15 जनवरी 2019 (मंगलवार) को अमर शहीद चुल्हाय यादव की 99वीं जयंती समारोह पूर्वक प्रो.श्यामल किशोर यादव की अध्यक्षता में मनाई गई। समारोह के उद्घाटनकर्ता बिहार सरकार के पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो.चंद्रशेखर एवं मुख्यवक्ता के रूप में बीएनएमयू के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी के अतिरिक्त सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र की हस्तियों के रूप में बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृष्ण कुमार यादव, राजकिशोर यादव….. सहित शहीद चुल्हाय स्मारक समिति मनहरा-बराही-सुखासन के पूर्व मुखिया जनार्दन प्रसाद यादव, सचिव डॉ.नरेश कुमार, अध्यक्ष प्रो.जयकृष्ण यादव व अन्य क्रांतिकारी युवाओं की उपस्थिति देखी गई।
बता दें कि मनहरा चौक पर गत वर्ष स्थापित शहीद चुल्हाय की प्रतिमा पर मंगलवार को माल्यार्पण व पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। शहीद चुल्हाय के स्मारक के निकट अवस्थित प्राथमिक विद्यालय मनहरा के परिसर में शहीद चुल्हाय के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया- उद्घाटनकर्ता पूर्व मंत्री एवं मधेपुरा विधान सभा के वर्तमान विधायक प्रो.चंद्रशेखर ने। अपने संबोधन में उन्होंने आसपास के ग्रामीणों, बच्चों एवं युवाओं से यही कहा कि शहीद चुल्हाय ने अपनी शहादत देकर हमें आजादी दिलाई परन्तु सरकारी हाथों से शहीदों के सपनों को चकनाचूर किया जा रहा है और अब भी लोग चुप हैं….. उन्हें गुस्सा क्यों नहीं आता है ?
मुख्यवक्ता के रूप में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में लोहिया, जयप्रकाश, रास बिहारी लाल मंडल, शिवनंदन प्रसाद मंडल, भूपेन्द्र नारायण मंडल, राम बहादुर सिंह (पंचगछिया), परमेश्वर कुंवर, कार्तिक प्रसाद सिंह, कमलेश्वरी प्रसाद मंडल (सुखासन), मो.कुदरतउल्लाह सहित सभी क्रांतिकारियों की विस्तार से चर्चा करते हुए 26 जनवरी 1943 को आजादी के दीवाने चुल्हाय द्वारा मधेपुरा के ट्रेजरी बिल्डिंग पर तिरंगा फहराने से लेकर गोरों द्वारा पकड़े जाने व पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने तक की संवेदनायुक्त चर्चा की। कोसी के साहित्य में हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ, डॉ.मधेपुरी एवं क्रांति गाथा के कवि डाॅ.जीपी शर्मा द्वारा शहीद चुल्हाय की विस्तृत चर्चा की गई है। डॉ.मधेपुरी ने क्रांतिगाथाा की इन पंक्तियों को सुना कर सबको भावुक कर दिया-
प्रखर ग्राम मनहरा-सुखासन फूलचन्द थे एक किसान।
जिनका पुत्र चुल्हाई यादव ने रखा धरती का मान।।
मधेपुरा में बीच सड़क पर सत्याग्रही युवक को मार।
गोरों ने सूरपुर पहुंचाया गई है अहिंसा सचमुच हार।।
कंठ-कंठ में आज चुल्हाई की उज्जवल गौरव गाथा।
इस शहीद ने किया कौशिकी अंचल का ऊंचा माथा।।
अंत में अपने संबोधन में डॉ.मधेपुरी ने मनहरा-सुखासन की त्रिमूर्ति बाबू कीर्ति नारायण मंडल को कोसी के मदन मोहन मालवीय, शहीद चुल्हाय को भगत सिंह एवं सुखासन के कमलेश्वरी प्रसाद मंडल को कबीर कह कर सम्मानित किया। साथ ही मधेपुरा में जो डॉ.मधेपुरी ने शहीद चुल्हाय के नाम- शहीद चुल्हाय मार्ग, शहीद चुल्हाय उद्यान एवं शहीद पार्क बनवाया है उसकी जानकारी उपस्थित दर्शकों को दी और दो जगहों पर उनकी प्रतिमाएं स्थापित करने की भी चर्चाएं की। इन घोषणाओं पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई।
समारोह को शहीद स्मारक समिति के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव एवं बाहर से आए अतिथि बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृष्ण कुमार यादव, राजकिशोर यादव, जनार्दन प्रसाद यादव, जगदीश प्रसाद यादव आदि ने भी संबोधित किया। नीतेश कुमार, अमित कुमार…….. व सारे युवाओं की टीम अंत तक लगे रहे। अध्यक्षीय संबोधन में बी एन मंडल वाणिज्य महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर यादव ने समिति के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि आगामी वर्ष शहीद चुल्हाय की शताब्दी जन्मशती जयंती को यादगार जयंती के रूप में मनाने की तैयारी के लिए तैयार रहें। इसी के साथ धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समापन की घोषणा कर दी गई।