Samajsevi Sahityakar Dr.Bhupendra Madhepuri, BEO Janardan Prasad Nirala ,Principal Santosh Kumar and others taking part in samapan samaroh of 1 year Training program organised by National Institute of Open Learning at S.N.P.M. +2 School Madhepura.

एसएनपीएम +2 विद्यालय में सेमिनार समापन समारोह संपन्न

मधेपुरा के शिवनंदन प्रसाद मंडल उच्च माध्यमिक विद्यालय में जिले के सभी प्रखंडों के सैकड़ों अप्रशिक्षित शिक्षकों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) द्वारा संचालित डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) का प्रशिक्षण 1 वर्ष से ज्यादे समय से चलते हुए आज सेवाकालीन प्रशिक्षण का भव्य समापन प्राचार्य संतोष कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर परिचर्चा हेतु दो विषयों का चयन किया गया- (1) राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा यानि NCF-2005 जिसे नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005 के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हो चुका है। (2) आधी आबादी के लिए- नारी शिक्षा का महत्व।

इस अवसर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद निराला के अतिरिक्त प्रशिक्षुओं एवं शिक्षकों ने परिचर्चा में जमकर भागीदारी निभाई। महिला प्रशिक्षण में महिला शिक्षा के महत्व पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। आरम्भ में आगत अतिथियों का स्वागत शाल एवं बुके देकर किया गया। इससे पूर्व अतिथियों ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया।

बता दें कि मुख्य वक्ता के रूप में मुख्य अतिथि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने अपने संबोधन में शिक्षा और शिक्षक के महत्व की जानकारियां देने हेतु लॉर्ड एडेनबरो द्वारा द्वारकानाथ टैगोर से कही गई बातों की चर्चा की। जब एडेनबरो ने पूछा कि यदि हिन्दुस्तान के लोग शिक्षित हो जायें तो हमलोग यहां 3 महीना भी ठहर सकेंगे ? इस प्रश्न का जवाब रविंद्र नाथ टैगोर के दादा श्री द्वारका नाथ टैगोर ने यही कह कर दिया….. कि 3 हफ्ता भी नहीं। डॉ.मधेपुरी ने विदेशों में शिक्षकों की गरिमा की ऊंचाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका में शिक्षकों और वैज्ञानिकों को ही वीआईपी कहा जाता है। महिला शिक्षा के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज की तारीख में संसार में सबसे अधिक महिला पायलट भारत में ही है।

अंत में सारे प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट का वितरण किया गया। डॉ.मधेपुरी, प्राचार्य संतोष कुमार, पूर्व प्राचार्य मो.शकील अहमद सहित शिक्षक वृंद-शिवनारायण पंडित, कुमारी मीना मधुलिका, मंजू कुमारी , रमेश कुमार रमण, आकाश कुमार, विकास कुमार, अमृता कुमारी, सुधा कुमारी, आशुतोष आशीष, आनंद रंजन….. और मंच संचालक डॉ.अमलेश कुमार।

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