भारतरत्न से विभूषित होंगे प्रणब, नानाजी और हजारिका

केन्द्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक नानाजी देशमुख और गायक भूपेन हजारिका को भारतरत्न देने की घोषणा की है। नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मरणोपरांत यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलेगा। बता दें कि इस बार भारतरत्न की घोषणा चार साल बाद हुई है। इससे पहले 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं स्वतंत्रता सेनानी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को भारतरत्न से नवाजा गया था।

2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में रहे हैं। उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिराती में हुआ था। 1969 में वे राज्यसभा के सदस्य बने और आगे चलकर वित्त, रक्षा, विदेश, विधि और वाणिज्य जैसे मंत्रालयों को संभाला। उनके संसदीय अनुभव और अद्भुत कार्यकुशलता का लोहा विरोधी भी मानते हैं। वे न केवल बहुत बड़े व सम्मानित स्टेट्समैन बल्कि अपने आप में चलते-फिरते संस्थान हैं।

नानाजी देशमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक, समाजसेवी और भारतीय जनसंघ के नेता थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के कडोली नामक छोटे से कस्बे में 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था। नानाजी बाल गंगाधर तिलक की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर समाज सेवा के क्षेत्र में आए। इसके बाद संघ के सरसंघचालक डॉ. केवी हेडगेवार के संपर्क में आकर संघ के विभिन्न प्रकल्पों के जरिए पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में लगा दिया। 27 फरवरी 2010 को 95 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 में असम के सादिया जिले में हुआ था। गायक, गीतकार और संगीतकार के रूप में उनकी अप्रतिम ख्याति है।1936 में उन्होंने अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था। 1977 में उन्हें पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण, 2012 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। 5 नवंबर 2011 को उनका निधन हो गया। उनकी लोकप्रियता ऐसी थी कि उनकी अंतिम यात्रा में 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

चलते-चलते बता दें कि इन तीन विभूतियों से पहले 45 हस्तियों को भारतरत्न सम्मान दिया जा चुका है। अब यह संख्या 48 हो गई है।

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