञानदीप निकेतन, शांति आदर्श एवं अधिकलाल मध्य विद्यालय आदि के बच्चों द्वारा समाजवादी भूपेन्द्र की जयन्ती के बाबत प्रभात फेरी निकाली गई। नारे लगाये गये….. सैकड़ों तख्तियों पर उनकी तस्वीरें लहराई दिखी।
भूपेन्द्र चौक पर आयोजित जयंती समारोह के उद्घाटनकर्ता माननीय कुलपति डॉ.अवध किशोर राय द्वारा प्रतिमा पर प्रथम माल्यार्पण किया गया। अपने संबोधन में कुलपति ने शिक्षण व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका यही सपना है- छात्र और शिक्षक वर्ग में पढ़ते एवं पढ़ाते हुए दिखे। उन्होंने विश्वविद्यालय में किये गये सकारात्मक कार्यों का उल्लेख किया और शहर के गणमान्यों-साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ, पूर्व कुलसचिव शचीन्द्र, डॉ.आलोक कुमार, मो.शौकत अली……. आदि को अवगत कराते हुए हर क्षण विश्वविद्यालय को ऊंचाई देने हेतु प्रयासरत रहने का वचन दोहराया।
मुख्य अतिथि हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ जैसे इतिहासकार ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में मधेपुरा के योगदान की विस्तृत चर्चा की। श्री शलभ ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू ने यहां समाजवाद का जो मंत्र दिया वह दीर्घकाल तक यहाँ के लोगों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने डॉ.मधेपुरी रचित “बूंद-बूंद सच एक सागर का” की जमकर चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कुलपति महोदय को शाल व बुके आदि से सम्मानित किया तथा इस अवसर पर उनके हाथों 3 निर्धन को कंबल और सभी स्कूलों के प्रधान को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। अंत में डॉ.मधेपुरी ने भूपेन्द्र नारायण मंडल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें मसीहा, फरिश्ता तथा अछूतों का अग्रदूत कहकर संबोधित किया। आवागमन बाधित होते देख अध्यक्ष ने वक्ताओं को समय नहीं दे पाने के लिए क्षमा प्रार्थी बन हाथ जोड़ लिया।

इस बार भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में कुलपति ने शानदार समारोह आयोजित करने के लिए कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार को बधाई देते हुए कहा कि समाजवादी सोच वाले भूपेन्द्र बाबू के इस विश्वविद्यालय में जिन 85 कारसेवकों को 25 वर्षों से किसी ने नहीं देखा था उसे देखने की प्रेरणा उन्हें उसी प्रतिमा से मिली। कुलपति ने कहा कि महान लोगों की प्रतिमा प्रेरणास्रोत होती है।
समारोह को प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली, डॉ.शिवमुनि यादव, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार, कर्मचारी संघ के सचिव डॉ.राजेश्वर राय आदि ने संबोधित किया। देर से पहुंचे डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने बस इतना ही कहा कि जब भी उस मनीषी भूपेन्द्र के बारे में वे बोलने और लिखने बैठते हैं तो उन्हें अपनी लघुता का अहसास होने लगता है जबकि वे उस समाजवादी नेता के साथ गांव-गांव बैलगाड़ी से और शहर-शहर रेल गाड़ी से घूमते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिनके बारे में डॉ.लोहिया मधेपुरा वासियों से एक महती जनसभा में बोल रहे थे-
हे मधेपुरा के लोगो ! जानते हो…… मैं बार-बार मधेपुरा क्यों आता हूँ, क्योंकि मधेपुरा की धरती ने भूपेन्द्र नारायण मंडल जैसे सपूत को पैदा किया है जो गरीबों की समस्याओं को निर्भीकतापूर्वक पार्लियामेंट में उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे।
अंत में कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार ने भूपेन्द्र नारायण मंडल के समाजवाद को सलाम किया और उसे जीने के लिए सबों से अनुरोध किया। धन्यवाद ज्ञापन किया विकास पदाधिकारी डॉ.ललन प्रसाद अद्री ने और मंच संचालन किया पृथ्वीराज यदुवंशी ने।