बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नाम लिये बगैर उन्हें कथित रूप से अंगूठाछाप करार देने संबंधी केन्द्रीय मंत्री व लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के बयान पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने उन्हें आड़े हाथों लिया और इस मामले में उनका घेराव करने की बात कही।
गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने के निर्णय को आरजेडी ने गलत करार दिया था, जिसके बाद पासवान ने शुक्रवार को राबड़ी देवी का नाम लिए बिना कथित रूप से कहा था कि बिहार में कोई भी अनपढ़ (अंगूठाछाप) मुख्यमंत्री बन जाता है। इस पर तेजप्रताप ने कहा, “रामविलासजी को इस तरह का अपशब्द एक महिला को लेकर बोलना शोभा नहीं देता।”
तेजप्रताप ने नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट के जरिए भी रामविलास पर प्रहार किया और कहा, ‘‘नारी जन्म देती है, ममता देती है और माफ भी कर देती है लेकिन इतिहास साक्षी है कि नारी का अपमान करने वाले बड़े-बड़े रावण और दुर्योधन भी नहीं बचे तो इन मौकापरस्त नेताओं की क्या औकात है।’’
बहरहाल, एक पुत्र के रूप में तेजप्रताप की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन क्या राबड़ी देवी अनपढ़ नहीं थीं? और क्या उनका मुख्यमंत्री बनना लोकतंत्र के साथ मजाक नहीं था? उसी लोकतंत्र के साथ जिसकी आरजोडी वाले इन दिनों दुहाई दे रहे हैं?