मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार सूबे बिहार में पैतृक जमीन व पारिवारिक संपत्ति का रजिस्टर्ड बँटवारा अब मात्र ₹100 देकर कराया जा सकेगा जिसके लिए प्रायः परिवार को जमीन के सर्किल रेट के अनुसार लाखों रुपये और कुछ को तो करोड़ों रुपये रजिस्ट्री शुल्क एवं स्टांप ड्यूटी के मद में देने पड़ते थे। नीतीश सरकार में पारिवारिक संपत्ति विवाद के मामलों को समाप्त करने के इरादे से निबंधन शुल्क ₹100 करने का फैसला लिया है।
बता दें कि वर्तमान में जमीन या पारिवारिक संपत्ति के बाजार भाव का 2 प्रतिशत निबंधन शुल्क एवं 3 प्रतिशत स्टांप शुल्क जमा करने पर ही रजिस्ट्री होती थी जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा अब मात्र 100 रुपये स्टांप-निबंध (₹50+ ₹50) शुल्क निर्धारित कर दिया गया है।
गृह विभाग के प्रधान सचिव सह अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि राज्य में पारिवारिक संपत्ति एवं पैतृक जमीन को लेकर हिंसा और मारपीट जैसी घटनाएं आए दिन होती हैं। इन्हीं समस्याओं, वारदातों एवं रोज-ब-रोज की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने पारिवारिक संपत्ति की निबंधन दरों को लगभग समाप्त करते हुए जमीन रजिस्ट्री शुल्क ₹50 कर दिया है। इसके अतिरिक्त स्टांप शुल्क के ₹50 मात्र अलग से लगेंगे।
राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी के अनुसार सरकार की ऐसी मान्यता है कि इस प्रस्ताव के अधिसूचित होते ही पैतृक एवं पारिवारिक संपत्ति से जुड़े विवाद के मामलों में तेजी से कमी आएगी साथ ही सूबे की विधि व्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा….. तथा आम लोग सर्वाधिक लाभान्वित होंगे।