अहिंसक संघर्ष के जरिये देश को आजाद कराने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि जिले के सभी प्रखंडों से लेकर मुख्यालयों में उत्साह पूर्वक मनाई गई…..। सवेरे से चतुर्दिक यही गीत गूंजते हुए सुनाई देता रहा- हम लाये हैं तूफान से किश्ती निकाल के…. इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के….
बता दें कि सर्वप्रथम डीएम नवदीप शुक्ला, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती मंजू देवी, उपाध्यक्ष अधिवक्ता रघुनंदन दास, समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, डॉ.नरेश कुमार सीनेटर आदि ने शहीद चुल्हाय मार्ग पर अवस्थित जिला परिषद के परिसर में बापू की प्रतिमा पर एवं 30 जनवरी को ही शहीद हुए चुल्हाय यादव के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि किया। लगे हाथ समाहरणालय मधेपुरा के परिसर में निवर्तमान डीएम मो.सोहैल के कार्यकाल में निर्मित बापू की प्रतिमा पर वर्तमान डीएम नवदीप शुक्ला , एसडीएम वृंदा लाल , वरीय डिप्टी कलक्टर अल्लामा मुख्तार और समाजसेवी डॉ.मधेपुरी, जिप अध्यक्ष मंजू देवी, मो.शौकत अली आदि ने माल्यार्पण किया।
बता दें कि मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन किया गया। स्काउट एंड गाइड के जयकृष्ण प्रसाद यादव द्वारा प्रार्थना संचालन किया गया। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई और सिख धर्म के धार्मिक उपदेशक आचार्य तेज नारायण यादव, मो.सलाउद्दीन, कुंदन कुमार पिंटू एवं गुरिंदरजीत सिंह ने भाग लिया।
आजादी की बात जब भी उठती है तो पहले महात्मा गाँधी का नाम आता है- यह बात कहकर डीएम नवदीप शुक्ला द्वारा उपस्थित जनों के बीच दो संकल्पों को निष्ठापूर्वक दोहराया गया – जिसमें एक कुष्ठ रोग एवं दूसरा नशा से संबंधित है। नशा वही है जो आदमी के शरीर एवं आत्मा दोनों को जर्जर कर देती है। जिला व्यवहार न्यायालय मधेपुरा के जजों एवं न्यायालय कर्मियों द्वारा भी बापू की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
कुलपति डॉ.अवध किशोर राय द्वारा बीएनएमयू के साउथ कैंपस में सामान्य शाखा एवं परीक्षा विभाग के बीच वाले पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया और माल्यार्पण भी। मौके पर प्रतिकुलपति, कुलसचिव, पीआरओ, डीन एवं संपदा पदाधिकारी आदि द्वारा पुष्पांजलि की गई। इस अवसर पर प्रतिमा के अनावरण के बाद कुलपति डॉ.राय ने कहा कि आज भी गांधीवाद की प्रासंगिकता है…. तभी तो दुनिया के युवा आज गांधी के विचारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। गांधी सर्वधर्म समभाव के हिमायती थे….. गाँधी के विचार हमेशा जीवित रहेंगे।
चलते-चलते यह भी बता दें कि दूर देहातों में इस बार फिल्म दिखाकर लोगों को गांधीवादी बनने के लिए जागरुक किया गया….. क्योंकि गाँधी के बताए रास्ते पर चलकर ही देश में शांति और उन्नति को ऊँचाई मिलेगी।